लखवाड़ परियोजना को व्यय वित्त समिति से मिली हरी झंडी, पढ़िए पूरी खबर

केंद्रीय जल शक्ति मंत्रालय की व्यय वित्त समिति ने 300 मेगावाट की बहुद्देश्यीय जलविद्युत परियोजना को हरी झंडी दिखा दी। नई दिल्ली में ऊर्जा मंत्री डा हरक सिंह रावत ने केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत से मुलाकात की।

By Sunil NegiEdited By: Publish:Thu, 23 Sep 2021 08:59 AM (IST) Updated:Thu, 23 Sep 2021 08:59 AM (IST)
लखवाड़ परियोजना को व्यय वित्त समिति से मिली हरी झंडी, पढ़िए पूरी खबर
ऊर्जा मंत्री डा हरक सिंह रावत ने नई दिल्ली में केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत से मुलाकात की।

राज्य ब्यूरो, देहरादून। प्रदेश की मुराद जल्द पूरी होने जा रही है। 300 मेगावाट की बहुद्देश्यीय जलविद्युत परियोजना को केंद्रीय जल शक्ति मंत्रालय की व्यय वित्त समिति ने हरी झंडी दिखा दी। इसे अगली केंद्रीय कैबिनेट के समक्ष रखने की तैयारी है। उम्मीद की जा रही है कि इस परियोजना के शिलान्यास के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी नवंबर में उत्तराखंड आ सकते हैं।

ऊर्जा मंत्री डा हरक सिंह रावत की लखवाड़ परियोजना को जल्द शुरू कराने की कोशिशें रंग लाती दिख रही हैं। बुधवार को डा रावत ने नई दिल्ली में केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत से मुलाकात की। डा रावत ने परियोजना को व्यय वित्त समिति से मंजूरी मिलने पर केंद्रीय मंत्री का आभार जताया।

ऊर्जा मंत्री डा रावत ने बताया कि परियोजना को राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण के निर्देशानुसार पर्यावरण वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय से पुनरीक्षित पर्यावरण स्वीकृति बीते दो फरवरी को मिल चुकी है। इसके बाद जल शक्ति मंत्रालय की इस समिति से स्वीकृति मिलना शेष था। उन्होंने इस परियोजना के शिलान्यास के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को केंद्रीय जल शक्ति मंत्रालय के माध्यम से भी न्योता देने की पैरवी की है।

परियोजना को 90 फीसद मिलेगा केंद्रीय अनुदान

करीब साढ़े पांच हजार करोड़ लागत की इस परियोजना को अगली केंद्रीय कैबिनेट में भी रखा जाएगा। केंद्रीय कैबिनेट से मंजूरी मिलने के बाद परियोजना के गजट नोटिफिकेशन का रास्ता साफ हो जाएगा। इसके बाद राज्य सरकार परियोजना का कार्य प्रारंभ कर सकेगी। यह बहुद्देश्यीय योजना पर केंद्र से 90 फीसद अनुदान मिलेगा। शेष 10 फीसद राशि में परियोजना से जुड़े छह राज्यों में उत्तराखंड, हिमाचल, उत्तरप्रदेश, दिल्ली, हरियाणा व पंजाब की हिस्सेदारी होगी। उत्तराखंड के हिस्से में तकरीबन 10 फीसद में से दो से तीन फीसद खर्च की हिस्सेदारी आएगी।

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