पंजाब प्रभारी के दायित्व से मुक्त होने के बाद जानिए क्या बोले उत्तराखंड के पूर्व सीएम हरीश रावत

हरीश रावत अब राज्य की सियासत में खुलकर खेल सकेंगे। उन्हें पंजाब प्रभारी के दायित्व से मुक्त कर दिया गया है। पार्टी के इस कदम से खुश हरीश रावत ने लगे हाथों पंजाब के मुख्यमंत्री और मंत्रियों को उत्तराखंड में होने वाले चुनाव में आने का न्योता भी दे डाला।

By Raksha PanthriEdited By: Publish:Fri, 22 Oct 2021 04:36 PM (IST) Updated:Fri, 22 Oct 2021 10:16 PM (IST)
पंजाब प्रभारी के दायित्व से मुक्त होने के बाद जानिए क्या बोले उत्तराखंड के पूर्व सीएम हरीश रावत
पंजाब प्रभारी के दायित्व से मुक्त होने के बाद जानिए क्या बोले उत्तराखंड के पूर्व सीएम हरीश रावत।

राज्य ब्यूरो, देहरादून। पूर्व मुख्यमंत्री और प्रदेश कांग्रेस चुनाव अभियान समिति के अध्यक्ष हरीश रावत अब राज्य की सियासत में खुलकर खेल सकेंगे। कांग्रेस हाईकमान ने उन्हें पंजाब प्रभारी के दायित्व से मुक्त कर दिया। पार्टी के इस कदम से खुश हरीश रावत ने लगे हाथों पंजाब के मुख्यमंत्री और मंत्रियों को उत्तराखंड में होने वाले चुनाव में प्रचार के लिए आने का न्योता भी दे डाला है।

उत्तराखंड में 2022 में होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए अब ज्यादा वक्त शेष नहीं है। कांग्रेस ने हरीश रावत को राज्य में मुख्यमंत्री का चेहरा भले ही घोषित नहीं किया, लेकिन चुनाव अभियान समिति की कमान उन्हें सौंपी है। चुनावी नैया के खेवनहार बने हरीश रावत बतौर पंजाब कांग्रेस प्रभारी खुद को असहज महसूस कर रहे थे। पंजाब के सियासी घटनाक्रम के चलते उनकी सक्रियता वहां लंबे अरसे से बनी हुई थी। इस वजह से उत्तराखंड में चुनाव अभियान को अपेक्षित गति देने के लिए वक्त की कमी के दर्द को वह कई दफा बयान कर चुके हैं।

शुक्रवार को इंटरनेट मीडिया पर अपनी पोस्ट में उन्होंने पंजाब प्रदेश प्रभारी की जिम्मेदारी से मुक्त करने के लिए कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी व राहुल गांधी का आभार जताया। उन्होंने कहा कि पार्टी नेतृत्व ने उनके अनुरोध को स्वीकार कर लिया। हरीश रावत ने इस संबंध में बीते बुधवार को नई दिल्ली में राहुल गांधी से मुलाकात भी की थी। उन्होंने कहा कि पंजाब कांग्रेस व पंजाब के प्रति उनका प्रेम, स्नेह व समर्थन यथावत रहेगा। पंजाब में आगामी चुनाव के दौरान वह पार्टी के साथ खड़ा होने के लिए वहां जाएंगे।

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उन्होंने पंजाब कांग्रेस के नेतृत्व, विशेष रूप से मुख्यमंत्री, कुछ मंत्रियों और कांग्रेस अध्यक्ष से भी उत्तराखंड के चुनाव में रुचि लेने का अनुरोध भी कर डाला। पंजाब की जिम्मेदारी से मुक्त होने के बाद उत्तराखंड में हरीश रावत की चुनावी सक्रियता में इजाफा होना तय है। कांग्रेस प्रदेश में सरकार और सत्तारूढ़ दल भाजपा के खिलाफ अपने चुनावी अभियान को और गति देती दिखाई देगी।

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