Delhi-Dehradun Economic Corridor से ढाई घंटे में पूरा होगा सफर, जानें- इससे जुड़ी कुछ और खास बातें भी

Delhi Dehradun Economic Corridor उत्तराखंड में जिस दिल्ली-देहरादून आर्थिक गलियारा (इकोनामिक कारीडोर) का शिलान्यास किया गया है उसके बन जाने से देहरादून से दिल्ली का सफर सिर्फ ढाई घंटे में तय किया जा सकेगा। इससे राज्य को खासा लाभ होगा।

By Raksha PanthriEdited By: Publish:Sat, 04 Dec 2021 02:54 PM (IST) Updated:Sat, 04 Dec 2021 09:22 PM (IST)
Delhi-Dehradun Economic Corridor से ढाई घंटे में पूरा होगा सफर, जानें- इससे जुड़ी कुछ और खास बातें भी
Delhi-Dehradun Economic Corridor से ढाई घंटे में होगा सफर।

आनलाइन डेस्क, देहरादून। Delhi-Dehradun Economic Corridor प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने उत्तराखंड में जिस दिल्ली-देहरादून आर्थिक गलियारा (इकोनामिक कारीडोर) का शिलान्यास किया, उसके बन जाने से देहरादून से दिल्ली का सफर ढाई से तीन घंटे में तय किया जा सकेगा। इससे राज्य को खासा लाभ होगा। 8600 करोड़ की लागत का ये इकोनोमिक कारिडोर 175 किलोमीटर लंबा है। तो चलिए आपको इसके बारे में कुछ खास बातें बताते हैं।

उत्तराखंड की राजधानी देहरादून से दिल्ली का सफर आने वाले कुछ समय में ढाई से तीन घंटे में पूरा किया जा सकेगा। ये होगा दिल्ली-देहरादून के बीच बनने वाली इकोनामिक कारिडोर के जरिये। इसमें एलिवेटेड एक्सप्रेस वे बनाया जाना है। आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसका शिलान्यास किया। इससे न सिर्फ दून से दिल्ली का सफर आसान होगा, बल्कि उत्तराखंड के पर्यटन को भी पंख लगेंगे।

दिल्ली से देहरादून तक इसे चार सेक्शन में बांटा गया है। पहला सेक्शन दिल्ली से बागपत का है। इसमें छह लेन कमर्शियल वे और छह लेन एक्सप्रेस वे बनाई जाएंगी। दूसरा सेक्शन बागपत से सहारनपुर तक है, जबकि तीसरा सेक्शन गणेशपुर से देहरादून के लिए बनेगा। इस पूरे मार्ग को फोर लेन का बनाया जाएगा। देहरादून में डाट काली मंदिर के पास एक और सुरंग निर्माण किया जाएगा। राजमार्ग इस तरह से बनाया जाएगा कि वाहन इस पर सौ किमी प्रतिघंटे की रफ्तार से चल सकें। ऐसे में देहरादून से दिल्ली की दूरी ढाई से तीन घंटे में पूरी हो सकेगी।

जानिए देहरादून-दिल्ली इकोनोमिक कारिडोर के बारे में

दून से दिल्ली का सफर होगा आसान, यात्रा का समय छह घंटे से घटकर होगा ढाई से तीन घंटा। हरिद्वार, मुजफ्फरनगर, शामली, यमुनानगर, बागपत, मेरठ और बड़ौत को जोड़ने को होंगे सात प्रमुख इंटरचेंज। 500 मीटर के अंतराल पर बारिश के जल का संचयन और 400 से अधिक वाटर रिचार्ज प्वाइंट की व्यवस्था होगी। एशिया का सबसे बड़ा वन्यजीव ऊंचा गलियारा (12 किमी), डाटकाली मंदिर के पास सुरंग बनेगी, जिससे वन्यजीवों पर कोई खतरा नहीं मंडराएगा।

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