सैन्यधाम के लिए ली गई शहीद मेजर चित्रेश बिष्ट के आवास की मिट्टी, जानें- देश के लिए जान देने वाले इस जांबाज की कहानी

सीएम धामी ने शहीद मेजर चित्रेश बिष्ट के आवास पर पहुंच उनके चित्र पर श्रद्धांजलि अर्पित की। साथ ही सैन्यधाम के लिए उनके आंगन की पवित्र मिट्टी ली। सीएम धामी ने कहा देश के लिए शहीद हुए चित्रेश बिष्ट और उत्तराखंड के सभी शहीदों पर गर्व है।

By Raksha PanthriEdited By: Publish:Wed, 01 Dec 2021 03:27 PM (IST) Updated:Wed, 01 Dec 2021 10:54 PM (IST)
सैन्यधाम के लिए ली गई शहीद मेजर चित्रेश बिष्ट के आवास की मिट्टी, जानें- देश के लिए जान देने वाले इस जांबाज की कहानी
सैन्यधाम के लिए ली गई शहीद मेजर चित्रेश बिष्ट के आवास की मिट्टी।

जागरण संवाददाता, देहरादून: उत्तराखंड के पांचवें धाम सैन्यधाम के लिए सरकार शहीदों के आंगन की मिट्टी एकत्रित कर रही है। इसी क्रम में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी बुधवार को शहीद मेजर चित्रेश बिष्ट के नेहरू कालोनी स्थित आवास पर पहुंचे और उनके आंगन की मिट्टी एकत्र की। इस दौरान शहीद चित्रेश अमर रहे के नारे गुंजायमान रहे।

मुख्यमंत्री धामी ने शहीद मेजर चित्रेश के चित्र पर पुष्प अर्पित कर उन्हें श्रद्धांजलि दी। उन्होंने शहीद के पिता एसएस बिष्ट व मां रेखा बिष्ट से कहा कि चित्रेश जैसे सपूतों की बदौलत ही देश सुरक्षित है।

उत्तराखंड वीरों की धरती है और यहां का हर वीर देश की खातिर सर्वोच्च बलिदान को हमेशा तत्पर रहता है। सैन्यधाम के लिए शहीदों के आंगन की मिट्टी एकत्रित करना सरकार का छोटा सा प्रयास है। ताकि उत्तराखंड के पांचवें धाम के रूप में सैन्यधाम का जो सपना प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिखाया है, उसे वास्तविक रूप में साकार किया जा सके।

वहीं, शहीद के स्वजन को ढाढस बंधाते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड के हर शहीद के स्वजन एक कठिन दौर से गुजरते हैं और राज्य सरकार उनके साथ हमेशा खड़ी है।

जानिए शहीद चित्रेश बिष्ट के बारे में

जम्मू कश्मीर में तैनाती के दौरान मेजर चित्रेश बिष्ट राजौरी के नौशेरा सेक्टर में एलओसी के पास जांच के लिए जा रहे थे। इस बीच वहां लगाए गए आइईडी को डिफ्यूज करते वक्त अचानक विस्फोट हो गया और इसमें वे शहीद हो गए। मूलरूप से अल्मोड़ा जिले के पिपली निवासी मेजर चित्रेश बिष्ट उर्फ सोनू का परिवार देहरादून के नेहरू कालोनी में रहता है। उनके पिता एसएस बिष्ट रिटायर्ड पुलिस इंस्पेक्टर हैं। सात मार्च 2019 को उनकी शादी होनी थी, इसके लिए कार्ड भी छप चुके थे। पर, फरवरी में वे शहीद हो गए।

चित्रेश के पिता दोपहर को शादी के कार्ड बांटने गए थे। शाम को चित्रेश के दोस्त का फोन आने पर परिजनों को उनकी शहादत की खबर मिली। 2019 में ही चित्रेश तीन फरवरी को छुट्टी से ड्यूटी पर लौटे थे। इससे पहले चित्रेश मऊ में ट्रेनिंग करने गए थे। चित्रेश के पिता ने बताया कि 28 फरवरी को चित्रेश ने शादी के लिए छुट्टी लेकर घर आना था।

जांबाज चित्रेश बिष्ट...

नाम-चित्रेश बिष्ट

पिता का नाम- एसएस बिष्ट(रिटायर्ड इंस्पेक्टर)

माता का नाम-रेखा बिष्ट

वर्तमान पता-नेहरू कालोनी, देहरादून

मूल गांव-पिपली, रानीखेत (उत्तराखंड)

भाई- नीरज बिष्ट

स्कूली शिक्षा: देहरादून के सेंट जोजेफ्स एकेडमी से 2006 में 12वीं पास।

उच्च शिक्षा: सीएमए पुणो से इंजीनियरिंग और आइएमए देहरादून से जून-2010 में पासआउट।

नियुक्ति: सेना में इंजीनियर कोर में लेफ्टिनेंट पद पर नियुक्त हुए और वर्तमान में मेजर थे।

वैवाहिक स्थिति: अविवाहित थे, शहीद होने से कुछ दिन बाद होनी थी शादी।

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