Kedarnath Yatra 2020 केदारनाथ धाम कपाट खुलने के बाद वहां रह रहे 175 लोग, पढ़िए पूरी खबर

29 अप्रैल को कपाट खुलने के बाद केदारनाथ धाम में कुल 175 लोग रह रहे हैं। इनमें विभिन्न विभागों के 45 कर्मचारी और पुनर्निर्माण कार्य में जुटे 130 मजदूर शामिल हैं।

By Sunil NegiEdited By: Publish:Sat, 02 May 2020 03:50 PM (IST) Updated:Sat, 02 May 2020 03:50 PM (IST)
Kedarnath Yatra 2020 केदारनाथ धाम कपाट खुलने के बाद वहां रह रहे 175 लोग, पढ़िए पूरी खबर
Kedarnath Yatra 2020 केदारनाथ धाम कपाट खुलने के बाद वहां रह रहे 175 लोग, पढ़िए पूरी खबर

देहरादून, जेएनएन। 29 अप्रैल को कपाट खुलने के बाद केदारनाथ धाम में कुल 175 लोग रह रहे हैं। इनमें विभिन्न विभागों के 45 कर्मचारी और पुनर्निर्माण कार्य में जुटे 130 मजदूर शामिल हैं। धाम के लिए यात्रा कब शुरू होगी, इस बारे में लॉकडाउन को लेकर केंद्र की अगली गाइडलाइन आने से पहले कुछ नहीं कहा जा सकता।

केदारनाथ के इतिहास में ऐसा पहली बार हो रहा है, जब कपाट खुलने के बाद किसी भी भक्त ने बाबा केदार के दर्शन नहीं किए। हर वर्ष हजारों की संख्या में भक्त कपाट खुलने के मौके पर बाबा के दर्शनों को पहुंचते थे। लेकिन, इस बार कोरोना महामारी को लेकर यात्रा को लेकर अनिश्चिय की स्थिति है। हालांकि, धाम में पुनर्निर्माण कार्य शुरू करने के लिए वुड स्टोन कंस्ट्रक्शन कंपनी के 130 मजदूर केदारनाथ पहुंच चुके है।

इसके अलावा धाम में इस समय देवस्थानम बोर्ड के 16 सदस्य, मुख्य पुजारी व उनके सहयोगी, 13 पुलिसकर्मी, गढ़वाल मंडल विकास निगम, पेयजल निगम व दूरसंचार विभाग के चार-चार कर्मचारी और ऊर्जा निगम के दो कर्मचारी रह रहे हैं। पुलिस अधीक्षक नवनीत सिंह भुल्लर ने बताया कि धाम में व्यवस्थाएं बनाने का कार्य यथावत जारी है।

कपाट बंद, गेट पर माथा टेक भक्त ले रहे आशीर्वाद

कोरोना वायरस के संक्रमण के चलते मंदिरों के कपाट बंद हैं, लेकिन भक्त मंदिरों के बाहर आकर माथा टेक आशीर्वाद ले रहे हैं। प्रसाद की दुकानें बंद होने के कारण मंदिर गेट पर पुष्प और फल चढ़ाया जा रहा है।

लॉकडाउन के बाद सभी छोटे बड़े मंदिरों के कपाट भक्तों के लिए बंद हैं। पंडित मंदिर के अंदर ही नित्य पूजा अर्चना कर रहे हैं। प्राचीन शिव मंदिर सरस्वती विहार के पंडित सुशांत जोशी ने बताया कि लॉक डाउन की वजह से भक्तों के लिए मंदिर के कपाट बंद हैं। मंदिर के गेट के बाहर माथा टेकने कई भक्त आते हैं। लेकिन उन्हें तिलक, प्रसाद आदि हमारी ओर से वितरित नहीं किया जाता। मच्छी बाजार स्थित काली माता मंदिर के पंडित वेद प्रकाश ने बताया कि लोग गेट के बाहर से ही माथा टेककर मां का आशीर्वाद लेते हैं। अंदर आने की अनुमति किसी को नहीं है, सिर्फ पंडित नित्य पूजा कर रहे हैं।

सुबह 10:09 बजे आदर्श मंदिर पटेलनगर

चार से पांच लोग मंदिर के गेट पर हाथ जोड़कर खड़े थे। जिन्होंने फल वहां कुछ लोगों को वितरित किए। उसके बाद मंदिर के बाहर गेट पर भी चढ़ाया।

11:54 बजे श्री पारथेश्वर खेड़ाबाबा मंदिर पथरीबाग

यहां तीन भक्त फल लेकर पहुंचे। मंदिर के अंदर से पंडित के आने के बाद सभी ने मंदिर के बाहर गेट पर फल चढ़ाए।

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12:37 शकुम्बरी देवी प्राचीन मंदिर हनुमान चौक

यहां भक्त माथा टेकते दिखे। एक परिवार ने माथा टेका और दक्षिणा मंदिर के गेट के अंदर डाल दी।

12:42 पृथ्वीनाथ महादेव मंदिर

सहारनपुर चौक स्थित मंदिर में भी एक-एक करके पहुंचे कुछ भक्तों ने माथा टेक कर भगवान का आशीर्वाद लिया और फल गेट पर रखकर चले गए।

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