Kedarnath Tragedy 2013: नमो विजन के अनुरूप नए कलेवर में निखरती केदारपुरी

Kedarnath Tragedy 2013 जरा याद कीजिए आठ साल पहले 16-17 जून की केदारनाथ त्रासदी को। जलप्रलय ने समूची केदारघाटी को आगोश में लेकर न सिर्फ भारी तबाही मचाई बल्कि हजारों लोग हमेशा के लिए बिछुड़ भी गए थे।

By Raksha PanthriEdited By: Publish:Wed, 16 Jun 2021 06:45 AM (IST) Updated:Wed, 16 Jun 2021 06:45 AM (IST)
Kedarnath Tragedy 2013: नमो विजन के अनुरूप नए कलेवर में निखरती केदारपुरी
नमो विजन के अनुरूप नए कलेवर में निखरती केदारपुरी।

केदार दत्त, देहरादून। Kedarnath Tragedy 2013 जरा याद कीजिए, आठ साल पहले 16-17 जून की केदारनाथ त्रासदी को। जलप्रलय ने समूची केदारघाटी को आगोश में लेकर न सिर्फ भारी तबाही मचाई, बल्कि हजारों लोग हमेशा के लिए बिछुड़ गए थे। अपनों को खोने वालों के जख्म तो शायद ही कभी भर पाएं, मगर त्रासदी से सबक लेकर व्यवस्था दुरुस्त करने की दिशा में केंद्र और प्रदेश सरकारों ने संजीदगी दिखाई। सुरक्षा मानकों को ध्यान में रखते हुए कार्य कराए जा रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट में शामिल केदारपुरी के पुनर्निर्माण को लेकर गंभीरता से उठाए गए कदमों का नतीजा है कि केदारपुरी आज एकदम नए कलेवर में निखर रही है।

समुद्रतल से साढ़े ग्यारह हजार फीट की ऊंचाई पर स्थित केदारनाथ मंदिर का खुला-खुला भव्य प्रांगण, मंदिर के ठीक पीछे त्रिस्तरीय सुरक्षा दीवार के साथ ही मंदाकिनी और सरस्वती नदियों के किनारे रिवर फ्रंट प्रोटेक्शन और डेवलपमेंट के कार्य, आवाजाही को चौड़ा रास्ता, भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के सहयोग से लाइटिंग, कुंडों का जीर्णोद्धार शंकराचार्य समाधि और तीर्थ पुरोहितों के लिए 73 आवास का निर्माण समेत दूसरे कार्य केदारपुरी के प्रति सरकारों की संजीदगी को बयां करने को काफी हैं। जाहिर है कि इन कार्यों से केदारनाथ में व्यवस्था सुधरी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी स्वयं केदारनाथ में चल रहे पुनर्निर्माण कार्यों की निरंतर मानीटरिंग कर रहे हैं।

पुनर्निर्माण कार्यों में न सिर्फ केंद्र व राज्य सरकारें, बल्कि सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम, विभिन्न कंपनियां व संस्थाएं अपने सीएसआर फंड से मदद कर रही हैं। सचिव पर्यटन एवं संस्कृति दिलीप जावलकर ने बताया केदारनाथ को स्प्रिचुअल टाउन के रूप में विकसित करने के लिए मास्टर प्लान के आधार पर कार्य कराए जा रहे हैं। पहले चरण में 2013 से अब तक 550 करोड़ की लागत से सुरक्षा समेत आवश्यक सुविधाओं से संबंधित कार्य कराए जा चुके हैं।

द्वितीय चरण के कार्यों को कसरत तेज

सचिव जावलकर के अनुसार द्वितीय चरण में केदारनाथ में 140 करोड़ के कार्य प्रस्तावित हैं, जिनके लिए टेंडर प्रक्रिया पूरी हो गई है। इसके अंतर्गत केदारनाथ मंदिर के प्रांगण में यात्री शेड, मंदाकिनी से सरस्वती नदी की तरफ आस्था पथ का निर्माण, केदारपुरी में माडर्न पेयजल एटीएम, टायलेट, सभी सुविधाओं से सुसज्जित अस्पताल का निर्माण, कमांड एंड कंट्रोल सेंटर, स्मार्ट पोल, शंकराचार्य समाधि में आदि गुरु शंकराचार्य की प्रतिमा की स्थापना समेत अन्य कार्य किए जाएंगे।

ओपन व इंडोर म्यूजियम

केदारनाथ में ओपन व इंडोर म्यूजियम भी तैयार किए जाएंगे। सचिव जावलकर ने बताया कि भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण ने मंदिर के पीछे के बड़े बोल्डरों को न हटाने को कहा है। इसी जगह पर ओपन म्यूजियम बनेगा। इसके अलावा इंडोर म्यूजियम में गढ़वाल-कुमाऊं की सांस्कृतिक झलक के साथ ही आपदा के बाद केदारपुरी के संवरने की पूरी तस्वीर देखने को मिलेगी।

ईको फ्रेंडली टाउनशिप

केदारपुरी को ईको फ्रेंडली टाउनशिप के रूप में विकसित किए जा रहा है। स्थानीय परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए कार्य किए जा रहे हैं। इसके साथ ही सुरक्षा मानकों पर खास फोकस किया गया है। मंदिर के पीछे त्रिस्तरीय सुरक्षा दीवार का निर्माण हो चुका है, जबकि मंदाकिनी व सरस्वती नदी के किनारे 18 फीट ऊंची सुरक्षा दीवार संबंधी कार्य किए जाने हैं।

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