केदारनाथ आध्यात्मिक टाउन के रूप में होगा विकसित, स्थानीय लोगों की आजीविका पर भी रहेगा फोकस

Kedarnath Dham केदारनाथ धाम आध्यात्मिक टाउन के रूप में विकसित होगा। साथ ही यहां रह रहे लोगों की आजीविका का भी पूरा ध्यान रखा जाएगा। ये बातें सचिव पर्यटन दिलीप जावलकर ने केदारनाथ पुनर्निर्माण कार्यों की समीक्षा की।

By Raksha PanthariEdited By: Publish:Fri, 23 Oct 2020 02:29 PM (IST) Updated:Fri, 23 Oct 2020 02:29 PM (IST)
केदारनाथ आध्यात्मिक टाउन के रूप में होगा विकसित, स्थानीय लोगों की आजीविका पर भी रहेगा फोकस
केदारनाथ आध्यात्मिक टाउन के रूप में होगा विकसित।

देहरादून, जेएनएन। Kedarnath Dham केदारनाथ धाम आध्यात्मिक टाउन के रूप में विकसित होगा। साथ ही यहां रह रहे लोगों की आजीविका का भी पूरा ध्यान रखा जाएगा। ये बातें सचिव पर्यटन दिलीप जावलकर ने केदारनाथ पुनर्निर्माण कार्यों की समीक्षा की। इस दौरान केदारनाथ में हो रहे कार्यों पर विस्तार से जानकारी देते हुए पर्यटन सचिव ने विभिन्न विभागों से केदारनाथ में प्रस्तावित और निर्माणाधीन कार्यों पर भी चर्चा की। उन्होंने निर्देश दिए कि मास्टर प्लान को ध्यान में रखते हुए ही केदारनाथ धाम में आगे के निर्माण कार्य किए जाएं।

पर्यटन, धर्मस्व और संस्कृति सचिव दिलीप जावलकर ने केदारनाथ पुनर्निमाण कार्यों को लेकर रुद्रप्रयाग जिला कार्यालय सभागार में अधिकारियों के साथ विचार-विमर्श किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि केदारनाथ धाम में प्रस्तावित और निर्माणधीन कार्यों को क्रियान्वित करने में जिला प्रशासन की अहम भूमिका रहेगी। जावलकर ने प्रस्तावित मास्टर प्लान को लेकर केदारनाथ धाम में डीटेल सर्वे करने और सर्वे के आधार पर भूमि अधिग्रहण के प्रस्ताव तैयार करने को कहा। साथ ही प्रभावित लोगों के पुनर्वास के लिए लैंडबैंक तैयार करने का भी आदेश दिया।

बैठक में जिलाधिकारी वंदना ने आध्यात्मिक क्षेत्र केदार धाम के विकास के केदारनाथ मास्टर प्लान को महत्वपूर्ण और महत्वकांक्षी योजना बताया। उन्होंने कहा कि हर साल केदारधाम में श्रद्धालुओं की संख्या बढ रही है इसके लिए यहां यात्री सुविधाएं विकसित करना बेहद जरूरी है। इस दौरान अपर जिलाधिकारी रामजी शरण शर्मा, जिला पर्यटन अधिकारी सुशील नौटियाल, अधिशासी अभियंता डीडीएमए प्रवीन कंडवाल के साथ ही चारधाम देवस्थानम बोर्ड के अधिकारी और अन्य अधिकारी उपस्थित थे।

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बेहतर यात्रा प्रबंधन और व्यवस्था में सुधार है उद्देश्य

उत्तराखंड में चारधाम बदरीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री और यमनोत्री के साथ ही इनके नजदीकी 51 मंदिरों को चारधाम देवस्थानम प्रबंधन अधिनियम के तहत गठित चारधाम देवस्थानम बोर्ड के दायरे में लाने का कुछ हक-हकूकधारी भले ही विरोध कर रहे हों, लेकिन सरकार की मंशा मंदिरों से जुड़ी व्यवस्थाएं और बेहतर यात्रा प्रबंधन करना है। इस दिशा में बोर्ड ने कदम उठाने शुरू कर दिए हैं। वर्तमान में चारधाम यात्रा बोर्ड के दिशा-निर्देशों के तहत ही चल रही है। इसके साथ ही चारधाम में पूर्व की भांति हक-हकूकधारियों के अधिकारों का निर्धारण भी कर दिया गया है। सरकार की इस पहल को विरोध के सुरों को थामने के तौर पर भी देखा जा रहा है।

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