काशी सिंह ऐरी बने उत्तराखंड कांति दल के केंद्रीय अध्यक्ष, फिर जताया गया भरोसा

1993-95 और 2013-15 तक उत्तराखंड क्रांति दल (उक्रांद) के अध्यक्ष रहे काशी सिंह ऐरी को एक बार फिर दल ने भरोसा जताते हुए केंद्रीय अध्यक्ष चुना है। उत्तराखंड क्रांति दल के 20वें द्विवार्षिक अधिवेशन में उन्हें सर्वसम्मति से अध्यक्ष चुना गया।

By Raksha PanthriEdited By: Publish:Sun, 25 Jul 2021 03:29 PM (IST) Updated:Sun, 25 Jul 2021 03:29 PM (IST)
काशी सिंह ऐरी बने उत्तराखंड कांति दल के केंद्रीय अध्यक्ष, फिर जताया गया भरोसा
काशी सिंह ऐरी बने उत्तराखंड कांति दल के केंद्रीय अध्यक्ष।

जागरण संवाददाता, देहरादून। 1993-95 और 2013-15 तक उत्तराखंड क्रांति दल (उक्रांद) के अध्यक्ष रहे काशी सिंह ऐरी को एक बार फिर दल ने भरोसा जताते हुए केंद्रीय अध्यक्ष चुना है। उत्तराखंड क्रांति दल के 20वें द्विवार्षिक अधिवेशन में उन्हें सर्वसम्मति से अध्यक्ष चुना गया। इस दौरान 18 प्रस्ताव पास किए। काशी सिंह ऐरी 1985-89-93 और 2002 में विधायक रहे हैं। आज दल 42वां स्थापना दिवस पार्टी कार्यालय में मनाएगा। 

शनिवार को हरिद्वार बाईपास स्थित एक वेडिंग प्वाइंट में द्विवार्षिक अधिवेशन की शुरुआत दल के वरिष्ठ नेता दिवाकर भट्ट, काशी सिंह ऐरी, त्रिवेंद्र सिंह पंवार, नारायण सिंह जंतवाल, पुष्पेश त्रिपाठी ने संयुक्त रूप से दीप जलाकर की। इसके बाद इंद्रमणि बडोनी के चित्र पर पुष्प अर्पित किए गए। दो सत्रों में कार्यक्रम चला। प्रथम सत्र में वरिष्ठ नेता व पूर्व अध्यक्ष बीडी रतूड़ी ने दल की मजबूती के लिए सामूहिक प्रयास व जिम्मेदारी पर जोर दिया। कहा कि वर्तमान में दल के सामने प्रदेश को बचाने की जो चुनौतियां हैं।

उसमें एकजुट होकर कार्य करना होगा। पूर्व अध्यक्ष त्रिवेंद्र सिंह पंवार ने भी संगठन को मजबूत करने पर जोर दिया। इसके बाद द्विवाॢषक रिपोर्ट सदन में रखने के बाद जिलों से आए जिलाध्यक्षों ने जनपद की रिपोर्ट रखी और मजबूती से कार्य करने का संकल्प लिया। दल के पूर्व अध्यक्ष पुष्पेश त्रिपाठी ने कहा कि हमें दल में युवाओं को जोडऩे पर जोर देना होगा। इसके बाद निर्वाचन अधिकारी इंद्र सिंह मनराल और सह निर्वाचन अधिकारी विजय बौड़ाई की ओर से केंद्रीय अध्यक्ष पद के लिए काशी सिंह ऐरी का नाम प्रस्ताव रखा, जिस पर सभी ने सहमति जताई। ऐरी ने कहा कि जो भी गलतियां अभी तक हुई हैं उनको दोहराया नहीं जाएगा।

इस मौके पर एपी जुयाल, हरीश पाठक, चंद्र शेखर कापड़ी, सुरेंद्र कुकरेती सरिता पुरोहित, किशन मेहता, जय प्रकाश उपाध्याय, सुनील ध्यानी, केंद्रपाल तोपवाल, मोहन काला, रेखा मियां, किरन रावत, देवेंद्र चमोली, बहादुर सिंह रावत, किशोरी नंदन डोभाल, शांति प्रसाद भट्ट आदि मौजूद रहे।

ये प्रस्ताव हुए पास

-गैरसैंण को स्थायी राजधानी घोषित करने, राज के मूल निवासियों को 70 फीसद आरक्षण लागू किया जाए।

-राज्य आंदोलनकारियों को 10 फीसद क्षैतिज आरक्षण देना, सख्त भू-कानून लागू करने, पर्यटन और तीर्थाटन को उद्योग का दर्जा दिया जाए।

- समूह ग की भर्ती को लोक सेवा आयोग की परिधि से बाहर किया जाए।

- पुलिसकर्मियों के लिए ग्रेड पे की प्रक्रिया शीघ्र शुरू की जाए।

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