कनिष्ठ अभियंताओं ने पंचायती राज विभाग के खिलाफ खोला मोर्चा, जानिए वजह

कोरोना संक्रमण को देखते हुए पंचायती राज विभाग ने आउटसोर्स पर काम करने वाले 95 कनिष्ठ अभियंताओं व 281 डाटा एंट्री ऑपरेटरों को नौकरी से निकाल दिया है। नौकरी चले जाने से इन कर्मचारियों के सामने आजीविका का संकट पैदा हो गया है।

By Raksha PanthariEdited By: Publish:Sat, 24 Oct 2020 06:05 AM (IST) Updated:Sat, 24 Oct 2020 07:04 AM (IST)
कनिष्ठ अभियंताओं ने पंचायती राज विभाग के खिलाफ खोला मोर्चा, जानिए वजह
कनिष्ठ अभियंताओं ने पंचायती राज विभाग के खिलाफ खोला मोर्चा।

देहरादून, जेएनएन। कोरोना संक्रमण को देखते हुए पंचायती राज विभाग ने आउटसोर्स पर काम करने वाले 95 कनिष्ठ अभियंताओं व 281 डाटा एंट्री ऑपरेटरों को नौकरी से निकाल दिया है। नौकरी चले जाने से इन कर्मचारियों के सामने आजीविका का संकट पैदा हो गया है। बहाली की मांग को लेकर कर्मचारियों ने विभाग के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए एकता विहार में धरना-प्रदर्शन शुरू कर दिया है। 

हरीश कंडारी, मनीष रावत और विक्रम रावत ने बताया कि विभाग की ओर से उन्हें अक्टूबर 2018 में कनिष्ठ अभियंताओं को 15 हजार और डाटा एंट्री ऑपरेटरों का 10 हजार रुपये प्रतिमाह वेतन पर रखा हुआ था। वेतन बढ़ाने की बात तो दूर विभाग ने मार्च महीने में उन्हें बर्खास्तगी पत्र थमाते हुए बाहर का रास्ता दिखा दिया। इनमें कई कनिष्ठ अभियंता बी टेक व कुछ डिप्लोमा धारक हैं। कुछ समय तक वह विभागीय अधिकारियों के चक्कर काटते रहे, लेकिन उन्हें बार-बार आश्वासन दिया गया। कोरोना संक्रमण के खतरे को देखते हुए कुछ समय वह विभाग के आदेश का इंतजार करते रहे, नौ अक्टूबर को वह मुख्यमंत्री को भी ज्ञापन भेज चुके हैं। पर अब तक विभाग की ओर से कोई कार्रवाई न होने के कारण अब उन्होंने आंदोलन का रास्ता अपना दिया है। 

उनकी बहाली नहीं की गई तो उन्हें आंदोलन तेज करने के लिए मजबूर होना पड़ेगा। इस मौके पर विपिन रावत, मनोज नेगी, मनोज रावत, हेमंद्री, ममता चौहान, ललित चमोली, सुनील चौहान, अंकित उनियाल आदि मौजूद रहे।पंचायती राज विभाग के सचिव कम निदेशक हरिचंद सेमवाल ने बताया कि इन कुछ कनिष्ठ अभियंताओं व डाटा एंट्री ऑपरेटरों को केंद्र सरकार के एक प्रोजेक्ट के तहत आउटसोर्स से रखा गया था। अब प्रोजेक्ट का काम पूरा होने के बाद समयसीमा पूरी हो गई है और सरकार की ओर से मंजूरी न मिलने के बाद कर्मचारियों को निकाला गया है।

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एक ब्लॉक में लगाई गई थी एक जेई की ड्यूटी

उन्होंने बताया कि पंचायती विभाग की ओर से एक ब्लॉक में एक जूनियर इंजीनियर की ड्यूटी लगाई हुई थी। वह पंचायत स्तर पर सभी योजनाओं पर काम कर रहे थे। प्रधानमंत्री जल जीवन मिशन को सुचारू ढंग से चलाने के लिए सरकार की ओर से पेयजल निगम को परियोजना का कार्य सौंपा गया है। कनिष्ठ अभियंताओं की कमी के कारण सिंचाई विभाग के जेई बुलाने पड़ रहे हैं, जबकि बेरोजगार हुए कर्मचारियों की तरफ सरकार ध्यान देने को तैयार नहीं है।

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