टैक्सी-मैक्सी पर 11 मई से लग सकता है ब्रेक
जागरण संवाददाता ऋषिकेश पर्वतीय क्षेत्रों में कांट्रेक्ट कैरिज के रूप में बस सेवाएं संचालित
जागरण संवाददाता, ऋषिकेश:
पर्वतीय क्षेत्रों में कांट्रेक्ट कैरिज के रूप में बस सेवाएं संचालित करने वाली परिवहन संस्थाओं की हड़ताल के बाद अब स्टेट कैरिज के अंतर्गत आने वाले टैक्सी, मैक्सी व कैब संचालकों ने भी 11 मई से पर्वतीय क्षेत्रों में वाहनों का संचालन बंद करने का एलान किया है।
शनिवार को संयुक्त रोटेशन टैक्सी, मैक्स संचालक समिति ऋषिकेश, लक्ष्मणझूला की बैठक बाईपास मार्ग स्थित ट्रैकर, सूमो एसोसिएशन के कार्यालय में आयोजित की गई। समिति ने कोरोना काल में सरकार की ओर से परिवहन व्यवसायियों को आर्थिक मदद न दिए जाने पर नाराजगी व्यक्त की। गढ़वाल मंडल टैक्सी एसोसिएशन के अध्यक्ष विजयपाल सिंह रावत ने कहा कि कोरोना संक्रमण के चलते परिवहन व्यवसाय पूरी तरह से चरमरा गया है। सरकार ने 50 प्रतिशत क्षमता पर वाहनों के संचालन की व्यवस्था लागू की है। जबकि किराये में कोई बढ़ोत्तरी नहीं की गई है। बिना किराया वृद्धि के 50 प्रतिशत क्षमता पर वाहनों का संचालन कर पाना संभव नहीं है। समिति ने सरकार से किराया वृद्धि करने, दो वर्ष का वाहनों का कर्ज माफ करने, सभी व्यावसायिक वाहनों का बीमा एक वर्ष के लिए बढ़ाने तथा वाहनों की समर्पण नीति में बदलाव करने की मांग की। समिति से जुड़े विभिन्न परिवहन संगठनों के पदाधिकारियों ने सर्वसम्मति से निर्णय लिया कि यदि सरकार उनकी मांगों पर विचार नहीं करती तो 11 मई से वह भी पर्वतीय क्षेत्रों में विभिन्न रूटों पर संचालित होने वाले अपने वाहनों का संचालन बंद कर देंगे। बैठक में सूमो, ट्रैकर यूनियन के अध्यक्ष बलवीर नेगी, सचिव राधेश्याम व्यास, टीजीएमओ के अध्यक्ष मनोज ध्यानी, बलवीर रौतेला, टैक्सी यूनियन के अध्यक्ष विजयपाल रावत, सचिव विजेंद्र कंडारी, हेमंत डंग, दून मैक्सी कैब एसोसिएशन के प्रतिनिधि उषा देवी, देवेंद्र डोभाल, टैक्सी यूनियन तपोवन के अध्यक्ष श्रीनिवास पांडेय, त्रिलोक भंडारी आदि मौजूद थे।
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तो पर्वतीय मार्गों पर चरमरा जाएगी सार्वजनिक परिवहन व्यवस्था
प्रदेश सरकार की नीतियों से नाराज कांट्रेक्ट कैरिज के अंतर्गत संचालित होने वाली बस सेवाओं से जुड़ी परिवहन संस्थाओं ने विगत दो मई से सभी पर्वतीय रूटों पर अपने वाहनों का संचालन बंद कर दिया था। इनके बाद कुछ टैक्सी यूनियनों ने भी पांच मई से संचालन बंद कर दिया था। तब से पर्वतीय क्षेत्रों में परिवहन व्यवस्था की जिम्मेदारी टैक्सी, मैक्सी व कैब वाहनों के ऊपर आ गई थी। मगर, अब 11 मई से इन वाहनों का संचालन भी बंद हो जाएगा। जिसके बाद पर्वतीय क्षेत्रों में परिवहन व्यवस्था पूरी तरह से ठप होने की आशंका है।