World Family Day: देश-दुनिया में मिसाल बनी जौनसार की संयुक्त परिवार परंपरा, पढ़िए पूरी खबर

World Family Day देश-दुनिया में एकल परिवार का चलन तेजी से बढ़ रहा है। बदलते दौर में एकल परिवार की अवधारणा समाज में पनप रही है। इससे संयुक्त परिवार की परपंरा टूट रही है जिससे कई लोग अपने बूढ़े माता-पिता को उनके हाल पर छोड़ कर किनारा कर लेते है।

By Sunil NegiEdited By: Publish:Sat, 15 May 2021 08:37 AM (IST) Updated:Sat, 15 May 2021 08:37 AM (IST)
World Family Day: देश-दुनिया में मिसाल बनी जौनसार की संयुक्त परिवार परंपरा, पढ़िए पूरी खबर
जौनसार बावर के पैतृक गांव बृनाड़ में चकराता विधायक व कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष प्रीतम सिंह का संयुक्त परिवार। फाइल फोटो

चंदराम राजगुरु, चकराता (देहरादून)। World Family Day देश-दुनिया में एकल परिवार का चलन तेजी से बढ़ रहा है। बदलते दौर में एकल परिवार की अवधारणा समाज में पनप रही है। इससे संयुक्त परिवार की परपंरा टूट रही है, जिससे कई लोग अपने बूढ़े माता-पिता को उनके हाल पर छोड़ कर किनारा कर लेते है। समाज में इस तरह की प्रवृत्ति बढ़ने से मानवीय संवदेनाएं खत्म हो रही हैं, लेकिन तमाम बदलाव के बावजूद जनजाति क्षेत्र जौनसार-बावर में पुश्तैनी समय से चली आ रही संयुक्त परिवार की परंपरा अब भी बरकार है। आधुनिक दौर में संस्कारों को समेटे जौनसार में संयुक्त परिवार की परंपरा घर-परिवार को संगठित रखने के साथ सामाजिक एकता की मिसाल पेश कर रही है। एक छत के नीचे सांझे चूल्हे की परंपरा जौनसारी समाज की विरासतन संस्कृति का हिस्सा है, जो समाज में परिवार के सदस्यों को मिल जुलकर सुख-दुख में साथ रहने की सीख देती है। संयुक्त परिवार की परंपरा का ये जीता-जागता उदाहरण शायद की कहीं और देखने को मिलेगा।

समय के साथ समाज में आए तमाम बदलाव के बावजूद अपनी अनूठी संस्कृति के लिए देश-दुनिया में विख्यात जौनसार-बावर का इलाका सांस्कृतिक विरासत को संजोए हुए है। देहरादून जनपद से जुड़े करीब ढाई लाख की आबादी वाले जौनसार-बावर की कुल 39 खतों में 365 राजस्व ग्राम और इतने की तोक-मजरें है। प्रशासनिक दृष्टि से त्यूणी, चकराता और कालसी तीन तहसील और चकराता व कालसी दो प्रखंड में बांटा गया है। जौनसार-बावर में सैकड़ों की संख्या में परिवार संयुक्त रूप से रहते हैं। यहां कई ऐसे बड़े परिवार भी हैं जिनके घर में सदस्यों की संख्या 50 से 100 के बीच है। इसके अलावा 30 से 40 के बीच सदस्यों वाले संयुक्त परिवार तो हर गांव में है। जौनसार में करीब 15 हजार संयुक्त परिवार एक छत के नीचे अपने सुख-दुख मिलकर बांटते हैं। कई परिवारों में तीन से चार पीढ़ि‍यां एक साथ अपने अनुभव साझा करते हैं। ऐसे में नई पीढ़ी को संस्कृति व संस्कार की सीख विरासत में मिल रही है। आधुनिकता की चकाचौंध भी जौनसार-बावर में पुश्तैनी समय से चली आ रही संयुक्त परिवार की परपंरागत एवं विरासतन संस्कृति के मजबूत हिस्से की ऊंची दीवार को नहीं तोड़ पाई। 

चकराता विधायक के कुनबे में 70 से ज्‍यादा सदस्‍य

जौनसार-बावर के बृनाड़ गांव निवासी चकराता विधायक एवं प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष प्रीतम सिंह का कुनबा काफी बड़ा है। इनके संयुक्त परिवार में सदस्यों की संख्या 70 से ज्यादा है। परिवार के सभी लोग एक साथ मिल जुलकर साथ में रहते हैं। इसी तरह चिल्हाड़ गांव निवासी पूर्व जिला पंचायत सदस्य एवं स्याणा जयदत्त बिजल्वाण के संयुक्त परिवार में सदस्यों की संख्सा करीब 90 है।

अणू गांव निवासी उत्तराखंड जनजाति आयोग के अध्यक्ष मूरतराम शर्मा के संयुक्त परिवार में सदस्यों की संख्या करीब 40 है। बुल्हाड़ गांव निवासी आयकर आयुक्त आइआरएस रतन सिंह रावत व राज्य एप्पल फेडरेशन के अध्यक्ष प्रताप सिंह रावत के संयुक्त परिवार में सदस्यों की संख्या करीब 50 है। मोहना गांव निवासी स्याणा महेंद्र सिंह चौहान के संयुक्त परिवार में सदस्यों की संख्या 40 से अधिक है। टुंगरा गांव निवासी जाने-माने रंगकर्मी नंदलाल भारती के संयुक्त परिवार में सदस्यों की संख्या करीब 45 है।

कुल्हा निवासी शिक्षा विभाग में कार्यरत ब्लॉक समन्वयक मोहनलाल शर्मा के संयुक्त परिवार में सदस्यों की संख्या 60 से अधिक है। लखवाड़ निवासी पूर्व अध्यक्ष तरुण संघ खत लखवाड़ जितेंद्र चौहान के संयुक्त परिवार में सदस्यों की संख्या करीब 40 है। दुधौऊ निवासी सेना मेडल से सम्मानित पूर्व कैप्टन चंद्रसिंह चौहान व उत्तराखंड कबड्डी फेडरेशन के अध्यक्ष आनंद चौहान के संयुक्त परिवार में सदस्यों की संख्या करीब 50 है। रानीगांव निवासी पूर्व कनिष्ठ प्रमुख खजान नेगी के संयुक्त परिवार में सदस्यों की संख्या करीब 40 है। लोक परंपरा के अनुसार जिसका जितना बड़ा कुनबा होगा समाज में उस परिवार का उतना ज्यादा रुतबा रहता है।

यह भी पढ़ें-अच्छी खबर : कोरोना के खिलाफ लड़ाई में हथियार बनी ग्रामीणों की सूझबूझ

Uttarakhand Flood Disaster: चमोली हादसे से संबंधित सभी सामग्री पढ़ने के लिए क्लिक करें

chat bot
आपका साथी