Paryushan Parv 2020: पर्युषण पर्व के सातवें दिन उत्तम तप धर्म की आराधना, घरों में हुई पूजा

दिगंबर जैन समाज के पर्युषण पर्व के सातवें दिन अनुयायियों ने उत्तम तप धर्म की आराधना की। शहर के विभिन्न जैन मंदिरों के साथ ही घरों पर श्री जी की पूजा की गई।

By Edited By: Publish:Sat, 29 Aug 2020 08:30 PM (IST) Updated:Sun, 30 Aug 2020 03:10 PM (IST)
Paryushan Parv 2020: पर्युषण पर्व के सातवें दिन उत्तम तप धर्म की आराधना, घरों में हुई पूजा
Paryushan Parv 2020: पर्युषण पर्व के सातवें दिन उत्तम तप धर्म की आराधना, घरों में हुई पूजा

देहरादून, जेएनएन। दिगंबर जैन समाज के पर्युषण पर्व के सातवें दिन अनुयायियों ने उत्तम तप धर्म की आराधना की। शहर के विभिन्न जैन मंदिरों के साथ ही घरों पर श्री जी की पूजा की गई। भारतीय जैन मिलन के महामंत्री नरेशचंद जैन ने कहा कि तप का अर्थ इच्छाओं पर नियंत्रण करना है। मुक्ति जब भी मिलेगी, तपस्या से ही मिलेगी। पद्मपुराण में भी रविषेण स्वामी ने लिखा है कि रावण ने जितना तप विद्या सिद्धि पाने के लिए किया, यदि उतना ही तप आत्मशुद्धि के लिए करता तो भव से मोक्ष चला जाता। 

उन्होंने कहा कि जिस तरह से स्वर्ण पाषाण में स्वर्ण छिपा होता है, तिल के अंदर तेल व्याप्त होता है, उसी प्रकार देह में आत्मा विद्यमान है। उस आत्मा की अभिव्यक्ति ही परमात्मा की उपलब्धि है और यही धर्म साधना का मूल ध्येय है। स्वर्ण पाषाण को अग्नि में तपाया जाता है, तब उसका शुद्ध स्वरूप निखर उठता है। इसी प्रकार जो व्यक्ति तप अनुष्ठान करता है, उसकी आत्मा कुंदन बन जाती है। अपने भीतर छिपी शक्ति को पहचानने की प्रत्येक प्राणी में अपार क्षमता है, उसकी अभिव्यक्ति तपस्या के बल पर होती है। 
देहरादून महिला जैन मिलन की संयोजक मधु जैन ने कहा कि बुरे कर्मो की निर्जरा (नाश) के लिए की गई क्रिया ही तप है। यानी आत्मा में एकत्र कषाय का विसर्जन करना उत्तम तप है। इस मौके पर जैन धर्मशाला के महामंत्री संदीप जैन, डॉ. संजीव जैन, सुनील जैन, सुधीर जैन, राहुल जैन, मोनिका, प्रिया आदि मौजूद रहे। इससे पहले प्रिंस चौक स्थित जैन मंदिर में मुनि सुव्रत नाथ भगवान की विशेष आराधना की गई। 
अभिनव जैन को शातिधारा व राजीव जैन को श्री जी का अभिषेक और प्रथम कलश का सौभाग्य प्राप्त हुआ। प्रतियोगिताओं में दिखा रहीं प्रतिभा पर्युषण पर्व पर हर साल भव्य सास्कृतिक कार्यक्रम होते हैं, हालाकि कोरोनाकाल के चलते इस बार कार्यक्रम को सूक्ष्म रूप दिया गया है। महिलाओं के लिए आयोजित सांस्कृतिक कार्यक्रम के तहत गीत, भजन नृत्य प्रतियोगिता की जा रही हैं। महिलाएं घर से ही तीन मिनट की वीडियो के माध्यम से अपने हुनर को प्रदर्शित कर रही हैं। पर्युषण पर्व के समापन पर प्रतियोगिता के परिणाम घोषित किए जाएंगे।
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