यहां 39 जिंदगियां निगल चुके 25 ब्लैक स्पॉट, 12 की जान लेने के बाद भी ये फ्लाईओवर ब्लैक स्पॉट नहीं

Jagran Safe Traffic Week जिन स्थानों पर बार-बार हादसे होते हैं और जो स्थान ब्लैक स्पॉट के रूप में चिह्नित किए जा चुके हैं उनकी अनदेखी करना ठीक नहीं। दून में पिछले तीन साल में ऐसे ही 25 ब्लैक स्पॉट 39 व्यक्तियों की जान ले चुके हैं।

By Raksha PanthariEdited By: Publish:Fri, 27 Nov 2020 08:37 AM (IST) Updated:Fri, 27 Nov 2020 01:51 PM (IST)
यहां 39 जिंदगियां निगल चुके 25 ब्लैक स्पॉट, 12 की जान लेने के बाद भी ये फ्लाईओवर ब्लैक स्पॉट नहीं
39 जिंदगियां निगल चुके दून के 25 ब्लैक स्पॉट।

देहरादून, जेएनएन। Jagran Safe Traffic Week जब कोई सड़क हादसा होता है तो जिम्मेदार अधिकारी बड़ी आसानी से यह कह देते हैं कि वाहन की स्पीड अधिक थी या चालक नशे में था। दुर्घटना न हो, इसके लिए वाहन चालक प्रमुख रूप से जवाबदेह होते हैं, मगर सभी कुछ चालक पर निर्भर नहीं करता। सड़कों का डिजाइन, तीव्र मोड़ या सड़कों की अन्य खामी भी हादसों का कारण बनती है। जिन स्थानों पर बार-बार हादसे होते हैं और जो स्थान ब्लैक स्पॉट के रूप में चिह्नित किए जा चुके हैं, उनकी अनदेखी करना ठीक नहीं। उत्तराखंड के देहरादून में पिछले तीन साल में ऐसे ही 25 ब्लैक स्पॉट 39 व्यक्तियों की जान ले चुके हैं।

पुलिस-प्रशासन ने दून में 49 ब्लैक स्पॉट चिह्नित किए हैं। गनीमत की बात यह है कि 24 स्पॉट पर पिछले तीन साल में कोई दुर्घटना नहीं हुई। अन्यथा मौत का आंकड़ा और ऊपर होता। हालांकि, जहां बार-बार दुर्घटनाएं हो रही हैं, उनमें सुधार के नाम पर अधिकारियों ने अभी सिर्फ सर्वे ही किया है। सर्वे में ब्लैक स्पॉट में सुधार करने को लेकर तमाम संस्तुतियां की गई हैं, मगर धरातल पर कोई प्रयास शुरू नहीं किए जा सके।

दून अस्पताल चौक पर बना डाला डेंजर जोन

दून अस्पताल चौक पर अधिकारियों की अनदेखी के चलते डेंजर जोन बन चुका है। दून अस्पताल के पुराने व नए भवन को जोड़ने के लिए बनाए जा रहे फुटओवर ब्रिज का पिलर चौक के बीचों-बीच खड़ा किया जा रहा है। इस पिलर के चलते अभी से एक दिशा से जा रहे वाहन चालकों को दूसरी दिशा से आ रहे वाहनों की जानकारी नहीं हो पाती। भविष्य में यह स्थल खतरनाक साबित होता दिख रहा है। पिलर को लेकर पूर्व यातायात पुलिस व लोनिवि के अधिकारी आपत्ति भी जता चुके थे। इसके बाद भी निर्माण जारी रहना हैरानी भरा है।

12 जान लेने के बाद भी बल्लीवाला ब्लैक स्पॉट नहीं

जिस बल्लीवाला फ्लाईओवर पर 12 से अधिक युवाओं की जान चली गई, उसे हमारे अधिकारी ब्लैक स्पॉट मानने को तैयार नहीं हैं। यहां तक कि लगातार हो रहे हादसों के बीच मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत तक फ्लाईओवर का निरीक्षण कर चुके हैं। निरीक्षण में मख्यमंत्री ने फ्लाईओवर के डिजाइन में सुधार करने के निर्देश लोनिवि को दिए थे। वहीं, दूसरी तरफ हाईकोर्ट भी आदेश दे चुका है फ्लाईओवर को फोर लेन करने या एक अन्य डबल ब्रिज (फ्लाईओवर) की संभावना तलाश कर ली जाए। इसके बाद भी लोनिवि अधिकारी हाथ पर हाथ धरे बैठे हैं।

ब्लैक स्पॉट पर हुए हादसे

कुल स्पॉट: 49

हादसे वाले स्पॉट: 25

मौत: 39

यह भी पढ़ें: जानलेवा ब्लैक स्पॉट विभागों को नहीं आते नजर

chat bot
आपका साथी