सिंचाई परिसंपत्तियों को लेकर उत्‍तर प्रदेश में देंगे दस्तक, जानिए क्‍या है पूरा मामला

उत्तराखंड को उत्तर प्रदेश से अलग हुए 20 साल हो चुके हैं मगर दोनों राज्यों के बीच परिसंपत्तियों के बटवारे का मसला अभी तक नहीं सुलझ पाया है। विशेषकर सिंचाई विभाग की परिसंपत्तियों के मामले में पूर्व में कई बिंदुओं पर सहमति जरूर बनी थी।

By Sumit KumarEdited By: Publish:Mon, 19 Apr 2021 05:40 PM (IST) Updated:Mon, 19 Apr 2021 05:40 PM (IST)
सिंचाई परिसंपत्तियों को लेकर उत्‍तर प्रदेश में देंगे दस्तक, जानिए क्‍या है पूरा मामला
सिंचाई मंत्री सतपाल महाराज जल्द ही उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात के लिए लखनऊ जाएंगे।

राज्य ब्यूरो, देहरादून: उत्तराखंड को उत्तर प्रदेश से अलग हुए 20 साल हो चुके हैं, मगर दोनों राज्यों के बीच परिसंपत्तियों के बटवारे का मसला अभी तक नहीं सुलझ पाया है। विशेषकर सिंचाई विभाग की परिसंपत्तियों के मामले में पूर्व में कई बिंदुओं पर सहमति जरूर बनी थी, लेकिन यह धरातल पर नहीं पूरी नहीं उतर पाई। इसे देखते हुएउत्तराखंड सरकार अबफिर से पंरिसंपत्तियों को लेकर सक्रिय हुई है।

इस कड़ी में सिंचाई मंत्री सतपाल महाराज जल्द ही उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात के लिए लखनऊ जाएंगे। महाराज के अनुसार वार्ता में मुख्य रूप से सिंचाई परिसंपत्तियों के मसले पर वार्ता की जाएगी। सिंचाई विभाग की परिसंपत्तियों को लेकर पिछले साल दोनों राज्यों के मध्य हुई उच्च स्तरीय बैठक में कई बिंदुओं पर सहमति बनी थी। तब उत्तर प्रदेश सिंचाई विभाग की उत्तराखंड केचम्पावत, ऊधमसिंहनगर व हरिद्वार में स्थित 775 हेक्टेयर भूमि और 400 आवासीय भवनराज्य को देने पर सहमति बनी थी।तय हुआ कि शेषभूमि का बाद में परीक्षण कर फैसला लिया जाएगा, मगर यहपहल अभी तक परवान नहीं चढ़ पाई है। इसकेअलावा नानक सागर समेत अन्य जलाशयों में जलक्रीड़ा, अपर गंगनगर में स्ट्रैच निर्माण समेत अन्य मसलों पर सहमति के बावजूद कार्रवाई काइंतजार है।

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इसे देखतेहुए अब सिंचाई विभागकी पंरिसंपत्तियों के मामले मेंं उप्र के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और प्रदेश के सिंचाई मंत्री सतपाल महाराज के मध्य होनेवाली वार्ता पर नजरें टिकी हैं। कैबिनेटमंत्री महाराज ने बताया कि दोनों राज्यों केमध्य सिंचाई परिसंपत्तियों के संबंध में कई बिंदुओं पर पिछले सालसहमति बन गई थी, जबकि कुछ पर विचार-विमर्श के बाद निर्णय लिया जाना है। उन्होंने कहा कि उप्रके मुख्यमंत्री के समक्ष वह सिंचाई के साथ ही अन्य परिसंपत्तियों का मुद्दा भी रखेंगे। उन्होंने कहा कि उप्र का रुख सकारात्मक है और उम्मीद है कि दोनों राज्यों के बीच सिंचाई समेत अन्य परिसंपत्तियों के बटवारे का मसला जल्द ही सुलझ जाएगा।

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