आइपीएस दीपम सेठ की लेह में तैनाती से बढ़ा उत्तराखंड का गौरव

अधिकारियों की फेहरिस्त में उत्तराखंड कैडर के आइपीएस दीपम सेठ का नाम भी राज्य के लोगों को गौरवान्वित कर रहा है। वह लेह में आइटीबीपी के आइजी के रूप में तैनात हैं।

By Bhanu Prakash SharmaEdited By: Publish:Sat, 04 Jul 2020 12:27 PM (IST) Updated:Sat, 04 Jul 2020 12:27 PM (IST)
आइपीएस दीपम सेठ की लेह में तैनाती से बढ़ा उत्तराखंड का गौरव
आइपीएस दीपम सेठ की लेह में तैनाती से बढ़ा उत्तराखंड का गौरव

देहरादून, जेएनएन। गलवन घाटी में भारत और चीन के सैनिकों के बीच हुए संघर्ष के बाद से लेह व लद्दाख की हर गतिविधि पर पूरे देश की नजर है। सभी लेह-लद्दाख के दुर्गम पर्वतीय इलाकों में सेना और आइटीबीपी के जज्बे को सलाम भी कर रहे हैं। ऐसे ही जाबांज सैनिक और अधिकारियों की फेहरिस्त में उत्तराखंड कैडर के आइपीएस दीपम सेठ का नाम भी राज्य के लोगों को गौरवान्वित कर रहा है। दीपम सेठ इस समय लेह में आइटीबीपी के आइजी के रूप में तैनात हैं।

मूलरूप से शाहजहांपुर (उत्तर प्रदेश) के रहने वाले दीपम सेठ 1995 बैच के आइपीएस अफसर हैं। अविभाजित उत्तर प्रदेश में वह एएसपी गाजियाबाद व गौतमबुद्धनगर रहने के साथ एसपी सिटी आगरा की कमान भी संभाल चुके हैं। वर्ष 2000 में अलग राज्य बनने के बाद उन्हें उत्तराखंड का कैडर मिल गया। 

इसके बाद से वह एसएसपी नैनीताल से लेकर अपर सचिव गृह, आइजी पीएसी, आइजी लॉ एंड ऑर्डर समेत कई महत्वपूर्ण पद संभाल चुके हैं। पिछले साल वह केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर चले गए और उन्हें आइटीबीपी चंडीगढ़ में आइजी की जिम्मेदारी दी गई। गत दिनों गलवन घाटी में चीनी सैनिकों से हुए संघर्ष में 20 वीर जवानों ने अपने प्राणों का बलिदान दे दिया। इसके बाद लेह-लद्दाख में आइटीबीपी की टुकड़ी को भी तैनात कर दिया गया। 

दरअसल, आइटीबीपी को हिमालय के उन दुर्गम इलाकों में सेवा का अनुभव है, जहां आम लोगों के लिए एक पल भी जिंदा रहना मुश्किल है। आइटीबीपी की उसी टुकड़ी को आइजी दीपम सेठ लीड कर रहे हैं।

पाक-चीन के पर्यटकों को होटलों में नहीं देंगे कमरे

दून वैली हॉस्पिटेलिटी इंडस्ट्री एसोसिएशन की बैठक में निर्णय लिया गया कि पाक व चीन के किसी भी पर्यटक को देहरादून के होटल में कमरा नहीं दिया जाएगा। इस मौके पर उन्होंने सरकार से होटल उद्योगों को विभिन्न प्रकार की छूट देने की मांग भी उठाई। साथ ही चारधाम यात्र में आने वाले पर्यटकों को लेकर भी चर्चा की। 

दून रेजिडेंसी में आयोजित बैठक में एसोसिएशन के अध्यक्ष सुरेश गिल्होत्र ने कहा कि लॉकडाउन के कारण सबसे अधिक नुकसान होटल उद्योग को हुआ है। इसलिए सरकार होटल व्यवसायियों को विभिन्न करों में छूट देने के साथ-साथ उन्हें पर्यटन विभाग की ओर से विभिन्न रियायतें प्रदान करवाए। ताकि होटल बंद होने से बच सकें। 

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उन्होंने कहा कि आइसीएमआर की ओर से जारी कोरोना निगेटिव रिपोर्ट वाले अतिथि को ही वह अपने होटलों में ठहरने की अनुमति देंगे। उन्होंने कहा कि प्रदेश में डेढ़ लाख से अधिक लोग होटल व्यवसाय से जुड़े हुए हैं। इसलिए सरकार को इस बारे में गंभीरता से निर्णय लेना चाहिए, ताकि होटल व्यवसाय निरंतर चलता रहे। इस मौके पर एसोसिएशन के उपाध्यक्ष डीएन भट्ट, आलोक राहोर, रोहित गुप्ता, सचिव राजीव तलवार, संयुक्त सचिव पंकज गुप्ता अभिनंदन, कोषाध्यक्ष राजीव मल्होत्र आदि मौजूद रहे।

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