किरायेदार और मकान मालिक के विवाद का मामला, दो दारोगाओं की लापरवाही पर जांच की संस्तुति

दून में दुकान को लेकर किरायेदार और मकान मालिक के बीच हुए विवाद पर दो दारोगाओं की ओर से कार्रवाई न करने पर सीओ सिटी ने उनके खिलाफ प्रारंभिक जांच की संस्तुति की है। इस संबंध में उन्होंने एसएसपी को अपनी रिपोर्ट सौंपी है।

By Raksha PanthriEdited By: Publish:Mon, 18 Jan 2021 01:04 PM (IST) Updated:Mon, 18 Jan 2021 01:04 PM (IST)
किरायेदार और मकान मालिक के विवाद का मामला, दो दारोगाओं की लापरवाही पर जांच की संस्तुति
दो दारोगाओं की लापरवाही पर जांच की संस्तुति।

जागरण संवाददाता, देहरादून। दून में दुकान को लेकर किरायेदार और मकान मालिक के बीच हुए विवाद पर दो दारोगाओं की ओर से कार्रवाई न करने पर सीओ सिटी ने उनके खिलाफ प्रारंभिक जांच की संस्तुति की है। इस संबंध में उन्होंने एसएसपी को अपनी रिपोर्ट सौंपी है।

सोनिया वैध निवासी त्यागी रोड ने पुलिस को शिकायत दर्ज करवाई थी कि दुकान के झगड़े को लेकर 21 अप्रैल 2019 को कुछ व्यक्तियों ने दुकान के ताले तोड़कर सामान बाहर फेंक दिया व उनकी पिटाई की। इसकी शिकायत उन्होंने मानवाधिकार से भी की थी। मानवाधिकार ने इस मामले में जांच बैठाई, लेकिन पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की। एसएसपी ने इस मामले की जांच सीओ सिटी शेखर चंद्र सुयाल से करवाई तो पता लगा कि सोनिया वैध ने 21 अप्रैल 2019 को लक्खीबाग चौकी में शिकायत दी थी।

उप निरीक्षक प्रवेश रावत ने रिपोर्ट दर्ज कर दी। इसके बाद मकान मालिक व किरायेदार सोनिया वैध के बीच समझौता हो गया। समझौते के अनुसार किरायेदार की ओर से दुकान पर जो खर्चा किया गया है, उसके बदले मकान मालिक महिला को 40 हजार रुपये देंगे। तब तक चाबी स्थानीय पूर्व पार्षद के पास रहेगी।

28 अगस्त 2019 को मकान मालिक ने नई चाबी बनाकर ताला खोलकर फिर किरायेदार का सामान बाहर फेंक दिया। सोनिया वैध ने इसकी सूचना पुलिस को दी। दारोगा प्रवेश रावत ने कार्रवाई करने के बजाय महिला से कहा कि सामान की फोटो खींचकर अपने पास रखें। सोनिया वैध जब दुकान पर जाकर सामान की फोटो खींचने लगी तो कुछ व्यक्तियों ने उनके ऊपर हमला कर दिया और उनका मोबाइल फेंक दिया।

रिपोर्ट में सीओ सिटी ने लिखा है कि 28 अगस्त को घटित घटना के संबंध में दारोगा प्रवेश रावत ने उचित कार्रवाई न कर लापरवाही बरती। इसके अलावा महिला ने घटना के संबंध में शिकायत जांच प्रकोष्ठ पुलिस कार्यालय में चार सितंबर 2019 को दी थी। जांच दारोगा दीपक रावत को सौंपी गई। उन्होंने प्रकरण के संबंध में न तो शिकायतकर्ता महिला से कोई पूछताछ की न ही अन्य पक्षकारों व गवाहों के बयान दर्ज किए। उन्होंने सरसरी तौर पर जांच रिपोर्ट तैयार कर भेज दी।

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