टूल किट प्रकरण में गोलमाल नहीं, सिर्फ प्रक्रियात्मक खामियां; कल पीसीसीएफ को सौंपी जा सकती है रिपोर्ट
वन विभाग के गढ़वाल वृत्त में वनों की आग बुझने के बाद फायर टूल किट पहुंचने के प्रकरण में गोलमाल की बात सामने नहीं आई है। अलबत्ता मांग भेजने समेत अन्य बिंदुओं पर प्रक्रियात्मक खामियां हैं। प्रकरण की जांच रिपोर्ट में यह बातें प्रथम दृष्टया उजागर हुई है।
राज्य ब्यूरो, देहरादून। वन विभाग के गढ़वाल वृत्त में वनों की आग बुझने के बाद फायर टूल किट पहुंचने के प्रकरण में गोलमाल की बात सामने नहीं आई है। अलबत्ता, मांग भेजने समेत अन्य बिंदुओं पर प्रक्रियात्मक खामियां हैं। प्रकरण की जांच रिपोर्ट में यह बातें प्रथम दृष्टया उजागर हुई है। सूत्रों के मुताबिक जांच अधिकारी सोमवार तक अपनी रिपोर्ट वन विभाग के मुखिया प्रमुख मुख्य वन संरक्षक (पीसीसीएफ) को सौंप सकते हैं।
गढ़वाल वृत्त के अंतर्गत आने वाले वन प्रभागों के जंगलों में भी इस मर्तबा आग से वन संपदा को भारी नुकसान पहुंचा। तब आग पर नियंत्रण के मद्देनजर मुख्य वन संरक्षक गढ़वाल सुशांत पटनायक ने वन प्रभागों की मांग के अनुसार फायर टूल किट की उपलब्धता के लिए प्रस्ताव भेजा। ये फायर टूल किट वन प्रभागों में तब पहुंचे, जब 10 जून को जंगलों में आग बुझ चुकी थी। इसके बाद टूल किट वितरण में कथित धांधली की हुई शिकायत के बाद शासन के निर्देश पर पीसीसीएफ राजीव भरतरी ने प्रकरण की जांच आइएफएस बीके गांगटे को सौंप दी। प्रकरण की अभी जांच चल ही रही थी कि कुछ दिन पहले प्रशासनिक आधार पर मुख्य वन संरक्षक गढ़वाल पटनायक के तबादले के आदेश भी जारी कर दिए गए।
अब इस प्रकरण की जांच पूरी हो चुकी है। सूत्रों के अनुसार रिपोर्ट में फायर टूल किट देर में पहुंचने की तो पुष्टि हुई, मगर प्रथम दृष्टया इनकी खरीद में घपले की बात सामने नहीं आई। हालांकि, फायर टूल किट की मांग भेजने आदि के मामले में प्रक्रियात्मक खामियां जरूर सामने आई हैं। मांग से संबंधित जो प्रस्ताव भेजा गया, उसमें 12 मार्च की तारीख है, जबकि धनराशि 15 मार्च को जारी हुई थी। उधर, पीसीसीएफ राजीव भरतरी ने बताया कि जांच रिपोर्ट मिलने के बाद ही वह इस बारे में कुछ कह पाएंगे।
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