सैनिटाइजर खरीद गड़बड़ी के मामले में बनाई जांच कमेटी, एक माह में देनी होगी रिपोर्ट

नगर निगम में कोरोना के लॉकडाउन के दौरान सैनिटाइजर खरीद में लगे कथित गड़बड़ी के आरोपों के मामले में नगर आयुक्त विनय शंकर पांडेय ने पांच सदस्यीय जांच कमेटी का गठन कर दिया है। कमेटी को एक माह में जांच कर अपनी रिपोर्ट देनी होगी।

By Raksha PanthriEdited By: Publish:Fri, 16 Apr 2021 11:11 AM (IST) Updated:Fri, 16 Apr 2021 11:11 AM (IST)
सैनिटाइजर खरीद गड़बड़ी के मामले में बनाई जांच कमेटी, एक माह में देनी होगी रिपोर्ट
सैनिटाइजर खरीद गड़बड़ी के मामले में बनाई जांच कमेटी।

जागरण संवाददाता, देहरादून। नगर निगम में कोरोना के लॉकडाउन के दौरान सैनिटाइजर खरीद में लगे कथित गड़बड़ी के आरोपों के मामले में नगर आयुक्त विनय शंकर पांडेय ने पांच सदस्यीय जांच कमेटी का गठन कर दिया है। कमेटी को एक माह में जांच कर अपनी रिपोर्ट देनी होगी। कमेटी में कांग्रेस के पार्षद और नगर निगम में नेता प्रतिपक्ष डा. बिजेंद्रपाल सिंह को अध्यक्ष व बाकी चार को सदस्य बनाया गया है। इसमें नगर निगम के वित्त अधिकारी भी सदस्य के रूप में मौजूद रहेंगे। 

सूचना के अधिकार के तहत नगर निगम से ली जानकारी के आधार पर कौलागढ़ के निवासी विनोद जोशी ने सैनिटाइजर खरीद में वित्तीय घोटाले का आरोप लगाकर नगर निगम में 25 मार्च को नारेबाजी व प्रदर्शन किया था। अगले दिन कांग्रेस ने भी मुद्दे पर अपना विरोध-प्रदर्शन किया और जांच की मांग उठाई। आरोप है कि लॉकडाउन के दौरान नगर निगम ने साठ रुपये प्रति लीटर की दर पर दून के माजरा स्थित एक फर्म से सोडियम हाइपोक्लोराइट की खरीद की थी। आरोप है कि इसकी कीमत 12 रुपये प्रति लीटर थी। बाद में निगम ने 12 रुपये में ही खरीद की। 

नगर आयुक्त विनय शंकर पांडेय ने स्पष्ट किया था कि लॉकडाउन के समय परिवहन सेवा बंद होने व आपात स्थिति में स्थानीय बाजार से इसे साठ रुपये की दर पर खरीदा गया था, जबकि बाद में निगम ने कोटा से सिर्फ परिवहन शुल्क वहन कर मुफ्त में भी सैनिटाइजर लिया। आयुक्त का दावा था कि दून निगम में ही नहीं बल्कि कोटद्वार नगर निगम, मसूरी पालिका, लाल बहादुर शास्त्री प्रशासनिक अकादमी समेत दर्जनों सरकारी संस्थानों ने साठ रुपये प्रति लीटर की दर पर सोडियम हाइपोक्लोराइट को क्रय किया था।

उस वक्त कीमत ज्यादा थी और बाद में सरकार ने कीमत कम कर दी थी। फिर भी कांग्रेस के आरोप के बाद महापौर सुनील उनियाल गामा ने जांच का आदेश दिया था। उसी क्रम में अब पार्षद डा. बिजेंद्रपाल सिंह की अध्यक्षता में जांच कमेटी गठित की गई है। इसमें पार्षद रमेश काला, हरि प्रसाद भट्ट और रवि गुसाईं और नगर निगम के वित्त अधिकारी वीरेंद्र रावत सदस्य हैं। कमेटी की पहली बैठक शनिवार की दोपहर बुलाई गई है। 

यह भी पढ़ें- Dehradun Coronavirus Update: फिर चरम पर कोरोना संक्रमण, शहर में सैनिटाइजेशन हवा

Uttarakhand Flood Disaster: चमोली हादसे से संबंधित सभी सामग्री पढ़ने के लिए क्लिक करें

chat bot
आपका साथी