International Yoga Day: कोरोना महामारी ने बदला योग का स्वरूप, तीर्थ नगरी के योग शिक्षक दुनियाभर में वर्चुअल माध्यम से दे रहे शिक्षा

ऋषिकेश को योग की अंतरराष्ट्रीय राजधानी कहा जाता है। इस तपोभूमि ने दुनिया को महर्षि महेश योगी स्वामी शिवानंद सरस्वती डा. स्वामी राम जैसे अंतरराष्ट्रीय ख्यातिनाम योगी दिए हैं। हर साल देश ही नहीं दुनिया के विभिन्न हिस्सों से सैकड़ों साधक योग सीखने यहां आते हैं।

By Sumit KumarEdited By: Publish:Mon, 21 Jun 2021 07:10 AM (IST) Updated:Mon, 21 Jun 2021 07:10 AM (IST)
International Yoga Day: कोरोना महामारी ने बदला योग का स्वरूप, तीर्थ नगरी के योग शिक्षक दुनियाभर में वर्चुअल माध्यम से दे रहे शिक्षा
ऋषिकेश को योग की अंतरराष्ट्रीय राजधानी कहा जाता है।

हरीश तिवारी, ऋषिकेश: ऋषिकेश को योग की अंतरराष्ट्रीय राजधानी कहा जाता है। इस तपोभूमि ने दुनिया को महर्षि महेश योगी, स्वामी शिवानंद सरस्वती, डा. स्वामी राम जैसे अंतरराष्ट्रीय ख्यातिनाम योगी दिए हैं। हर साल देश ही नहीं, दुनिया के विभिन्न हिस्सों से सैकड़ों साधक योग सीखने यहां आते हैं।

अंतरराष्ट्रीय स्तर पर योग का महत्व स्वीकार किए जाने के बाद हर साल 21 जून को विश्व योग दिवस मनाने का निर्णय लिया गया था। लेकिन, कोरोना महामारी के कारण बीते वर्ष से अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर यहां कोई आयोजन नहीं हो पाया। हालांकि, योग की अहमियत अपनी जगह है, इसलिए कोरोना भी इसका महत्व नहीं घटा पाया। हां! कोरोना संक्रमण के कारण योग का स्वरूप जरूर बदल गया। बल्कि, यूं कहें कि महामारी में योग एक बेहतर उपाय और उपचार बनकर सामने आया है तो कोई अतिशयोक्ति नहीं होगी। इसकी बानगी ऋषिकेश समेत आसपास के क्षेत्र में देखी जा सकती है। यहां नियमित रूप से योग की शिक्षा देने वाले आश्रम और संस्थान कोरोना काल में वर्चुअल माध्यम से विश्वभर में साधकों का मार्गदर्शन कर रहे है। अंतरराष्ट्रीय योग दिवस को वर्चुअल माध्यम से ही मनाने का निर्णय योग गुरुओं ने इस वर्ष भी दोहराया है। ऋषिकेश परमार्थ निकेतन के परमाध्‍यक्ष स्‍वामी चिदानंद सरस्‍वती का कहना है कि 'विश्व के कई देशों के साधक संक्रमण काल में भी वर्चुअल माध्यम से योग का नियमित ज्ञान प्राप्त कर रहे हैं। सत्र के अनुसार योग क्रिया और संवाद कक्षा का आयोजन हो रहा है। अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर परमार्थ घाट में विश्व शांति ध्यान योग का आयोजन हो रहा है। कई देश के साधक वर्चुअल माध्यम से इससे जुड़ेंगे।'

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उत्तराखंड संस्कृत विश्वविद्यालय, हरिद्वार के योग विज्ञान विभाग के विभागाध्यक्ष डा. लक्ष्मीनारायण जोशी बताते हैं कि 'कोरोना काल में अंतरराष्ट्रीय योग दिवस की उपयोगिता और बढ़ गई है। इस कालखंड में हमने कई विश्वविद्यालयों में वर्चुअल माध्यम से छात्रों को योग का प्रशिक्षण दिया। महामारी में भले ही व्यक्ति व्यक्ति से दूर हुआ है, किंतु योग ने अपनी शक्ति से पूरे विश्व को जोडऩे का काम किया है। विशेष रूप से संक्रमित व्यक्ति योग के जरिये जल्दी स्वस्थ हुए हैं।

अहं ब्रह्मास्मि योग मंदिर ट्रस्ट के अध्‍यक्ष योगी कर्णपाल महाराज का कहना है कि 'योग मंदिर में रोजाना सुबह-शाम वर्चुअल क्लास आयोजित की जा रही हंै। इनसे देश के कई प्रांतों समेत कनाडा और अमेरिका के साधक नियमित रूप से जुड़ रहे हैं। कोरोना ही नहीं, बल्कि हर रोग में योग ने सार्थक भूमिका निभाई है। रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के साथ अनिद्रा, मानसिक तनाव दूर करने में योग एक मित्र की भूमिका में रहा है।Ó

योग कुटी ऋषिकेश के संस्‍थापक संजय नौटियाल का कहना है कि 'चीन के चुंगसान में वर्ष 2006 से सन-मून योग सेंटर का संचालन किया जा रहा है। वर्ष 2018 में ऋषिकेश में विश्व योग दिवस मनाया गया था। लेकिन, बीते साल से महामारी के कारण कोई आयोजन नहीं हुए। वर्चुअल माध्यम से आज भी कई साधक योग का प्रशिक्षण ले रहे हैं। वर्तमान में पूरा विश्व योग से जुड़ा है, बल्कि महामारी में इसका महत्व और बढ़ गया है।'

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