बीमा कंपनी को देना होगा वाहन की मरम्मत का पूरा खर्च Dehradun News

क्षतिग्रस्त वाहन की मरम्मत का पूरा खर्च बीमा कंपनी को उपभोक्ता को देना होगा। कंपनी ने असल खर्च का तकरीबन 20 फीसदी ही क्लेम स्वीकृत किया था।

By Raksha PanthariEdited By: Publish:Fri, 21 Feb 2020 03:47 PM (IST) Updated:Fri, 21 Feb 2020 03:47 PM (IST)
बीमा कंपनी को देना होगा वाहन की मरम्मत का पूरा खर्च Dehradun News
बीमा कंपनी को देना होगा वाहन की मरम्मत का पूरा खर्च Dehradun News

देहरादून, जेएनएन। बीमा कंपनी को क्षतिग्रस्त वाहन की मरम्मत का पूरा खर्च उपभोक्ता को देना होगा। कंपनी ने असल खर्च का तकरीबन 20 फीसदी ही क्लेम स्वीकृत किया था। जिला उपभोक्ता फोरम ने प्रस्तुत बिल में कुछ वाजिब कटौती कर तीस दिन में क्लेम अदायगी का आदेश बीमा कंपनी को दिया है। वहीं, पांच हजार रुपये टोइंग चार्ज, 15 हजार रुपये मानसिक क्षतिपूर्ति व पांच हजार रुपये वाद व्यय भी बीमा कंपनी को देने होंगे। 

ग्राम मोतड, उत्तरकाशी निवासी महावीर सिंह ने ओरियंटल इंश्योरेंस कंपनी की एस्लेहॉल ब्रांच के खिलाफ जिला उपभोक्ता फोरम में वाद दायर दिया। वादी के अनुसार उन्होंने उक्त कंपनी से अपने वाहन का बीमा कराया था। बीमित अवधि में वाहन गहरी खाई में गिरकर क्षतिग्रस्त हो गया, जिसकी सूचना उन्होंने बीमा कंपनी को दी। कंपनी ने सर्वेयर नियुक्त किया और उसी के कहने पर क्षतिग्रस्त वाहन विकासनगर स्थित वर्कशॉप में ले जाया गया। वाहन को लाने में उनके 20 हजार रुपये खर्च हुए। वहीं मरम्मत, पुर्जों की कीमत और मजदूरी मिलाकर रुपये 2,73,300 रुपये खर्च हुए। पर उनका क्लेम 52,203 रुपये तय किया गया। 

वह बीमा कंपनी के शाखा प्रबंधक से मिले, लेकिन उन्होंने क्लेम की राशि में बढ़ोत्तरी से साफ इनकार कर दिया। फोरम में बीमा कंपनी की ओर से कहा गया कि सर्वेयर की रिपोर्ट और पॉलिसी की शर्तों के अधीन रबर के सामान के सापेक्ष 50 प्रतिशत कटौती और एक्सेस क्लॉज के डेढ़ हजार रुपये कम करते हुए क्लेम का आकलन किया गया है। जिला उपभोक्ता फोरम के अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह दुग्ताल और सदस्य विमल प्रकाश नैथानी ने राष्ट्रीय उपभोक्ता आयोग द्वारा दी गई विधि व्यवस्था के आलोक में यह आदेश दिया कि वादी 2,65,300 रुपये क्लेम पाने का हकदार है। 

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