इस तरह बदली बैंक के डिप्टी जोनल मैनेजर के जीवन की राह, आर्थिक रूप से कमजोर प्रतिभावान छात्रों की कर रहे मदद
करीब 36 वर्ष पूर्व संकट के दौर में कड़े संघर्ष से मिली सफलता ने बैंक ऑफ इंडिया के डिप्टी जोनल मैनेजर एसएन शर्मा के जीवन की राह बदल दी। उन्होंने संकल्प लिया कि समाज में आर्थिक रूप से कमजोर प्रतिभावान छात्र-छात्राओं की हरसंभव मदद करेंगे।
चकराता (देहरादून), चंदराम राजगुरु। करीब 36 वर्ष पूर्व संकट के दौर में कड़े संघर्ष से मिली सफलता ने बैंक ऑफ इंडिया के डिप्टी जोनल मैनेजर एसएन शर्मा के जीवन की राह बदल दी। उन्होंने संकल्प लिया कि समाज में आर्थिक रूप से कमजोर प्रतिभावान छात्र-छात्राओं की हरसंभव मदद करेंगे। इसी की परिणति है जेबीपी फाउंडेशन स्कॉलरशिप योजना, जिसे उन्होंने सेवानिवृत्ति के बाद परिवार के अन्य सदस्यों के सहयोग से शुरू किया है। देहरादून जिले के जनजातीय क्षेत्र जौनसार-बावर की सीमांत देवघार खत के ग्राम अटाल निवासी एसएन शर्मा का जीवन संघर्षभरा रहा। वर्ष 1980 से पूर्व उनके पिता झांऊराम शर्मा, मां फूलो देवी और बड़े भाई बरजीत शर्मा खेती-किसानी कर घर का खर्चा चलाते थे। तब घर की जिम्मेदारी संभालने के लिए बरजीत को शिक्षक की नौकरी भी छोड़नी पड़ी। वर्ष 1984 में एसएन शर्मा जब बैंक की भर्ती परीक्षा देने आगरा जा रहे थे, तब उनकी जेब में मात्र 40 रुपये थे। पैसा बचाने को वो त्यूणी से लकड़ी से लदे ट्रक पर देहरादून के लिए रवाना हुए। पुरोला में कुछ देर ट्रक के रुकने पर जब लकड़ी के मालदार ने उनकी स्थिति देखी तो मदद के तौर पर उन्हें 500 रुपये दिए। इस घटना ने उनके जीवन की दिशा ही बदल दी। बैंक में नौकरी लगने के बाद वह उस फरिश्ते का आभार भी नहीं जता पाए, जिसका उन्हें आज तक मलाल है। बैंक से रिटायर्ड होने के बाद वर्ष 2019 में उन्होंने अपने माता-पिता व भाई की स्मृति में जेबीपी फाउंडेशन चैरिटेबल ट्रस्ट बनाया। इसका मुख्य उद्देश्य गरीब परिवार के होनहार बच्चों को पढ़ाई में सहयोग करना है। फाउंडेशन के चेयरमैन एसएन शर्मा बताते हैं कि उनका 31 सदस्यों का संयुक्त परिवार है। परिवार के 11 सदस्य विभिन्न सरकारी विभागों में सेवारत हैं। फाउंडेशन के संचालन को वह प्रतिमाह एक-एक हजार रुपये का अंशदान करते हैं। जेबीपी फाउंडेशन स्कॉलरशिप-2019 के तहत पहली बार जौनसार-बावर के विभिन्न विद्यालयों में अध्ययनरत 19 गरीब मेधावी छात्र-छात्राओं को प्रोत्साहन राशि बांटी गई। शर्मा बताते हैं कि फाउंडेशन से देश-विदेश के करीब 80 लोग जुड़ चुके हैं, जिससे मदद का दायरा उत्तराखंड के साथ हिमाचल प्रदेश तक बढ़ा दिया गया है।
इस बार 20 गरीब मेधावी विद्यार्थियों को दी प्रोत्साहन राशि
जेबीपी फाउंडेशन की ओर से इस बार बोर्ड परीक्षा में 80 फीसद अंक पाने वाले देहरादून, डोईवाला, सहसपुर, विकासनगर, डाकपत्थर, कालसी, साहिया, चकराता, त्यूणी व नेरवा (हिमाचल प्रदेश) के 20 होनहार छात्र-छात्राओं को दस-दस हजार रुपये के हिसाब से दो लाख की प्रोत्साहन राशि दी गई। इनमें दो छात्र अनाथ हैं। इसके अलावा फाउंडेशन ने पहली से पांचवीं कक्षा तक के प्रत्येक चयनित गरीब मेधावी विद्यार्थी को 151 रुपये, छठी से आठवीं तक 251 रुपये, नवीं से 11वीं तक 501 रुपये और दसवीं व 12वीं के बोर्ड परीक्षार्थियों को एक-एक हजार की प्रोत्साहन राशि प्रतिवर्ष दस माह तक भुगतान की व्यवस्था की है।
परिवार का हर सदस्य कर रहा मदद
जेबीपी फाउंडेशन के संचालन में एसएन शर्मा के भाई सेवानंद शर्मा, प्रेमचंद शर्मा व ब्रह्मदत्त शमा, पुत्र विशाल शर्मा, भतीजे सुंदरराम शर्मा, कमलेश शर्मा, अमर चंद शर्मा व सुरेंद्र शर्मा, बहू रीना शर्मा व सृष्टि शर्मा, भतीजी प्रसंता शर्मा व अरुणा शर्मा समेत परिवार के सभी सदस्य सहयोग कर रहे हैं।