हरिद्वार, पंतनगर व सितारगंज सिडकुल में सीईटीपी के मानक तय
हरिद्वार, पंतनगर और सितारगंज सिडकुल की औद्योगिक इकाइयां अब अपने यहां से निकलने वाले प्रदूषित पानी को यूं ही संयुक्त उत्प्रवाह शुद्धीकरण संयंत्र (सीईटीपी) में नहीं छोड़ पाएंगी।
राज्य ब्यूरो, देहरादून: हरिद्वार, पंतनगर और सितारगंज सिडकुल की औद्योगिक इकाइयां अब अपने यहां से निकलने वाले प्रदूषित पानी को यूं ही संयुक्त उत्प्रवाह शुद्धीकरण संयंत्र (सीईटीपी) में नहीं छोड़ पाएंगी। इसके लिए प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (पीसीबी) ने मानक तय कर दिए हैं और इसी के हिसाब से सीईटीपी में पानी छोड़ा जाएगा। जाहिर है कि अब वहां स्थित औद्योगिक इकाइयों को अपने यहां भी जल शुद्धीकरण संयत्र स्थापित करना अनिवार्य हो जाएगा।
अभी तक की व्यवस्था के अनुसार सिडकुल की प्रदूषित जल प्रवाह करने वाली औद्योगिक इकाइयां इस पानी को सीधे सीईटीपी में छोड़ दे रही थीं। सीईटीपी में शोधन के बाद इस पानी को छोड़ा जाता था, लेकिन अत्यधिक मात्रा में पानी के कारण दिक्कतें आ रही थीं। हाल में हुई पीसीबी की बोर्ड बैठक में यह मसला रखा गया। पीसीबी के सदस्य सचिव एसपी सुबुद्धि के अनुसार इस पर सीईटीपी के तहत क्वालिटी मानक तय कर दिए गए। इसमें पीएच, बीओडी, सीओडी, टीडीएस, टीएसएस, ऑयल एंड ग्रीस, फेनोलिक कंपाउंड आदि के मानक तय किए गए हैं। सभी औद्योगिक इकाइयों का इसका अनुपालन करना होगा।
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तकनीकी परीक्षण खुद कर सकेगा पीसीबी
पीसीबी बोर्ड ने एक और अहम फैसला लिया है। इसके तहत पीसीबी में तकनीकी सलाहकार समिति (टीएसी) का गठन किया जाएगा। इसके अस्तित्व में आने पर पीसीबी अब तकनीकी प्रकरणों का खुद परीक्षण कर सकेगा। इसके लिए उसे अभी तक बाहरी संस्थाओं पर निर्भर रहना पड़ता था।
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ईको टूरिज्म निगम को धनराशि देगा पीसीबी
राज्य में ईको टूरिज्म की गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए पीसीबी ईको टूरिज्म विकास निगम को धनराशि देगा। इस सिलसिले में निगम से प्रस्ताव मांगा जाएगा और बोर्ड स्तर पर परीक्षण के बाद इस पर कार्रवाई की जाएगी।