प्रवासियों को रोजगार से जोड़ने की पहल, जानिए क्या है पूरी योजना

रिवर्स पलायन कर रहे लोगों को रोजगार से जोड़ने के लिए पांच संगठनों को मिलाकर एक संगठन सामाजिक संगठन उत्तराखंड बनाया गया है।

By Raksha PanthariEdited By: Publish:Wed, 27 May 2020 06:09 PM (IST) Updated:Wed, 27 May 2020 09:30 PM (IST)
प्रवासियों को रोजगार से जोड़ने की पहल, जानिए क्या है पूरी योजना
प्रवासियों को रोजगार से जोड़ने की पहल, जानिए क्या है पूरी योजना

देहरादून, जेएनएन। कोरोना महामारी के कारण रिवर्स पलायन कर रहे लोगों को रोजगार से जोड़ने के लिए पांच संगठनों को मिलाकर एक संगठन 'सामाजिक संगठन उत्तराखंड' बनाया गया है। इस संगठन का नेतृत्व हेस्को कर रहा है। इस योजना में गांवों में एक वर्ष में 80 हजार मानव दिवस का रोजगार पैदा करने का लक्ष्य रखा गया है, जिसमें आइसीआइसीआइ बैंक फाउंडेशन भी सहयोग कर रहा है।

हेस्को के संस्थापक पद्मभूषण डॉ. अनिल प्रकाश जोशी ने बताया कि कोरोना महामारी के चलते देश की आर्थिक स्थिति को काफी हानि पहुंची है। ऐसे में सरकार उद्योग जगत से जुड़े तमाम वर्गों के उत्थान को लेकर गंभीर है। उन्होंने बताया कि वर्तमान परिस्थितियों को बेहतर बनाने के लिए योजना बनाई गई है, जिसके तहत हेस्को के नेतृत्व में किसान विज्ञान समिति, ग्रास संस्था, बुढ़ाना रुद्रप्रयाग, कल्पतरु संस्था रामनगर, लोक प्रबंध विकास समिति सुनौली को मिलाकर एक संगठन 'सामाजिक संगठन उत्तराखंड' बनाया है।

इनकी मदद से कोरोना महामारी के कारण विभिन्न राज्यों से उत्तराखंड लौटे लोगों को रोजगार से जोड़ा जाएगा। उन्होंने बताया कि गांवों में वनीकरण, बांध, तालाब आदि निर्माण कार्यों में स्थानीय लोगों की ही मदद ली जाएगी, जिससे उन्हें रोजगार मिलेगा और गांवों का विकास भी होगा। आइसीआइसीआइ बैंक फाउंडेशन के चेयरमैन सौरभ सिंह ने कहा कि इससे मिलने वाले रोजगार से सीधे गांवों को लाभ पहुंचेगा।

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महिलाओं के लिए सुविधा केंद्र योजना

डॉ. अनिल प्रकाश जोशी ने बताया कि महिलाओं के लिए गांवों के बीच में एक सुविधा केंद्र बनाया जा रहा है, जिसमें सभी ग्रामीण उत्पादों को बेचा जा सकेगा। इन केंद्रों पर विभिन्न उपकरणों को उपलब्ध करवाया जा रहा है, जिससे ग्रामीण महिलाओं को विभिन्न उत्पादों का प्रशिक्षण दिया जा सके। इस योजना से 30 हजार महिलाओं को जोड़ा जाएगा। प्रदेश के छह स्थानों पर फल पट्टी विकसित की जा रही है। इन फल पट्टी से 60 हजार मानव दिवसों का रोजगार उत्पन्न होगा। 

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