बहुप्रतीक्षित अमृतसर कोलकाता औद्योगिक कॉरीडोर के लिए कैबिनेट की हरी झंडी

प्रदेश सरकार ने बहुप्रतीक्षित अमृतसर कोलकाता औद्योगिक गलियारा योजना में कदम आगे बढ़ाए हैं। पहले चरण में 1000 एकड़ में अवस्थापना सुविधाओं का विकास किया जाएगा।

By Edited By: Publish:Wed, 08 Jul 2020 09:52 PM (IST) Updated:Thu, 09 Jul 2020 01:51 PM (IST)
बहुप्रतीक्षित अमृतसर कोलकाता औद्योगिक कॉरीडोर के लिए कैबिनेट की हरी झंडी
बहुप्रतीक्षित अमृतसर कोलकाता औद्योगिक कॉरीडोर के लिए कैबिनेट की हरी झंडी

देहरादून, राज्य ब्यूरो। प्रदेश सरकार ने बहुप्रतीक्षित अमृतसर कोलकाता औद्योगिक गलियारा योजना में कदम आगे बढ़ाए हैं। इसके तहत पहले चरण में 1000 एकड़ में अवस्थापना सुविधाओं का विकास किया जाएगा। इसके लिए जल्द ही एसपीवी का गठन किया जाएगा। केंद्र सरकार ने अमृतसर से कोलाकाता तक औद्योगिक गलियारा बनाने का निर्णय लिया है। इस गलियारे के 200 किमी के दायरे में आने वाले क्षेत्र में केंद्र सरकार की सहायता से औद्योगिक विकास किया जाएगा। इसके लिए केंद्र ने तीन हजार हेक्टेयर जमीन मांगी है। इस योजना में जमीन राज्य सरकार को देनी है और इसमें अवस्थापना सुविधाएं विकसित करने का काम केंद्र को करना है। 

कैबिनेट की बैठक में ऊधमसिंह नगर में सिडकुल की एक हजार हेक्टेयर जमीन पर यह काम शुरू करने का निर्णय लिया गया। शासकीय प्रवक्ता मदन कौशिक ने कैबिनेट के इस निर्णय की जानकारी देते हुए बताया कि इस औद्योगिक गलियारे को विकसित करने के लिए एक स्पेशल पर्पज व्हीकल (एसपीवी) का गठन किया जाएगा। इसमें प्रदेश व केंद्र सरकार के प्रतिनिधि होंगे। यही एसपीवी केंद्र से मिलने वाली आर्थिक मदद के जरिये ढांचागत विकास का काम करेगी। उन्होंने कहा कि पहले चरण में सिडकुल की जमीन केंद्र को देने का निर्णय लिया गया है। इसके बाद प्रदेश सरकार शेष जमीन भी केंद्र को दे देगी। इससे यहां औद्योगिक विकास को गति मिलेगी।

अब सीधी भर्ती भी कर सकेंगे उद्योग

अब उद्योगों को अपने यहां भर्ती के लिए आउटसोर्स एजेंसियों अथवा ठेकेदारों के भरोसे नहीं रहना पड़ेगा। उद्योग व वाणिज्यिक संस्थान अब अपनी आवश्यकता के अनुसार एक नियत अवधि तक के लिए सीधी भर्ती कर सकते हैं। कैबिनेट ने बुधवार को इसे मंजूरी दे दी। इसके मुताबिक अब नियत अवधि में भर्ती किए गए कर्मचारी को स्थायी कर्मचारियों की तरह लाभ दिए जाएंगे। प्रदेश सरकार उद्योगों को आकर्षित करने के लिए लगातार कदम उठा रही है। 

इस कड़ी में कैबिनेट ने उत्तराखंड (उत्तर प्रदेश औद्योगिक सेवा नियोजन मॉडल स्थायी आदेश 1992 ) (संशोधन) आदेश 2020 को मंजूरी प्रदान की है। इसमें कहा गया है कि उद्योग अथवा वाणिज्यिक संस्थान एक नियत अवधि तक अपने यहां कर्मचारियों की तैनाती कर सकेंगे। इसमें कर्मचारी व उद्योगों दोनों की सहमति होनी जरूरी है। इन कर्मचारियों को नियत अवधि कर्मचारी कार्ड भी प्रदान किया जाएगा। 

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अवधि समाप्त होने के पश्चात दोबारा काम पर न रखे जाने पर कर्मचारी किसी नोटिस अथवा वेतन का हकदार नहीं होगा। उद्योग विभाग की भर्ती अब अधीनस्थ चयन सेवा आयोग के जरिये प्रदेश में अब उद्योग विभाग के समूह ग की भर्ती अधीनस्थ सेवा आयोग के जरिये की जाएगी। इसके लिए नियमावली में भी संशोधन किया गया है। इसके साथ ही इसमें अन्य पिछड़ा वर्ग और आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग को भी जोड़ा गया है। इन्हें नियमानुसार भर्ती में आरक्षण दिया जाएगा।

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