नैदानिक अनुसंधान से विकसित राष्ट्र बनेगा भारत

अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) ऋषिकेश में शोध से राष्ट्र निर्माण विषय पर छह दिवसीय कार्यशाला शुरू हुई।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 02 Aug 2021 08:26 PM (IST) Updated:Mon, 02 Aug 2021 08:26 PM (IST)
नैदानिक अनुसंधान से विकसित राष्ट्र बनेगा भारत
नैदानिक अनुसंधान से विकसित राष्ट्र बनेगा भारत

जागरण संवाददाता, ऋषिकेश : अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) ऋषिकेश में शोध से राष्ट्र निर्माण विषय पर छह दिवसीय कार्यशाला शुरू हुई। इसमें देशभर के मेडिकल संस्थानों के विशेषज्ञों ने देश की उन्नति के लिए नैदानिक अनुसंधान के क्षेत्र में विशेष रूप से ध्यान दिए जाने पर जोर दिया।

कार्यशाला की अध्यक्षता करते हुए एम्स निदेशक पद्मश्री प्रो. रवि कांत ने विज्ञान के तीनों स्तरों (सामाजिक, नैदानिक एवं मूल शोध) के समावेश की संकल्पना के साथ मिलजुलकर कार्य करने और आपसी तालमेल रखकर कार्यों को बढ़ावा देने की बात कही। एम्स ऋषिकेश के सीनियर रेजिडेंट डा. जितेन्द्र गैरोला ने बताया कि देश को विकासशील से विकसित एवं आत्मनिर्भर बनाने का संकल्प नैदानिक अनुसंधान से ही पूरा हो सकता है। लिहाजा इस ओर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है। उन्होंने बताया कि यह सब चिकित्सकों, वैज्ञानिक और नीति निर्माताओं के एकीकृत प्रयासों से ही संभव हो सकता है। सरदार भवान सिंह विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. आरके सिंह समेत विभिन्न प्रतिष्ठित संस्थानों के वैज्ञानिक एवं प्रोफेसर्स ने कार्यशाला को संबोधित किया। कार्यशाला की संयोजक प्रियंका उनियाल ने बताया कि इस कार्यशाला से उत्कृष्ट अनुसंधान लेखन में आधुनिक प्रवृत्तियों का समावेश शोधकर्ताओं और विज्ञान से जुड़े छात्रों को अवश्य लाभ मिलेगा। कार्यशाला के विभिन्न सत्रों में बतौर मुख्य वक्ता पीजीआइईएम, चंडीगढ़ की टेलीमेडिसिन संकायाध्यक्ष प्रोफेसर मीनू सिंह ने व्यवस्थित मेटा एनालिसिस विषय पर व्याख्यान दिया। सह-संयोजक डा. अक्षत उनियाल ने बताया कि कार्यशाला में विभिन्न अनुसंधान क्षेत्रों से जुड़े शोधार्थीं और वैज्ञानिक प्रतिभाग कर रहे हैं। जिससे चिकित्सा विज्ञान से जुड़े लोगों को बहुआयामी शोध कौशल विकास की आपसी समझ और एक -दूसरे क्षेत्र से जुड़े शोध और विकास को समझने में मदद मिलेगी। कार्यशाला में ऋषिकेश एम्स के एसोसिएट प्रोफेसर डा. योगेश बहुरूपी, एम्स सासनगर मोहाली पंजाब के एसोसिएट प्रोफेसर प्रो. आशीष गोयल सहित देशभर के मेडिकल कालेजों से जुड़े 150 विशेषज्ञों ने प्रतिभाग किया।

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