सीमा पर अब चीन की चालबाजी का मुंहतोड़ जवाब देने में सक्षम है भारत: मुरली धर

सीमा जागरण मंच के राष्ट्रीय सह-संयोजक मुरली धर ने कहा समृद्ध और समर्थ भारत बनाने के लिए भारत की सीमाओं को हर तरह से सुरक्षित रखना बेहद जरूरी है। उन्होंने चीन के चाल-चरित्र पर जमकर हमला बोला है।

By Raksha PanthariEdited By: Publish:Fri, 23 Oct 2020 04:52 PM (IST) Updated:Fri, 23 Oct 2020 04:52 PM (IST)
सीमा पर अब चीन की चालबाजी का मुंहतोड़ जवाब देने में सक्षम है भारत: मुरली धर
सीमा पर अब चीन की चालबाजी का मुंहतोड़ जवाब देने में सक्षम है भारत।

देहरादून, जेएनए। सीमा जागरण मंच के राष्ट्रीय सह-संयोजक मुरली धर ने कहा, समृद्ध और समर्थ भारत बनाने के लिए भारत की सीमाओं को हर तरह से सुरक्षित रखना बेहद जरूरी है। उन्होंने चीन के चाल-चरित्र पर हमला बोला। धर ने कहा, चीन वैश्विक दृष्टि से अपनी विस्तारवादी आर्थिक-सामरिक नीति से महाशक्तिशाली बनने की लालसा रखता है। इसके चलते उसने सभी मानवीय नैतिक मूल्यों को ताक पर रख दिया है। उन्होंने कहा, लगाया कि चीन ने कोरोना वायरस को दुनिया में सुनियोजित रूप से फैलाया है, जो जग जाहिर हैं। उन्होंने कहा कि आज के समय में भारत सीमा पर चीन को मुंहतोड़ जवाब देने में सक्षम है।  

विश्व संवाद केंद्र देहरादून में आयोजित प्रेस वार्ता में सीमा जागरण मंच के राष्ट्रीय सह-संयोजक मुरली धर ने उत्तराखंड के विस्तृत सीमांत क्षेत्र के दौरे को लेकर जानकारी दी। उनका ये दौरा चार अक्टूबर से शुरू हुआ। उन्होंने नेपाल सीमा पर खटीमा से यात्रा प्रारंभ कर फिर टनकपुर, चमदेवल (लोहाघाट), पिथौरागढ़, नारायण आश्रम, धारचुला, मुनस्यारी, चमोली जिले में नीती-माणा घाटी, श्रीनगर में गोष्ठी और उसके बाद उत्तरकाशी की नेलांग घाटी का प्रवास किया। 19 और 21 अक्टूबर को वे उत्तरकाशी जिले के सीमांत क्षेत्र में पहुंचे और अनेक स्थानों पर सुरक्षा बल और स्थानीय लोगों से वर्तमान परिस्थिति पर समाज की भूमिका और कर्तव्य पर विस्तृत चर्चा की।

चीन ने सुनियोजित तरीके से फैलाया कोरोना- धर 

धर ने कहा, तिब्बत को 1951 में कब्जा करना, 22 अक्टूबर 1962 को भारत पर आक्रमण, भारत में माओवादी अलगाववाद को बढावा, पाकिस्तान के माध्यम से मुस्लिम आतंकवाद का सब प्रकार से सहयोग यूएनओ में भारत को नीचा दिखाने का प्रयास, भारत के पड़ोसी देशों को भारत के विरुद्ध उकसाने जैसी शत्रुतापूर्ण कार्यवाही चीन कर रहा है। गलवान घाटी में लददाख में अगस्त में हमारी सीमा की रक्षा करते हुए 20 जवान शहीद हुए, बदले में भारत ने 50 से अधिक सैनिक चीनी सेना के मार गिराए थे। आज सीमा पर चीन ने युद्ध जैसे हालात कर दुनिया में कोरोना वायरस के विस्तार से लाखों लोगों को मारने के विषय से ध्यान हटाने का प्रयास किया है।

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चीन के चाल-चरित्र से रहना होगा सतर्क 

मुरली धर ने ये भी कहा कि सीमावर्ती क्षेत्रों के समाज को अधिक सतर्कता रखने की आवश्यकता है। युद्ध के हालात में समाज के और अधिक जागृत सतर्क होने की आवश्यकता है। समाज में होने वाली सभी घटनाओं पर ध्यान रखना और सुरक्षा एजेंसियों से सजीव संपर्क-संवाद रखना सुरक्षा के लिए अति आवश्यक है। वैसे तो देवभूमि का स्वाभाविक रूप से राष्ट्रीय सुरक्षा में हमेशा से महत्वपूर्ण योगदान रहा है फिर भी यहां के समाज को चीन के चाल और चरित्र से सतर्क रहने की आवश्यकता है। चीन के सामरिक और आर्थिक आक्रमण का समाज की जागरुकता और चीनी उत्पाद के संपूर्ण बहिष्कार से उत्तर दिया जा सकता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में भारतीय भारतीय सेना ने अपने आपको सब मोर्चों पर सिद्ध कर लिया है।

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