Chardham Devsthanam Board: बेहतर यात्रा प्रबंधन और व्यवस्था में सुधार है उद्देश्य, इस दिशा में बढ़े कदम

Chardham Devsthanam Board चारधाम देवस्थानम प्रबंधन अधिनियम के तहत गठित चारधाम देवस्थानम बोर्ड के दायरे में लाने का कुछ हक-हकूकधारी भले ही विरोध कर रहे हों लेकिन सरकार की मंशा मंदिरों से जुड़ी व्यवस्थाएं और बेहतर यात्रा प्रबंधन करना है।

By Raksha PanthariEdited By: Publish:Thu, 22 Oct 2020 12:58 PM (IST) Updated:Thu, 22 Oct 2020 12:58 PM (IST)
Chardham Devsthanam Board: बेहतर यात्रा प्रबंधन और व्यवस्था में सुधार है उद्देश्य, इस दिशा में बढ़े कदम
बेहतर यात्रा प्रबंधन और व्यवस्था में सुधार है उद्देश्य।

देहरादून, राज्य ब्यूरो। Chardham Devsthanam Board उत्तराखंड में चारधाम बदरीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री और यमनोत्री के साथ ही इनके नजदीकी 51 मंदिरों को चारधाम देवस्थानम प्रबंधन अधिनियम के तहत गठित चारधाम देवस्थानम बोर्ड के दायरे में लाने का कुछ हक-हकूकधारी भले ही विरोध कर रहे हों, लेकिन सरकार की मंशा मंदिरों से जुड़ी व्यवस्थाएं और बेहतर यात्रा प्रबंधन करना है। इस दिशा में बोर्ड ने कदम उठाने शुरू कर दिए हैं। वर्तमान में चारधाम यात्रा बोर्ड के दिशा-निर्देशों के तहत ही चल रही है। इसके साथ ही चारधाम में पूर्व की भांति हक-हकूकधारियों के अधिकारों का निर्धारण भी कर दिया गया है। सरकार की इस पहल को विरोध के सुरों को थामने के तौर पर भी देखा जा रहा है।

चारधाम में ही हर साल लाखों की संख्या में श्रद्धालु पहुंचते हैं। इसे देखते हुए चारधाम और इनके आसपास के मंदिरों की व्यवस्थाएं और अधिक सुदृढ़ करने के साथ ही वहां पहुंचने वाले तीर्थ यात्रियों को बेहतर सुविधाएं मुहैया कराने के उद्देश्य से इन्हें सरकारी नियंत्रण में लाने का निर्णय लिया गया। इसके लिए सरकार की ओर से पिछले वर्ष उत्तराखंड चारधाम देवस्थानम प्रबंधन अधिनियम विधेयक लाया गया। हालांकि, तीर्थ पुरोहितों के साथ ही हक-हकूकधारियों ने इस व्यवस्था का विरोध किया, लेकिन सरकार ने साफ किया कि हक-हकूकधारियों के हितों को बरकरार रखा जाएगा। साथ ही चारधाम की परपंरा समेत अन्य पारंपरिक व्यवस्थाओं में कोई बदलाव नहीं किया जाएगा।

विधानसभा में यह विधेयक पारित होने और फिर राजभवन से मंजूरी मिलने के बाद उत्तराखंड चारधाम देवस्थानम प्रबंधन अधिनियम अस्तित्व में आया। अधिनियम में दी गई व्यवस्था के तहत देवस्थानम प्रबंधन बोर्ड का गठन किया गया और फिर बोर्ड ने धीरे-धीरे व्यवस्थाएं अपने हाथ में ले लीं। वर्तमान में चारधाम में बोर्ड की व्यवस्थाओं के तहत ही चारधाम यात्रा चल रही है। साथ ही बोर्ड व्यवस्थाओं को दुरुस्त करने में भी जुटा हुआ है।

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हालांकि, इस बीच देवस्थानम प्रबंधन अधिनियम का विरोध कर रहे हक- हकूकधारियों की ओर से भाजपा नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने हाईकोर्ट में सरकार के इस फैसले को चुनौती दी। इस पर फैसला सरकार के पक्ष में आया। उधर, सरकार का कहना है देवस्थानम बोर्ड के अंतर्गत आने से चारधाम के साथ ही इनके नजदीकी मंदिरों की व्यवस्था न सिर्फ और बेहतर होंगी, बल्कि श्रद्धालुओं को भी बेहतर सुविधाएं हासिल होंगी। जाहिर है कि ऐसे में यहां आने वाले तीर्थयात्रियों के जरिये देशभर में अच्छा संदेश जाएगा।

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