कोविड कर्फ्यू से आम की फसल में नुकसान की आशंका
विकासनगर कोविड संक्रमण का मौजूदा समय आम की फसल के लिए नुकसानदायक साबित हो रहा है।
संवाद सहयोगी, विकासनगर: कोविड संक्रमण का मौजूदा समय आम की फसल के लिए नुकसानदायक साबित हो रहा है। क्षेत्र के बागों में काम करने वाले ठेकेदार और श्रमिकों की बार्डर से आवाजाही नहीं होने से इसकी देखरेख का काम नहीं हो पा रहा है। ठेकेदारों का कहना है कि मौजूदा स्थिति आम की फसल को व्यापक स्तर पर प्रभावित करेगी, क्योंकि अधिकांश बाग ठेकेदार उत्तर प्रदेश के सहारनपुर जिले से आते हैं, जो फसलों की देखरेख का काम बेहतर करते हैं।
पछवादून क्षेत्र को देहरादून की फलपट्टी के रूप में भी जाना जाता है। क्षेत्र स्थित आम और लीची के बाग में इस बार रौनक दिखाई नहीं दे रही है। कोरोना संक्रमण की रोकथाम के लिए बनाए जा रहे नियमों के तहत पछवादून की उत्तर प्रदेश से मिलने वाली सीमा को बंद किया गया है। इसके चलते उत्तर प्रदेश से हर साल आम के मौसम में यहां आने वाले श्रमिक और ठेकेदार बागों की स्थिति को देखने के लिए यहां नहीं पहुंच पा रहे हैं। बताते चलें आम के बागों में इस समय पानी देने और आवश्यक दवाईयों के छिड़काव का काम चल रहा है। इसके अलावा बागों की रखवाली का काम भी शुरू हो गया है। बाग ठेकेदार जकाउल्लाह, सलीम अहमद, फुरकान का कहना है कि बाग में लगने वाली फसल की देखरेख का अधिकतर कार्य उत्तर प्रदेश के जनपद सहारनपुर और मुजफ्फरनगर के ठेकेदार और श्रमिक ही करते हैं। उनकी आवाजाही बाधित होने से बागों में नुकसान की आंशका बढ़ रही है। इसके अलावा क्षेत्र में पैदा होने वाली आम की फसल को दिल्ली, मेरठ, मुजफ्फरनगर, सहारनपुर, यमुनानगर, सोनीपत, चंडीगढ़ आदि शहरों की मंडियों में ले जाकर बेचा जाता है। उनका कहना है कि यदि कुछ दिन और आवाजाही बाधित रही तो इस बार बाग मालिकों को बड़ा नुकसान उठाना पड़ सकता है।