ओलावृष्टि से गड़बड़ाई जौनसार के किसानों की आर्थिकी

चकराता इस बार बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि ने जौनसार-बावर के सैकड़ों ग्रामीण इलाकों में फल और अन्य फसलों के उत्पादन को प्रभावित कर दिया है।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 08 May 2021 10:02 PM (IST) Updated:Sat, 08 May 2021 10:02 PM (IST)
ओलावृष्टि से गड़बड़ाई जौनसार के किसानों की आर्थिकी
ओलावृष्टि से गड़बड़ाई जौनसार के किसानों की आर्थिकी

संवाद सूत्र, चकराता: इस बार बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि ने जौनसार-बावर के सैकड़ों ग्रामीण किसान एवं बागवानों की कमर तोड़ दी। जानकारों की माने तो क्षेत्र में हुई ओलावृष्टि के कारण सेब उत्पादन में 70 फीसद से अधिक गिरावट आने का अनुमान है। इसके अलावा नगदी फसलों को भी काफी नुकसान हुआ है। मौसम की मार से बेहाल किसानों को फसलें तबाह होने से आगे चलकर अपने घर-परिवार का खर्च चलाने की चिता सता रही है। स्थानीय जनप्रतिनिधियों ने सरकार से प्रभावित किसानों को नुकसान से उभारने के लिए आर्थिक पैकेज देने की मांग की है।

जौनसार-बावर में अधिकांश ग्रामीण परिवारों की आर्थिकी खेती-बागवानी से चलती है। यहां बड़े पैमाने पर सेब और नकदी फसलों का उत्पादन होता है। देहरादून जनपद के सबसे अधिक सेब उत्पादन वाले सचल दल केंद्र चौसाल, त्यूणी, कोटी-कनासर और चकराता केंद्र से जुड़े जनजाति क्षेत्र के करीब 10 हजार छोटे-बड़े ग्रामीण बागवान इस बार मौसम की मार से बेहाल हैं। शुरुआती चरण में समय से अच्छी बारिश और बर्फवारी होने से स्थानीय बागवानों को सेब उत्पादन में इजाफा होने की उम्मीद जगी थी, लेकिन फ्लोरिग के बाद बगीचों में दाने आने से ओलावृष्टि हो गई। बेमौसम बारिश व भारी ओलावृष्टि के चलते सबसे अधिक चौसाल, त्यूणी और चकराता केंद्र से जुड़े ऊंचाई वाले ग्रामीण इलाकों में खेती-बागवानी चौपट होने से लोग परेशान हैं। चौसाल व त्यूणी केंद्र के प्रभारी उद्यान अधिकारी पप्पन यादव व कोटी-कनासर केंद्र के प्रभारी उद्यान अधिकारी धीर सिंह चौधरी ने कहा इस बार हुई ओलावृष्टि से सेब उत्पादन में गिरावट आने का अनुमान है। ओलावृष्टि से सर्वाधिक प्रभावित शिलगांव खत से जुड़े करीब डेढ़ दर्जन गांवों में सेब की 80 फीसद फसल तबाह हो गई। वहीं, चकराता सचल केंद्र के प्रभारी उद्यान अधिकारी चंदराम नौटियाल ने कहा कि क्वांसी, लाखामंडल, जाड़ी और बोंदूर खत से जुड़े ऊंचाई वाले ग्रामीण इलाकों में ओलावृष्टि के कारण 40 से 50 फीसद फसलें खराब हो गई। इन चारों केंद्र प्रभारी ने फसलों को हुए नुकसान की जांच रिपोर्ट मुख्य उद्यान अधिकारी देहरादून को प्रेषित की है।

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