विधानसभा चुनाव की सरगर्मी के बीच लोनिवि के कनिष्ठ अभियंताओं ने किया सचिवालय कूच, जानिए क्या हैं मांगें

विभिन्न मांगों को लेकर कार्मिक संगठन भी आवाज बुलंद कर रहे हैं। मंगलवार को प्रदेशभर से जुटे लोनिवि के संविदा कनिष्ठ अभियंताओं (जेई) ने सचिवालय कूच किया और नियमितीकरण की एक सूत्री मांग को लेकर प्रदर्शन भी किया।

By Raksha PanthriEdited By: Publish:Wed, 01 Dec 2021 10:56 AM (IST) Updated:Wed, 01 Dec 2021 10:56 AM (IST)
विधानसभा चुनाव की सरगर्मी के बीच लोनिवि के कनिष्ठ अभियंताओं ने किया सचिवालय कूच, जानिए क्या हैं मांगें
विधानसभा चुनाव की सरगर्मी के बीच लोनिवि के कनिष्ठ अभियंताओं ने किया सचिवालय कूच।

जागरण संवाददाता, देहारदून। विधानसभा चुनाव की सरगर्मी के बीच विभिन्न मांगों को लेकर कार्मिक संगठन भी आवाज बुलंद कर रहे हैं। मंगलवार को प्रदेशभर से जुटे लोनिवि के संविदा कनिष्ठ अभियंताओं (जेई) ने सचिवालय कूच किया और नियमितीकरण की एक सूत्री मांग को लेकर प्रदर्शन किया। समिति के प्रतिनिधिमंडल को अपर सचिव ने मांग पर उचित कार्रवाई का आश्वासन दिया।

लोनिवि के कनिष्ठ अभियंता 16 नवंबर से सहस्रधारा रोड स्थित एकता विहार में धरने पर बैठे हैं। पूर्व नियोजित कार्यक्रम के तहत बड़ी संख्या में अभियंता धरना स्थल से रैली की शक्ल में सचिवालय की तरफ बढ़े। पुलिस ने अभियंताओं को सचिवालय से पहले ही रोक लिया। इसके बाद अभियंता सड़क पर ही धरने पर बैठ गए। संविदा समिति के अध्यक्ष सूरज डोभाल ने कहा कि लोनिवि में करीब 200 कनिष्ठ अभियंता संविदा पर तैनात हैं। अधिकतर ने विभाग में 10-12 साल की सेवा पूरी कर ली है।

लंबे समय से समिति नियमितीकरण की मांग कर रही है, मगर शासन इस तरफ ध्यान नहीं दे रहा। लिहाजा, मजबूरन अभियंताओं को आंदोलन की राह पकड़नी पड़ी। वहीं प्रमुख सचिव की अनुपस्थिति में अपर सचिव अतर सिंह ने समिति के प्रतिनिधिमंडल को वार्ता के लिए बुलाया। समिति ने नियमितीकरण की मांग रखी। मांग पूरी होने तक धरना जारी रखने की बात कही। वहीं, अपर सचिव ने कहा कि समिति की मांग पर शासन व सरकार के साथ वार्ता कर उचित कार्रवाई की जाएगी। वार्ता में रामा रावत, प्रियंका, पूजा जोशी आदि शामिल रहे।

रैली के दौरान लगा भारी जाम

लोनिवि के संविदा कनिष्ठ अभियंताओं की रैली के दौरान भारी जाम लग गया। रैली जिस भी सड़क से गुजरी वाहनों के चक्के थम गए। इस दौरान जाम खुलवाने के लिए पुलिस को कड़ी मशक्कत करनी पड़ी।

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