...अगर रिपोर्ट कर दूं तो तुम सब सस्पेंड हो जाओगे, जानिए आखिर क्या वजह रही कि परिवहन सचिव ने ऐसा कहा

दोपहर लगभग साढ़े तीन बजे आरटीओ कार्यालय। कामकाज सामान्य गति से चल रहा। जनता की भीड़ कम हो चुकी। दलालों का परिसर में हर तरफ बोलबाला। उसी वक्त अचानक एक इनोवा कार्यालय के गेट से अंदर आई है।

By Raksha PanthriEdited By: Publish:Fri, 23 Jul 2021 12:10 PM (IST) Updated:Fri, 23 Jul 2021 04:17 PM (IST)
...अगर रिपोर्ट कर दूं तो तुम सब सस्पेंड हो जाओगे, जानिए आखिर क्या वजह रही कि परिवहन सचिव ने ऐसा कहा
...अगर रिपोर्ट कर दूं तो तुम सब सस्पेंड हो जाओगे।

जागरण संवाददाता, देहरादून। दोपहर लगभग साढ़े तीन बजे आरटीओ कार्यालय। कामकाज सामान्य गति से चल रहा। जनता की भीड़ कम हो चुकी। दलालों का परिसर में हर तरफ बोलबाला। उसी वक्त अचानक एक इनोवा कार्यालय के गेट से अंदर आई। इससे पहले कोई कुछ समझ पाता, परिवहन सचिव डा. रणजीत सिन्हा इनोवा से निकले और तेज गति से कार्यालय के भीतर पहुंचे। उन्हें देखते ही काउंटर पर मौजूद कर्मियों में हड़कंप मच गया और अधिकारियों को यह सूचना दी। आरटीओ (प्रवर्तन) संदीप सैनी व एआरटीओ (प्रशासन) द्वारिका प्रसाद के साथ एआरटीओ (प्रवर्तन) रश्मि पंत दौड़ते हुए पहुंचे।

आरटीओ (प्रशासन) दिनेश चंद्र पठोई उस समय ऋषिकेश गए हुए थे, मगर सूचना मिलते ही एक घंटे के भीतर वह भी कार्यालय पहुंच गए। परिसर में यहां से वहां मंडराने वाले दलाल भाग खड़े हुए। लगभग डेढ़ घंटे तक परिवहन सचिव ने टैक्स समेत हर अनुभाग का बारीकी से मुआयना किया और गंदगी पर सख्त नाराजगी जताई। टैक्स की स्थिति से नाराज सचिव परिवहन सिन्हा ने न केवल अधिकारियों को फटकार लगाई बल्कि यह तक कहा कि 'अगर रिपोर्ट कर दूं तो तुम सब सस्पेंड हो जाओगे।' उन्होंने सभी अधिकारियों को टैक्स से जुड़ी फाइलें लेकर तत्काल सचिवालय तलब किया और अधिकारी सचिवालय निकल गए।

पूरा दिन अंदर से बाहर तक दलालों से गुलजार रहने वाले आरटीओ दफ्तर का जो नजारा गुरूवार दोपहर देखने को मिला, वह अलग ही था। हालांकि, कंप्यूटराइजेशन के बाद परमानेंट लाइसेंस सेक्शन झाझरा शिफ्ट होने के बाद दलालों की प्रवृति पर कुछ हद तक लगाम लगी है, लेकिन बाकी कार्यों में इनका दखल बदस्तूर चल रहा है। शिकायतें परिवहन मुख्यालय से लेकर शासन तक भी पहुंची और आखिरकार परिवहन सचिव डा. रणजीत सिन्हा को आरटीओ के निरीक्षण के लिए आना पड़ा। गुरूवार दोपहर आरटीओ के अधिकारियों और कर्मचारियों को अनुमान ही नहीं था कि परिवहन सचिव यूं अचानक दोपहर साढ़े तीन बजे कार्यालय आ जाएंगे।

सचिव की गाड़ी कार्यालय परिसर में रुकते ही अधिकारियों एवं कर्मचारियों में हड़कंप मच गया। कार्यालय के अंदर व परिसर में टहल रहे दलाल चंद सेकंड में रफू चक्कर हो गए व कार्यालय परिसर खाली हो गया। दोपहर का समय होने की कारण वहां काम कराने वाले लोगों की संख्या बेहद कम थी और लर्निंग लाइसेंस की ई-लॉबी भी खाली पड़ी थी।

परिवहन सचिव ने लर्निंग लाइसेंस सेक्शन से लेकर हर काउंटर का निरीक्षण किया एवं इसके बाद अधिकारियों के साथ बैठक की। लगभग डेढ़ घंटे बाद सचिव ने अधिकारियों को टैक्स से जुड़ी फाइलों समेत सचिवालय तलब किया व सभी अधिकारी निकल गए। वहां परिवहन सचिव ने कार्यालय में तमाम व्यवस्था को दुरुस्त करने व बेकार फाइलों को नष्ट करने के आदेश दिए।

बीएस-6 वाहनों के फर्जी तरीके से पंजीकरण पर फाइलें तलब

आरटीओ कार्यालय में बीएस-6 वाहनों में फर्जी तरीके से सीएनजी किट लगाकर उन्हें पंजीकृत करने के मामले में परिवहन सचिव ने आरटीओ व एआरटीओ प्रशासन को कड़े शब्दों में चेतावनी दी। उन्होंने कहा कि ऐसी अनियमितता बर्दाश्त नहीं होगी। उन्होंने इस मामले से जुड़े सभी छह वाहनों की फाइलों समेत अधिकारियों को सचिवालय में तलब किया। नए एमवी एक्ट के तहत बीएस-6 वाहन में रेट्रोफिटिंग कर सीएनजी किट नहीं लगाई जा सकती। बीएस-6 में मोटर कंपनी से ही किट लगी हुई आती है। मगर, नियमों को दरकिनार करते हुए आरटीओ में अवैध तरीके से ऐसे छह वाहन पंजीकृत कर लिए गए।

एआरटीओ से मांगी फाइल, लेकिन नहीं दी सचिव के हाथ में

परिवहन सचिव ने टैक्स से जुड़े मामलों की कोई फाइल एआरटीओ द्वारिका प्रसाद से मांगी। एआरटीओ के इशारे पर कर्मचारी फाइल लेकर वहां पहुंचा, लेकिन तभी एक अनुभाग अधिकारी ने फाइल उसके हाथ से छीनकर अपने पीछे छुपा दी। इस पर सचिव का पारा चढ़ गया और उन्होंने एआरटीओ को जमकर फटकार लगाई।

कितने वाहन बाहर से आ रहे, किसी को कोई सूचना नहीं

परिवहन सचिव ने जब आरटीओ पठोई से पूछा कि बाहरी राज्यों से कितने वाहन यहां आ रहे तो इसकी कोई सूचना आरटीओ को नहीं थी। सचिव ने पूछा कि उत्तर प्रदेश या हरियाणा, पंजाब, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश व चंडीगढ़ से रोजाना कितनी बसें दून पहुंच रहीं, इसकी जानकारी भी आरटीओ नहीं दे पाए।

जगह-जगह पीक देख चढ़ा पारा

कार्यालय में जगह-जगह दीवारों और कोनों पर पान व गुटके की पीक देखकर परिवहन सचिव का पारा चढ़ गया। हालात यह रही कि आरटीओ कक्ष से कुछ दूरी पर ही पान के पीक और गंदगी का आलम था। सचिव ने कहा कि गंदगी बर्दाश्त नहीं होगी।

चूहें कुतर रहे वाहनों की फाइलें

कार्यालय परिसर में वाहनों की फाइलों की दुर्दशा पर परिवहन सचिव का पारा चढ़ गया। उन्होंने कहा कि जब कंप्यूटराइजेशन हो चुका है तो इन फाइलों को क्यों संभाला जा रहा। एआरटीओ द्वारिका प्रसाद ने कहा कि फाइलें पुराने निजी व सभी व्यावसायिक वाहनों की हैं। जिन्हें अनिवार्य रखना पड़ता है। स्थिति ये थी कि निचले तल पर फाइलें चूहें कुतर रहे थे। पहली मंजिल पर गैलरी में भी फाइलों व कंप्यूटर के ढेर बिखरे हुए थे। परिवहन सचिव ने फाइलों के रखरखाव के लिए अलग से भवन बनाने का प्रस्ताव बनाने को कहा। उन्होंने कार्यालय परिसर में सीज खड़े वाहनों की दुर्दशा पर भी आपत्ति जताई और उन्हें नीलाम करने को कहा।

अधिकारी आलीशन कमरे में और आमजन को बैंच भी नसीब नहीं

परिवहन सचिव ने आरटीओ कार्यालय में आमजन के बैठने की कोई व्यवस्था न होने पर भी नाराजगी जताई। वह बोले कि राज्य सरकार को जो आमजन राजस्व दे रहा, वह धूप या बारिश में कतार में घंटों खड़ा रहकर परेशान होता है जबकि अधिकारी आलीशन कमरे में बैठ रहे। आमजन के लिए गर्मी से राहत देने के लिए पंखे तक नहीं हैं न बैठने के लिए बैंच। जो कुर्सियां हैं वह टूटी-फूटी और धूल की परत चढ़ी हुई।

परिवहन सचिव के निर्देश

-परमिट व कर पंजीयन की सभी फाइलों को माहवार व वर्षवार अलमारी में लगाएं।

-सभी अलमारी पर पत्रावालियों की सीरीज चस्पा की जाए।

-फाइलें डिजीटलाइज करने का कार्य शीघ्र पूरा करें, मानवशक्ति ज्यादा लगाएं।

-आनलाइन सेवा का प्रचार-प्रसार और फेसलैश सेवा शुरू की जाएं।

-बाहरी राज्यों से आने वाली रोडवेज बसों की संख्या, फेरे की संख्या व राजस्व का मिलान करने को सिस्टम बनाया जाए। इसके साथ ही राजस्व चोरी पर प्रवर्तन की कार्रवाई की जाए।

-लंबित फाइलों का तत्काल निस्तारण किया जाए।

-टैक्स बकाया वाले वाहन संचालकों की आरसी काटी जाए और प्रवर्तन दल को इन वाहनों की सूची देकर कार्रवाई की जाए।

-चालान भुगतने व भुगतान के लिए सिंगल विंडो सिस्टम बनाया जाए।

-जनता का समय से काम किया जाए व कार्यालय में पर्याप्त लाइट, पंखे, कुर्सियां व एग्जास्ट फैन लगाए जाएं।

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