आइएएस आरके सुधांशु और एल फैनई बने उत्‍तरखंड के प्रमुख सचिव

राज्‍य सराकर ने शासन के दो आइएएस अधिकारियों को प्रमुख सचिव बनाया है। इनमें से रमेश कुमार सुधांशु 1997 बैच (उत्तराखंड कैडर) और लालरिन नियना एन फैनई शमिल हैं। दोनों ही अधिकारियों की काबिलियत को देखकर उन्‍हें प्रमुख सचिव की जिम्‍मेदारी सौंपी गई है।

By Sumit KumarEdited By: Publish:Thu, 18 Feb 2021 04:46 PM (IST) Updated:Thu, 18 Feb 2021 10:41 PM (IST)
आइएएस आरके सुधांशु और एल फैनई बने उत्‍तरखंड के प्रमुख सचिव
राज्‍य सराकर ने शासन के दो आइएएस अधिकारियों को प्रमुख सचिव बनाया है।

जागरण संवाददाता, देहारादून: शासन ने भारतीय प्रशासनिक सेवा के 1997 बैच के अधिकारी आरके सुधांशु और लालरिन लियना फैनई को प्रमुख सचिव पद पर पदोन्नत किया है। अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी द्वारा इस संबंध में आदेश जारी कर दिए गए हैं। इनकी प्रमुख सचिव पद पर पदोन्नति के साथ ही अब शासन में तीन प्रमुख सचिव हो गए हैं।

वर्षों से एक ही जगह जमे अभियंताओं के होंगे तबादले

लोक निर्माण विभाग में एक ही स्थान पर वर्षों से तैनात अभियंताओं के तबादले किए जाएंगे। इसके लिए विभाग अधीक्षण अभियंता से लेकर कनिष्ठ अभियंताओं की सूची तैयार कर रहा है। मकसद यह कि तबादला सत्र में ऐसे अभियंताओं का प्राथमिकता के साथ तबादला किया जा सके। लोक निर्माण विभाग सड़कों व पुलों के निर्माण के साथ ही भवनों का निर्माण भी करता है। प्रदेश में लोक निर्माण विभाग के तकरीबन 35 निर्माण खंड हैं। जिनमें तकरीबन दो हजार से अधिक अभियंता तैनात हैं। लोक निर्माण विभाग के कार्यों पर समय-समय पर सवाल भी उठते रहे हैं। विशेषकर सड़क निर्माण के कार्यों पर। विभाग द्वारा तमाम सख्ती करने के बावजूद शिकायतें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। इस पर विभाग ने एक अंदरुनी जांच कराई थी। इसमें यह बात सामने आई कि एक ही स्थान पर लंबे समय से तैनात अभियंताओं की ठेकेदारों से सांठगांठ हो जाती है। यहां तक कि कई मामलों में अभियंता ही अपने नजदीकियों को ठेकेदार बनाकर निर्माण कार्य करा ले जाते हैं। चूंकि निर्माण की जांच भी इन्हें स्वयं करनी होती है, इस कारण इनकी खामियां उजागर नहीं हो पाती।

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अब बीते कुछ समय से इंटरनेट मीडिया के मजबूत होने से इस तरह के निर्माण कार्यों के बकायदा वीडियो तक सामने आ रहे हैं। इसे देखते हुए लोक निर्माण विभाग अब सभी अभियंताओं की सूची तैयार कर रही है। इसमें यह देखा जा रहा है कि कौन सा अभियंता कितने समय से एक ही स्थान पर तैनात है। अब क्योंकि तबादला नीति के अनुसार सुगम से दुर्गम व दुर्गम से सुगम स्थलों पर तबादले होने हैं। ऐसे में विभाग की मंशा तबादला सत्र से पहले इस पूरी सूची को तैयार करना है ताकि एक ही स्थान पर लंबे समय से जमे अभियंताओं के तबादले किए जा सकें।सचिव लोक निर्माण विभाग आर के सुधांशु का कहना है कि इस वर्ष तबादला नीति के अनुसार तबादले किए जाने हैं। ऐसे में एक ही स्थान पर जमे अभियंताओं को इधर से उधर किया जाएगा।

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