हुंडई मोटर इंडिया फाउंडेशन ने उत्तराखंड सरकार को दिए वेंटिलेटर व सैनिटाइजर समेत अन्‍य सामान

नई दिल्ली स्थित उत्तराखंड सदन में कॉरपोरेट सोशल रिस्पांसिबिलिटी के तहत हुंडई मोटर इंडिया फाउंडेशन (एचएमआईएफ) ने कोविड-19 से लड़ाई के लिए 5 वेंटिलेटर मशीन 2000 सैनिटाइजर (500 एमएल) 3000 मास्क 500 आक्सीमीटर 400 थर्मामीटर उत्तराखंड सरकार को प्रदान किए।

By Sunil NegiEdited By: Publish:Tue, 22 Jun 2021 03:36 PM (IST) Updated:Tue, 22 Jun 2021 03:36 PM (IST)
हुंडई मोटर इंडिया फाउंडेशन ने उत्तराखंड सरकार को दिए वेंटिलेटर व सैनिटाइजर समेत अन्‍य सामान
हुंडई मोटर इंडिया फाउंडेशन ने उत्तराखंड सरकार को दिए वेंटिलेटर व सैनिटाइजर समेत अन्‍य सामान।

राज्‍य ब्‍यूरो, देहरादून। नई दिल्ली स्थित उत्तराखंड सदन में कॉरपोरेट सोशल रिस्पांसिबिलिटी के तहत हुंडई मोटर इंडिया फाउंडेशन (एचएमआईएफ) ने कोविड-19 से लड़ाई के लिए 5 वेंटिलेटर मशीन, 2000 सैनिटाइजर (500 एमएल), 3000 मास्क, 500 आक्सीमीटर, 400 थर्मामीटर, उत्तराखंड सरकार को प्रदान किए।

ये मेडिकल उपकरण हुंडई मोटर इंडिया के एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर (कॉरपोरेट अफेयर्स) डीएस किम की उपस्थिति में उत्तराखंड की अपर स्थानिक आयुक्त ईला गिरी को सौंपे गए। उल्लेखनीय है कि हुंडई केयर्स 3.0 के तहत एचएमआईएल ने प्रोजेक्ट 'बैक टु लाइफ' की शुरुआत की है, जिसके तहत देश में कोविड-19 से प्रभावित राज्यों एवं शहरों में राहत के लिए अहम ऑक्सिजन उपकरणों की खरीद एवं आपूर्ति की प्रक्रिया को तेज किया जा रहा है। उत्तराखंड की अपर स्थानिक आयुक्त ईला गिरी ने कंपनी की ओर से दी गयी सामग्री के लिए आभार प्रकट किया। इस अवसर पर हुंडई मोटर इंडिया के उच्च अधिकारी गिरीश, देवदत्ता व उत्तराखंड के वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारी डा. प्रसून श्योराण उपस्थित थे।

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एलोपैथी दवा लिखने का अधिकार देना सराहनीय

भारतीय चिकित्सा परिषद उत्तराखंड के अध्यक्ष डा. दर्शन कुमार शर्मा ने आयुर्वेद चिकित्सकों को एलोपैथिक दवा लिखने का अधिकार दिए जाने की घोषणा का स्वागत किया है। उन्होंने कहा कि सरकार के इस कदम से राज्य की स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूती मिलेगी और जन सामान्य को पहाड़ों में इलाज मिल सकेगा।

डा. शर्मा ने कहा कि उन्होंने पूर्व में कई बार सरकार को इस संदर्भ में पत्र लिखा था। जिस पर मुख्यमंत्री कार्यालय ने आयुष सचिव को कार्रवाई के निर्देश भी दिए। कहा कि सोमवार को भी आयुष मंत्री से उनकी इस संदर्भ में चर्चा हुई थी। राज्य में यह व्यवस्था बहुत पहले लागू कर दी जानी चाहिए थी। किसी भी विषय परिस्थिति में और वर्तमान में कोरोनाकाल में आयुर्वेद चिकित्सक अग्रिम पंक्ति में खड़े रहे हैं। सभी को स्वास्थ्य सुविधा मिले इसके लिए आवश्यक है कि सभी पैथी के चिकित्सक मिलकर कार्य करें। उन्होंने कहा कि प्रदेश में चिकित्सकों की भारी कमी है। इस फैसले का फायदा आम जन को होगा।

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