साढ़े चार करोड़ का हाइड्रोलिक प्लेटफार्म टेस्टिंग तक ही सीमित

अग्निशमन विभाग की ओर से करीब साढ़े करोड़ की लागत से खरीदा गया हाइड्रोलिक प्लेटफार्म केवल टेस्टिंग व मॉकड्रिल तक ही सीमित होकर रह गया है। दो सालों में मशीन का एक बार भी आपातकालीन इस्तेमाल नहीं किया गया है।

By Sunil NegiEdited By: Publish:Wed, 27 Jan 2021 03:49 PM (IST) Updated:Wed, 27 Jan 2021 03:49 PM (IST)
साढ़े चार करोड़ का हाइड्रोलिक प्लेटफार्म टेस्टिंग तक ही सीमित
अग्निशमन विभाग की ओर से करीब साढ़े करोड़ की लागत से खरीदा गया हाइड्रोलिक प्लेटफार्म।

जागरण संवाददाता, देहरादून। अग्निशमन विभाग की ओर से करीब साढ़े करोड़ की लागत से खरीदा गया हाइड्रोलिक प्लेटफार्म केवल टेस्टिंग व मॉकड्रिल तक ही सीमित होकर रह गया है। दो सालों में मशीन का एक बार भी आपातकालीन इस्तेमाल नहीं किया गया है।  अग्निशमन विभाग की ओर से 2018 में फिनलैंड से हाइड्रोलिक प्लेटफार्म मशीन विश्व बैंक परियोजना के माध्यम से खरीदी थी। मशीन का उद्देश्य बहुमंजिला इमारत में आग लगने के कारण ऊपरी मंजिलों में फंसे घायलों को मशीन के माध्यम से सुरक्षित नीचे उतारना था, लेकिन मशीन की खरीद करते समय यह नहीं देखा गया कि भीड़भाड़ वाले स्थान व चारों तरफ से बिजली की लाइनें वाले दून में मशीन का इस्तेमाल करना मुश्किल है।

कुछ समय पहले शहर की एक बिल्डिंग में आग लगने की सूरत में मशीन को घटनास्थल पर तो ले जाया गया, लेकिन बिल्डिंग के चारों तरफ बिजली की तारें होने के कारण मशीन का इस्तेमाल नहीं हो पाया। इसके बाद मशीन से कभी एसएसपी कार्यालय की बिल्डिंग तो कभी ओएनजीसी की बिल्डिंग पर टेस्टिंग की जा रही है।

मल्टीपर्पज है हाइड्रोलिक प्लेटफार्म

हाइड्रोलिक प्लेटफार्म से 32.4 मीटर ऊपर व छह मीटर नीचे फंसे घायलों को निकाला जा सकता है। यह पैट्रोल, डीजल व बैटरी से भी चल सकती है। 

बोले अधिकारी

आरएस खाती (मुख्य अग्निशमन अधिकारी) ने कहा कि अभी तक ऐसी नौबत नहीं आई, जहां हाइड्रोलिक प्लेटफार्म मशीन इस्तेमाल करना पड़े। एक रेस्क्यू में मशीन को भेजा गया था, लेकिन वहां पर बिजली की तारें होने के कारण मशीन का इस्तेमाल नहीं कर पाए। समय-समय पर मशीन से टेस्टिंग व मॉक ड्रिल की जा रही है।

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