बेघर होने के खतरे के बीच आइडीपीएल वासियों ने भरी हुंकार

आइडीपीएल कालोनी में रहने वाले लोग अपना घर बचाने के लिए एकजुट हो गए हैं। नागरिकों ने काली पट्टी बांध सरकार के खिलाफ रैली निकालकर प्रदर्शन किया।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 27 Nov 2021 09:47 PM (IST) Updated:Sat, 27 Nov 2021 09:47 PM (IST)
बेघर होने के खतरे के बीच आइडीपीएल वासियों ने भरी हुंकार
बेघर होने के खतरे के बीच आइडीपीएल वासियों ने भरी हुंकार

जागरण संवाददाता, ऋषिकेश:

आइडीपीएल कालोनी में रहने वाले लोग अपना घर बचाने के लिए एकजुट हो गए हैं। नागरिकों ने काली पट्टी बांध सरकार के खिलाफ रैली निकालकर प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियों ने चेतावनी दी कि यदि नागरिकों को यहां से उजाड़ने का काम किया तो वे चक्का जाम जैसे आंदोलन के लिए बाध्य होंगे।

शनिवार शाम आइडीपीएल कालोनी की महिलाएं और पुरुष आवासीय कल्याण समिति आइडीपीएल वीरभद्र के बैनर के तले हाट बाजार के समीप एकत्रित हुए। यहां से शासन-प्रशासन के खिलाफ प्रदर्शन करते हुए रैली निकाली। रैली में शामिल लोग नारेबाजी करते हुए न्यू कालोनी, ओल्ड कालोनी से होते हुए राम मंदिर परिसर पहुंचे। यहां पर समिति की अध्यक्ष रामेश्वरी चौहान ने कहा कि लीज खत्म होने के बाद आइडीपीएल कालोनी के लोग के सामने दुविधा ही स्थिति है। अगर उन्हें यहां से हटाया गया तो उनके समक्ष आंदोलन का ही रास्ता बचा है।

एआइसीसी सदस्य जयेंद्र रमोला ने कहा कि आशियाना बचाने के लिए आइडीपीएल टाउनशिप के लोग पिछले काफी समय से संघर्ष कर रहे हैं, लेकिन सरकार उनकी सुध नहीं ले रही। उन्होंने स्थानीय जनप्रतिनिधियों पर भी जनता के हितों की अनदेखी का आरोप लगाया। उत्तराखंड जन एकता पार्टी के नेता कनक धनै कहा कि एक ओर सरकार प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत बेघरों को पक्के घर उपलब्ध करा रही है। वहीं आइडीपीएल में पक्के घरों में रहने वाले व्यक्तियों को उजाड़ने का काम कर रही है। इस तरह की दोहरी नीति का जनता आगामी चुनाव में जवाब देगी। प्रदर्शनकारियों में समिति के सचिव सुनील कुटलैहडिया, सुनीता देवी, गुड्डी देवी, ममता देवी, नीलम चंदानी, सारिका, उर्मिला गुप्ता, दया बिष्ट, कृष्णा राजभर, मौली देवी, सुधा गुप्ता,नंदनी भंडारी,कल्पना,आलोक कुमार, सूरज आदि शामिल रहे।

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आइडीपीएल की लीज हुई समाप्त

आइडीपीएल प्रबंधन ने पूर्व में ही नोटिस जारी कर अवगत कराया था कि 27 नवंबर को वन विभाग की ओर से संस्थान को दी गई लीज की अवधि समाप्त हो जाएगी। उससे पहले पूर्व कर्मचारियों का जो भी बकाया है उस पर संबंधित विभाग से संपर्क किया जा सकता है। संस्थान के स्टाफ आफिसर की ओर से जारी नोटिस में अवगत कराया गया था कि 27 नवंबर के बाद आइडीपीएल की समस्त भूमि उत्तराखंड सरकार के अधिकार में चली जाएगी। शनिवार को यह अवधि पूर्ण हो गई है, अब यहां रह रहे सैकड़ों परिवारों की नजर राज्य सरकार के अगले कदम पर टिकी है।

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