होटल संचालकों ने उठाए सरकार की नीति पर सवाल, चार धाम यात्रा शुरू करने की कर रहे मांग
उत्तराखंड में चार धाम यात्रा शुरू करने की मांग कर रहे होटल संचालकों ने सरकार की नीतियों पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा कि यदि तीर्थ यात्री स्वर्ण मंदिर जा सकते हैं तो हेमकुंड साहिब क्यों नहीं जा सकते। बदरीनाथ धाम के दर्शनों पर रोक क्यों लगाई जा रही है।
संवाद सहयोगी, मसूरी: उत्तराखंड में चार धाम यात्रा शुरू करने की मांग कर रहे होटल संचालकों ने सरकार की नीतियों पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा कि यदि तीर्थ यात्री स्वर्ण मंदिर जा सकते हैं तो हेमकुंड साहिब क्यों नहीं जा सकते। तिरुपति जाने पर रोक नहीं है तो बदरीनाथ धाम के दर्शनों पर रोक क्यों लगाई जा रही है।
प्रदेश में चार धाम यात्रा पर उच्च न्यायालय रोक लगा चुका है। सरकार इस मामले में उच्चतम न्यायालय की शरण में है। दूसरी ओर पर्यटन से जुड़े कारोबारी सरकार से चार धाम यात्रा शुरू करने की मांग कर रहे हैं। इसे लेकर उत्तरकाशी, चमोली व रुद्रप्रयाग में प्रदर्शन भी किए जा रहे हैं।
रविवार को उत्तराखंड होटल एसोसिएशन और मसूरी ट्रेडर्स एंड वेलफेयर एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने मसूरी में मीडिया से बातचीत की। इस दौरान उत्तराखंड होटल एसोसिएशन के अध्यक्ष संदीप साहनी ने कहा कि जब देश के अन्य राज्यों में पर्यटकों की आवाजाही और धार्मिक स्थलों में श्रद्धालुओं पर कोई प्रतिबंध नहीं है तो उत्तराखंड में चार धाम यात्रा शुरू करने में क्या दिक्कत है। उन्होंने कहा कि पिछले साल मार्च से कोरोना के चलते पर्यटन कारोबारियों को भारी नुकसान उठाना पड़ा है। उन्होंने कहा कि प्रदेश के पर्यटन को पटरी पर लाने की सरकारी घोषणाएं खोखली साबित हो रही हैं। कोरोना के कारण मंदी की मार झेल रहे होटल-पर्यटन उद्योग व होटल कर्मियों के लिए सरकार ने जो राहत राशि घोषित की थी, वह भी अभी तक नहीं मिल पाई है।
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मसूरी ट्रेडर्स एंड वेलफेयर एसोसिएशन के अध्यक्ष रजत अग्रवाल ने कहा कि सरकार मझोले व्यापारियों, होटल, गेस्ट हाउस और होम स्टे व्यवसायियों के कोरोनाकाल के बिजली, पानी व गृहकर को माफ करे। इस दौरान मसूरी होटल एसोसिएशन अध्यक्ष राकेश नारायण माथुर और ट्रेडर्स एसोसिएशन महामंत्री जगजीत कुकरेजा भी उपस्थित रहे।
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