अभी तक 802 होम स्टे को मंजूरी
पर्यटन विभाग प्रदेश में होम स्टे योजना के अंतर्गत 802 आवेदनों को स्वीकृति दे चुका है। माना जा रहा है कि आने वाले पर्यटन सीजन में इनमें से अधिकांश अस्तित्व में आ जाएंगे।
राज्य ब्यूरो, देहरादून: पर्यटन विभाग प्रदेश में होम स्टे योजना के अंतर्गत 802 आवेदनों को स्वीकृति दे चुका है। माना जा रहा है कि आने वाले पर्यटन सीजन में इनमें से अधिकांश अस्तित्व में आ जाएंगे। नगर निगम क्षेत्र में यह योजना लागू नहीं है।
प्रदेश सरकार ने पर्वतीय क्षेत्रों में स्वरोजगार को बढ़ावा देने के लिए पंडित दीनदयाल उपाध्यक्ष गृह आवास योजना (होम स्टे) को मंजूरी प्रदान की है। यह योजना केवल उत्तराखंड के स्थायी निवासियों के लिए ही अनुमन्य की गई है। पहले तीन साल तक होम स्टे पर होने वाली आय में जीएसटी नहीं देना होगा। इसकी प्रतिपूर्ति राज्य सरकार करेगी। इतना ही नहीं, इनमें विद्युत, जल एवं भवन कर भी अव्यावसायिक दरों पर लिया जाएगा। मैदानी क्षेत्रों में योजना के तहत कार्य करने वालों को 7.5 लाख रुपये या होम स्टे को विकसित करने के लिए लगाई जाने वाली पूंजी को 25 प्रतिशत जो भी कम हो सब्सिडी के रूप में दिया जाएगा। वहीं पर्वतीय क्षेत्रों में यह सीमा दस लाख रुपये अथवा लगाई जाने वाली पूंजी का 33 प्रतिशत जो भी कम हो वह सब्सिडी के रूप में दिया जाएगा।
इस योजना को सरकार ने बीते वर्ष लागू किया था। शुरूआती महीनों में इसके प्रति कम रुझान दिया लेकिन अब इसमें लोग रूचि दिखाने लगे हैं। दिसंबर 2018 तक विभाग ने 802 होम स्टे पंजीकृत कर लिए थे। पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने कहा कि इससे प्रदेश में पलायन रोकने में मदद मिलेगी।