बोर्ड एग्जाम के साथ न हों गृह परीक्षाएं
प्रदेश में इस साल बोर्ड परीक्षाएं एवं गृह परीक्षाएं एक साथ होंगी। शासन की ओर से इसके लिए आदेश जारी होने के बाद से ही शिक्षकों में विरोध शुरू हो गया है। शिक्षकों का कहना है कि दोनों परीक्षाएं एक साथ कराने से केवल अव्यवस्था ही फैलेगी।
जागरण संवाददाता, देहरादून : प्रदेश में इस साल बोर्ड परीक्षाएं एवं गृह परीक्षाएं एक साथ होंगी। शासन की ओर से इसके लिए आदेश जारी होने के बाद से ही शिक्षकों में विरोध शुरू हो गया है। शिक्षकों का कहना है कि दोनों परीक्षाएं एक साथ कराने से केवल अव्यवस्था ही फैलेगी। सबसे ज्यादा समस्या संसाधन एवं शिक्षकों की कमी से जूझ रहे स्कूलों में होगी। बोर्ड परीक्षाओं के साथ गृह परीक्षाएं कराने पर शिक्षकों का दो टूक कहना है कि जब आज तक दोनों परीक्षाएं एक साथ नहीं हुई तो यह प्रयोग कोरोना के दौर में करने का कोई औचित्य नहीं है। कोरोना की गाइडलाइन का पालन करते हुए लगातार परीक्षाएं करवाना संभव नहीं होगा। उत्तरांचल प्रधानाचार्य परिषद के प्रदेश महामंत्री अवधेश कौशिक ने कहा कि प्रदेश के कई स्कूल ऐसे हैं, जहां शिक्षकों की संख्या छात्रों के मुकाबले काफी कम है। न ही स्कूलों में इतने संसाधन हैं, कि एक समय में इतने छात्रों की परीक्षा हो सके।
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परीक्षा में कई शिक्षकों की ड्यूटी अपने स्कूल से बाहर भी लग जाती है। माध्यमिक शिक्षक संघ के जिला मंत्री अनिल कुमार ने कहा कि विभाग को दोनों परीक्षाएं एक साथ करवाने का फैसला वापस लेना चाहिए। कोरोना संक्रमण के दौर में एक ओर शारीरिक दूरी बनाने एवं कम से कम भीड़ एकत्रित करने को कहा जा रहा है, दूसरी ओर शिक्षा विभाग बोर्ड के साथ गृह परीक्षाएं करवाने जा रहा है।
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