उत्तराखंड में हेली सेवाओं के बदलेंगे मार्ग, केंद्र सरकार ने प्रदान की सैद्धांतिक स्वीकृति
प्रदेश में अब हेली सेवाओं के मार्ग बदलने की तैयारी चल रही है। इन सेवाओं को एक स्थान से सीधे दूसरे स्थान (प्वाइंट टू प्वाइंट) संचालित करने व इनमें कुछ मार्गों को कम करने के प्रदेश सरकार के प्रस्ताव को केंद्र सरकार ने सैद्धांतिक स्वीकृति प्रदान कर दी है।
राज्य ब्यूरो, देहरादून। प्रदेश में अब हेली सेवाओं के मार्ग बदलने की तैयारी चल रही है। इन सेवाओं को एक स्थान से सीधे दूसरे स्थान (प्वाइंट टू प्वाइंट) संचालित करने व इनमें कुछ मार्गों को कम करने के प्रदेश सरकार के प्रस्ताव को केंद्र सरकार ने सैद्धांतिक स्वीकृति प्रदान कर दी है। माना जा रहा है प्वाइंट टू प्वाइंट हेली सेवाएं शुरू होने से किराया भी थोड़ा कम हो सकता है।
केंद्र सरकार ने वर्ष 2016 में उड़ान योजना के तहत हवाई सेवाएं शुरू की थी। इसके तहत देहरादून-पिथौरागढ़ के बीच हवाई सेवा शुरू की गई। इसके अलावा 14 स्थानों से हेली सेवाओं को अनुमति दी गई। अब प्रदेश सरकार इनमें से कई के मार्ग परिवर्तन करना चाहती है। इसके लिए प्रदेश सरकार की ओर से केंद्र को प्रस्ताव भेजा गया है। इसके तहत प्रदेश सरकार ने अल्मोड़ा-हल्द्वानी-पंतनगर हवाई मार्ग को जौलीग्रांट-हल्द्वानी-पंतनगर-जौलीग्रांट और जौलीग्रांट-अल्मोड़ा-पंतनगर-जौलीग्रांट मार्ग के रूप में अनुमति देने का अनुरोध किया है। इसी तरह जौलीग्रांट-न्यू टिहरी-श्रीनगर-गौचर हवाई मार्ग के स्थान पर जौलीग्रांट से न्यू टिहरी, जौलीग्रांट से श्रीनगर और जौलीग्रांट से गौचर करने अनुरोध किया गया है। देहरादून-रामनगर-पंतनगर-नैनीताल-पंतनगर-अल्मोड़ा-पिथौरागढ़-अल्मोड़ा-रामनगर-देहरादून हवाई मार्ग से रामनगर व पिथौरागढ़ हटाते हुए इसे देहरादून-हल्द्वानी-अल्मोड़ा-पंनतर-अल्मोड़ा-हल्द्वानी-देहरादून करने का अनुरोध किया गया है।
इसके पीछे तर्क यह दिया गया है कि हवाई मार्ग के लंबा होने के कारण सफर में समय अधिक लग रहा है। इससे सवारियां इनमें सफर करने में अनिच्छा जता रही है। वहीं, इससे किराया भी बहुत अधिक हो रहा है। इस कारण हवाई व हेली कंपनियां भी इसमें रुचि नहीं दिखा रही हैं। वहीं, मार्ग के प्वाइंट टू प्वाइंट होने से न केवल सफर कम लगेगा, बल्कि किराया भी कम हो सकेगा। इससे कंपनियां भी संचालन में रुचि दिखाएंगी।
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