Uttarakhand Weather Update: उत्‍तराखंड में कुमाऊं समेत कुछ इलाकों में पड़ सकती हैं तेज बौछार

Uttarakhand Weather Update मौसम विभाग के अनुसार उत्‍तराखंड में अगले 24 घंटे में कुमाऊं समेत कुछ इलाकों में तेज बौछार पड़ सकती हैं। वहीं पर्वतीय क्षेत्रों में भूस्खलन मुश्किलें बढ़ा रहा है। यमुनोत्री मार्ग ब्रह्मखाल में भूस्खलन के कारण बंद है।

By Sunil NegiEdited By: Publish:Fri, 17 Sep 2021 07:46 AM (IST) Updated:Fri, 17 Sep 2021 07:46 AM (IST)
Uttarakhand Weather Update: उत्‍तराखंड में कुमाऊं समेत कुछ इलाकों में पड़ सकती हैं तेज बौछार
मौसम विभाग के अनुसार अगले 24 घंटे में कुमाऊं समेत कुछ इलाकों में कहीं-कहीं तेज बौछार पड़ सकती हैं।

जागरण संवाददाता, देहरादून। Uttarakhand Weather Update: उत्तराखंड में मौसम ने फौरी राहत दी है। प्रदेश के ज्यादातर इलाकों में बारिश का सिलसिला फिलहाल थमा हुआ है और चटख धूप खिल रही है। हालांकि पर्वतीय क्षेत्रों में अब भी कहीं-कहीं भूस्खलन मुश्किलें बढ़ा रहा है। भूस्खलन के कारण यमुनोत्री मार्ग ब्रह्मखाल में दो दिन से बंद है। अन्य सभी मार्गों पर यातायात सुचारू है। उधर, बागेश्वर में बारिश के कारण दो मकान क्षतिग्रस्त हो गए। मौसम विभाग के अनुसार अगले 24 घंटे में कुमाऊं समेत कुछ इलाकों में कहीं-कहीं तेज बौछार पड़ सकती हैं।

पिछले तीन दिन से उत्तराखंड में बारिश का सिलसिला कुछ थमा है। देहरादून, नैनीताल समेत कुमाऊं मंडल के कुछ इलाकों में जरूर तेज बौछार का क्रम बना हुआ है, लेकिन गढ़वाल के ज्यादातर हिस्सों में चटख धूप खिल रही है। कुछ जगह भूस्खलन अब भी जारी है। उधर, बागेश्वर में भारी बारिश के कारण दो मकान क्षतिग्रस्त हो गए। घटना में कोई जनहानि नहीं हुई है, लेकिन प्रभावित परिवारों को पड़ोसियों के यहां शरण लेनी पड़ी।

दूसरे दिन भी नहीं खुल पाया यमुनोत्री राजमार्ग

यमुनोत्री हाईवे ब्रह्मखाल के पास बुधवार शाम सात बजे से बंद है। गुरुवार देर शाम भी हाईवे सुचारू नहीं हो पाया। भले ही जरूरी आवाजाही करने वाले वाहनों का संचालन वैकल्पिक मार्ग से किया गया। वहीं गुरुवार की शाम को जनपद में हल्की बारिश भी हुई।

बुधवार शाम सात बजे यमुनोत्री राजमार्ग पर ब्रह्मखाल और पनोत के पास भूस्खलन शुरू हुआ। भूस्खलन जोन में बुधवार रात और गुरुवार दिनभर भूस्खलन होता रहा। रुक-रुक कर हो रहे भूस्खलन के कारण राजमार्ग को सुचारू करने में खासी परेशानी का सामना करना पड़ा। जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी देवेंद्र पटवाल ने बताया कि जरूरी आवाजाही करने वाले वाहनों का संचालन कल्याणी, मालना, पटारा से स्यालना से किया गया। इस वैकल्पिक मार्ग पर वाहन चालकों को 12 किलोमीटर का अतिरिक्त सफर करना पड़ा।

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