Tender for Heli Ambulance: उत्तराखंड में स्वास्थ्य सेवाएं होंगी मजबूत, हेली एंबुलेंस के लिए हुए टेंडर

Tender for Heli Ambulance स्वास्थ्य सेवाओं को और सुदृढ़ करने के लिए सरकार हेली एंबुलेंस सेवा शुरू करने जा रही है। नेशनल हेल्थ मिशन (एनएचएम) ने इसके लिए उत्तराखंड नागरिक उड्डयन विकास प्राधिकरण को 85 लाख रुपये जारी कर दिए हैं।

By Raksha PanthriEdited By: Publish:Mon, 18 Oct 2021 03:05 PM (IST) Updated:Mon, 18 Oct 2021 03:05 PM (IST)
Tender for Heli Ambulance: उत्तराखंड में स्वास्थ्य सेवाएं होंगी मजबूत, हेली एंबुलेंस के लिए हुए टेंडर
उत्तराखंड में स्वास्थ्य सेवाएं होंगी मजबूत, हेली एंबुलेंस के लिए हुए टेंडर।

राज्य ब्यूरो, देहरादून। Tender for Heli Ambulance उत्तराखंड में अब स्वास्थ्य सेवाओं को और सुदृढ़ करने के लिए सरकार हेली एंबुलेंस सेवा शुरू करने जा रही है। नेशनल हेल्थ मिशन (एनएचएम) ने इसके लिए उत्तराखंड नागरिक उड्डयन विकास प्राधिकरण को 85 लाख रुपये जारी कर दिए हैं। अब इनके लिए टेंडर आमंत्रित किए गए हैं। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूत करने के लिए यह कदम उठाया जा रहा है।

प्रदेश की विषम भौगोलिक स्थिति को देखते हुए मरीजों को त्वरित उपचार मुहैया कराने के लिए यहां लगातार एयर एंबुलेंस की आवश्यकता महसूस की जा रही है। मकसद यह कि सुदूर पर्वतीय क्षेत्र से मरीजों को आपात स्थिति में इलाज के लिए शहरी क्षेत्रों के बड़े अस्पतालों तक लाया जा सके। इसके लिए प्रदेश सरकार लंबे समय से प्रयासरत है। इसके लिए लगातार केंद्र में दस्तक दी जा रही है।

केंद्र ने इसकी सीधे अनुमति तो नहीं दी है लेकिन फिलहाल इस वर्ष आवश्यकता के अनुसार प्रदेश सरकार को अपने स्तर से इसे संचालित करने की अनुमति देते हुए इसके लिए बजट भी स्वीकृत किया है। निदेशक एनएचएम सोनिका ने बताया कि हेली सेवा का संचालन यूकाडा के माध्यम से किया जाएगा। इसके लिए उन्हें राशि उपलब्ध करा दी गई है। उन्होंने कहा कि जिलों से जब भी इसके लिए डिमांड आएगी तो ये हेली सेवा उपलब्ध कराई जाएगी। इसका भुगतान एनएचएम के माध्यम से किया जाएगा।

शासन ने जारी की अनंतिम ज्येष्ठता सूची

शासन ने लेखा परीक्षा राजपत्रित संवर्ग की अनंतिम च्येष्ठता सूची जारी कर दी। वित्त सचिव सौजन्या ने इस सूची पर आपत्ति देने के लिए 15 दिन की मोहलत दी है। एकीकरण नियमावली, 2019 के तहत फरवरी, 2020 से शासन स्तर पर विचाराधीन इस च्येष्ठता सूची के जारी नहीं होने से अधिकारी संवर्ग में पदोन्नति रुकी हुई थी। आखिरकार लेखा परीक्षा सेवा संघ की मांग शासन ने मान ली।

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