Road Safety: स्वास्थ्य विभाग ने सड़क सुरक्षा को नहीं खर्च किए 1.5 करोड़, पढ़‍िए पूरी खबर

स्वास्थ्य विभाग सड़क सुरक्षा के लिए शासन द्वारा जारी किए गए 1.5 करोड़ रुपये खर्च नहीं कर पाया है। यही कारण है कि इस बार शासन ने स्वास्थ्य विभाग द्वारा सड़क सुरक्षा कार्यों के लिए दिए गए 1.9 करोड़ रुपये के प्रस्ताव को वापस कर दिया है।

By Sumit KumarEdited By: Publish:Fri, 22 Oct 2021 07:10 AM (IST) Updated:Fri, 22 Oct 2021 07:52 AM (IST)
Road Safety: स्वास्थ्य विभाग ने सड़क सुरक्षा को नहीं खर्च किए 1.5 करोड़, पढ़‍िए पूरी खबर
स्वास्थ्य विभाग सड़क सुरक्षा के लिए शासन द्वारा जारी किए गए 1.5 करोड़ रुपये खर्च नहीं कर पाया है।

राज्य ब्यूरो, देहरादून: स्वास्थ्य विभाग सड़क सुरक्षा के लिए शासन द्वारा जारी किए गए 1.5 करोड़ रुपये खर्च नहीं कर पाया है। यही कारण है कि इस बार शासन ने स्वास्थ्य विभाग द्वारा सड़क सुरक्षा कार्यों के लिए दिए गए 1.9 करोड़ रुपये के प्रस्ताव को वापस कर दिया है। साथ ही कहा गया है कि सड़क सुरक्षा के कार्यों में खर्च न होने वाली राशि को भी वापस जमा करा दिया जाए।

प्रदेश में बढ़ती सड़क दुर्घटनाओं को देखते हुए इनकी रोकथाम के लिए कई कदम उठाए जा रहे हैं। इसी कड़ी में सड़क सुरक्षा कोष का गठन किया गया है। सड़क सुरक्षा कोष के जरिये विभिन्न विभागों को सड़क सुरक्षा के कार्यों के लिए धनराशि स्वीकृत की जाती है। इसी कड़ी में वर्ष 2017-18 से 2020-21 के लिए 17.99 करोड़ रुपये स्वीकृत किए गए थे। इसमें से 1.5 करोड़ रुपये स्वास्थ्य विभाग को दिए गए थे। स्वास्थ्य विभाग को इस धनराशि से विभिन्न स्थानों पर ट्रामा सेंटर बनाने थे। मकसद यह कि दुर्घटना होने की स्थिति में घायलों को इन ट्रामा सेंटरों में इलाज मुहैया कराया जा सके। इसके साथ ही स्वास्थ्य विभाग को एंबुलेंस और प्राथमिक चिकित्सा से जुड़े उपकरणों की खरीद करने को भी कहा गया था।

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शासन में कुछ समय पूर्व मुख्य सचिव एसएस संधु की अध्यक्षता में सड़क सुरक्षा कोष की बैठक में यह बात सामने आई कि स्वास्थ्य विभाग ने जारी किए गए 1.5 करोड़ रुपये खर्च नहीं किए हैं। स्वास्थ्य विभाग किसी भी कार्य का उपयोगिता प्रमाण पत्र उपलब्ध नहीं करा पाया। इस पर मुख्य सचिव ने निर्देश दिए कि सड़क सुरक्षा कार्यों के लिए जल्द से जल्द धनराशि का उपयोग करते हुए इसका प्रमाण पत्र शासन को उपलब्ध कराया जाए। जो राशि खर्च नहीं हुई है उसे शासन को लौटाया जाए। इसके साथ ही शासन ने स्वास्थ्य विभाग द्वारा दिए गए 1.9 करोड़ के प्रस्ताव को अनुमोदन नहीं दिया। शासन ने केवल दो लाख रुपये आपातकालीन एंबुलेंस के चालक व पैरामेडिकल स्टाफ के प्रशिक्षण को स्वीकृत किए हैं।

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