स्वास्थ्य सेवाओं की निगरानी को हेल्थ डैश बोर्ड

प्रदेश में स्वास्थ्य की विभिन्न योजनाओं का लाभ आमजन को कितना मिल रहा है इसकी जानकारी डैशबोर्ड पर उपलब्ध होगी।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 21 Sep 2018 03:04 AM (IST) Updated:Fri, 21 Sep 2018 03:04 AM (IST)
स्वास्थ्य सेवाओं की निगरानी को हेल्थ डैश बोर्ड
स्वास्थ्य सेवाओं की निगरानी को हेल्थ डैश बोर्ड

जागरण संवाददाता, देहरादून: प्रदेश में स्वास्थ्य की विभिन्न योजनाओं का लाभ आमजन को कितना मिल रहा है, इसकी निगरानी करने के लिए सरकार द्वारा हेल्थ डैश बोर्ड बनाया गया है। इसका शुभारंभ प्रदेश के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत 22 सितंबर को करेगे।

हेल्थ डैश बोर्ड के बारे में जानकारी देते हुए स्वास्थ्य सचिव नितेश झा ने बताया कि चिकित्सा सेवाओं को आमजन के लिए सरल बनाने के लिए अस्पतालों में सूचना प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल किया गया है। जिसके द्वारा मरीजों को पर्ची, दवाइयों व ब्लड की उपलब्धता, टेलीमेडिसन की सुविधा व अस्पतालों में ऑनलाइन पंजीकरण की जानकारी इलेक्ट्रानिक माध्यम से प्राप्त होगी। डैश बोर्ड पर क्लिक करते ही सीएम स्वयं यह जान पाएंगे कि राज्य के विभिन्न अस्पतालों में आने वाले मरीजों की संख्या कितनी है। मरीजों को अस्पतालों से दवाइयां मिल रही हैं, अथवा नहीं। ब्लड की उपलब्धता है, या नहीं। ऑनलाइन पंजीकरण से कितने मरीज अस्पतालों में पहुंच रहे हैं। उन्होंने बताया कि हेल्थ डैश बोर्ड केवल सीएम स्तर पर ही नहीं रहेगा बल्कि यह सुविधा शासन व स्वास्थ्य महानिदेशालय के स्तर पर भी होगी। ताकि स्वास्थ्य महानिदेशक भी अस्पतालों की नियमित मॉनीट¨रग कर सकेंगे। इसके माध्यम से अस्पतालों में डॉक्टरों व अन्य स्टाफ की उपस्थिति, डॉक्टरों की ओपीडी में रोजाना मरीजों की संख्या व शुल्क की जानकारी भी ली जा सकेगी। स्वास्थ्य सचिव ने बताया कि इसके माध्यम से अस्पतालों में दवाइयों की नियमित आपूर्ति की निगरानी हो पाएगी। जिन अस्पतालों में पर्याप्त दवाइयां नहीं होंगी वहां पर तुरंत दवाइया भेजी जा सकती हैं। ई-औषधी के द्वारा राज्य में स्थित दवा भंडारण केंद्रों पर भी दवाइयों की आपूर्ति बनाए रखने में आसानी रहेगी। उन्होंने बताया कि वर्तमान में राज्य में 52 चिकित्सालयों में ई-औषधी प्रणाली कार्य कर रही है। जबकि 35 ब्लड बैंकों को ई-रक्तकोष की सुविधा से जोड़ा गया है। आठ लाख मरीजों ने कराया ई-पंजीकरण

प्रदेश के 100 अस्पतालों में बीती 19 मार्च से ई-पर्ची की सुविधा शुरू की गई थी। वर्तमान में 117 अस्पतालों में यह सुविधा उपलब्ध है। मार्च से अब तक आठ लाख मरीज ई-पर्ची के माध्यम से पंजीकरण करा चुके है। इसी प्रकार 46 अस्पतालों में बीती जनवरी से ऑनलाइन पंजीकरण प्रणाली शुरू की गई थी। जिला चिकित्सालय अल्मोड़ा व ऋषिकेश स्थित एम्स प्रदेश में ई-अस्पताल के रूप में कार्य कर रहे है। वहीं चार सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों पर टेली मेडिसन की सुविधा मरीजों को मिल रही है।

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