अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के बाद निर्मल अखाड़ा में भी हुए दो फाड़, जानें- श्रीमहंत रेशम सिंह का क्या है कहना

निर्मला अखाड़ा में भी दो फाड़ नजर आ रहे हैं। दरअसल निर्मल अखाड़े के अध्यक्ष श्रीमहंत रेशम सिंह ने लिखित बयान जारी कर कहा है कि वह अखाड़ा परिषद के राष्ट्रीय महामंत्री श्रीमहंत हरिगिरि के बुलावे पर 25 अक्टूबर को इलाहाबाद में होने वाली बैठक में भाग लेंगे।

By Raksha PanthriEdited By: Publish:Fri, 22 Oct 2021 06:00 PM (IST) Updated:Fri, 22 Oct 2021 10:17 PM (IST)
अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के बाद निर्मल अखाड़ा में भी हुए दो फाड़, जानें- श्रीमहंत रेशम सिंह का क्या है कहना
अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के बाद निर्मल अखाड़ा में भी हुए दो फाड़। फाइल फोटो

जागरण संवाददाता, हरिद्वार। अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष व महामंत्री पद पर काबिज होने को लेकर छिड़ी वर्चस्व की जंग अब अखाड़ों पर भी पड़ने लगी है। स्वयं को श्रीपंचायती अखाड़ा निर्मला का अध्यक्ष बताने वाले श्रीमहंत रेशम सिंह की ओर से शुक्रवार शाम एक लिखित बयान जारी किया गया। इसमें उन्होंने अखाड़ा परिषद के महामंत्री श्रीमहंत हरि गिरि में अखाड़े की ओर से आस्था व्यक्त की। साथ ही अखाड़ा परिषद की नई कार्यकारिणी के चुनाव को 25 अक्टूबर को प्रयागराज दारागंज में होने वाली बैठक में शामिल होने का एलान भी किया। कहा कि इस बैठक में श्रीपंचायती अखाड़ा निर्मला (कनखल-हरिद्वार) के अध्यक्ष, श्रीमहंत, कोठारी व अन्य महंत अनिवार्य रूप से हिस्सा लेंगे। जबकि, गुरुवार को हरिद्वार के महानिर्वाणी अखाड़े में हुई बैठक में स्वयं को निर्मला अखाड़े का कोठारी महंत बताने वाले श्रीमहंत जसविंदर सिंह अखाड़ों के एक गुट की नई कार्यकारिणी में कोषाध्यक्ष पद का दायित्व ग्रहण कर चुके हैं। 

श्रीमहंत रेशम सिंह की ओर से यह बयान श्रीपंचायती अखाड़ा निर्मला की जनरल कमेटी के सदस्य एवं अखाड़े की इब्राहिमपुर (हरिद्वार) शाखा के महंत प्रेम सिंह (शिष्य बाबा कश्मीरा सिंह) ने जारी किया। इसमें स्पष्ट किया गया है कि निर्मला अखाड़ा, अखाड़ा परिषद के साथ है और आगे भी बना रहेगा। अखाड़े का गुरुवार को हुई बैठक से कोई लेना-देना नहीं है। अखाड़े का कोई भी अधिकृत पदाधिकारी उक्त बैठक में शामिल नहीं हुआ। अखाड़े के जो लोग उक्त बैठक में शामिल हुए, उनसे अखाड़े की कोई सहमति नहीं थी।

उधर, महंत प्रेम सिंह ने कहा कि यह निर्णय अखाड़ा परिसर में शुक्रवार को हुई अखाड़े की गवर्निंग बाडी की बैठक में लिया गया। उन्होंने दावा किया कि अखाड़े के तत्कालीन श्रीमहंत ज्ञानदेव सिंह के साथ उनकी बनाई कार्यकारिणी और कोठारी महंत जसविंदर सिंह एक अदालती आदेश के बाद अपना अधिकार व दायित्व खो चुके हैं। ऐसे में उनका कोई भी निर्णय, अधिकार या आदेश अखाड़े पर लागू नहीं होता। कहा कि अब श्रीमहंत रेशम ङ्क्षसह ही अखाड़े के अध्यक्ष और श्रीमहंत हैं। श्रीमहंत ज्ञानदेव ङ्क्षसह व उनकी कार्यकारिणी का अखाड़े पर कोई अधिकार नहीं है। महंत प्रेम सिंह ने कहा कि अखाड़ा परिषद के महामंत्री श्रीमहंत हरि गिरि ने उन्हें अधिकृत तौर पर 25 अक्टूबर को प्रयागराज दारागंज में होने वाली बैठक में भाग लेने का आमंत्रण भेजा है। वह उसे स्वीकार करते हैं और बैठक में भाग लेने जाएंगे।

नई अखाड़ा परिषद को निर्मला अखाड़े का समर्थन: जसविंदर सिंह

खुद को श्रीपंचायती अखाड़ा निर्मला का कोठारी महंत बताने वाले जसविंदर सिंह श्रीमहंत रेशम सिंह और बाबा प्रेम सिंह को अखाड़े का सदस्य ही नहीं मानते। शुक्रवार शाम इंटरनेट मीडिया पर जारी बयान में उन्होंने कहा कि दोनों का अखाड़े से कोई संबंध नहीं है। आरोप लगाया कि महंत प्रेम सिंह फर्जी संत हैं, जो कि संत समाज को बरगला रहे हैं। कहा कि 25 अक्टूबर को प्रयागराज में होने वाली बैठक का अब कोई औचित्य नहीं रह गया है। निर्मला अखाड़े की ओर से नई अखाड़ा परिषद के नवनियुक्त अध्यक्ष श्रीमहंत रवींद्र पुरी और महामंत्री श्रीमहंत राजेंद्र दास को समर्थन दिया गया है। इसमें उदासीन, संन्यासी, निर्मला व बैरागी चारों संप्रदाय के अखाड़े शामिल हैं। कहा कि समाज को भ्रमित करने के लिए षडयंत्र रचने वाले कुछ संत अपने मंसूबों में कभी कामयाब नहीं हो पाएंगे।

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