Haridwar Kumbh 2021: केंद्र की सख्त गाइडलाइन से कुंभ के विस्तृत आयोजन पर संशय, सरकार की बढ़ी चुनौतियां

Haridwar Maha Kumbh Mela 2021 केंद्र सरकार द्वारा कुंभ आयोजन को लेकर जारी की गई सख्त गाइडलाइन से उत्तराखंड सरकार की पेशानी पर बल पड़े हुए हैं। इसका मुख्य कारण अनिवार्य पंजीकरण नेगेटिव रिपोर्ट की जांच करना और शारीरिक दूरी के मानकों का अनुपालन सुनिश्चित कराना है।

By Raksha PanthriEdited By: Publish:Tue, 26 Jan 2021 08:37 AM (IST) Updated:Tue, 26 Jan 2021 05:32 PM (IST)
Haridwar Kumbh 2021: केंद्र की सख्त गाइडलाइन से कुंभ के विस्तृत आयोजन पर संशय, सरकार की बढ़ी चुनौतियां
Haridwar Kumbh 2021: केंद्र की सख्त गाइडलाइन से कुंभ के विस्तृत आयोजन पर संशय।

राज्य ब्यूरो, देहरादून। Haridwar Maha Kumbh Mela 2021 केंद्र सरकार द्वारा कुंभ आयोजन को लेकर जारी की गई सख्त गाइडलाइन से उत्तराखंड सरकार की पेशानी पर बल पड़े हुए हैं। इसका मुख्य कारण अनिवार्य पंजीकरण, नेगेटिव रिपोर्ट की जांच करना और शारीरिक दूरी के मानकों का अनुपालन सुनिश्चित कराना है। कुंभ के मुख्य पर्वों पर एक दिन में पांच लाख से अधिक श्रद्धालुओं के पहुंचने की संभावना है। ऐसे में कुंभ के विस्तृत आयोजन को लेकर संशय बढ़ने लगा है। 

प्रदेश सरकार इस समय लगातार भव्य व दिव्य कुंभ के आयोजन के लिए तैयारियों में जुटी हुई है। ऐसे में केंद्र ने अब कुंभ मेले के आयोजन को लेकर जो गाइडलाइन जारी की है, उसने सरकार की चुनौतियों को कहीं अधिक बढ़ा दिया है। केंद्र सरकार ने कुंभ मेले के लिए निगेटिव आरटीपीसीआर रिपोर्ट लाने व श्रद्धालुओं का रजिस्ट्रेशन सुनिश्चित करने के साथ ही गर्भवती महिलाओं, बुजुर्गों, बीमारों व बच्चों को कुंभ मेले में आने से हतोत्साहित करने को कहा है। यहां गौर करने वाली बात है कि कुंभ में आने वाले श्रद्धालुओं में सबसे अधिक संख्या बुजुर्गों की ही होती है। ऐसे में इन्हें आने से हतोत्साहित करना आसान नहीं होगा। स्नान पर्वों पर घाटों में भीड़ उमड़ती है, इस भीड़ का शारीरिक दूरी के मानकों में बांधना संभव नहीं है। 

आस्था के सैलाब को शासन व प्रशासन चाह कर भी नहीं रोक सकता है। केंद्र सरकार के निर्देश इस ओर इशारा कर रहे हैं कि वह कोरोना संक्रमण को लेकर बहुत अधिक चिंतित है। केंद्र की यह चिंता जायज भी नजर आ रही है। कारण यह कि वर्ष 2020 कोरोना से जूझने में बीता है। अब कोरोना से लड़ाई निर्णायक दौर में है। कोरोना से रोकथाम को दो वैक्सीन आ चुकी हैं। पूरी दुनिया की नजरें भारत पर टिकी हैं। कोरोना के मामले कम हो रहे हैं। इन सबके बीच कुंभ मेला होने जा रहा है। लाखों श्रद्धालुओं के एक स्थान पर एकत्र होने से संक्रमण फैलने की आशंका बढ़ रही है।

चिंता इस बात की है कि कहीं ऐसा न हो कि कुंभ में लाखों लोगों के आने से हरिद्वार और उत्तराखंड में कोरोना संक्रमण की गति तेज हो जाए और यहां से श्रद्धालुओं के अपने राज्यों में वापस जाने के बाद पूरे देश में कोरोना संक्रमण न फैल जाए। विशेषज्ञों का यह भी मानना है कि फरवरी-मार्च में देश में कोरोना की एक और लहर आ सकती है। दूसरे देशों में भी ऐसा देखा गया है।

इन परिस्थितियों में केंद्र द्वारा भेजी गई गाइडलाइन से कुंभ मेले के विस्तृत आयोजन पर संशय के बादल छा गए हैं। अब राज्य के सामने चुनौती यह है कि कुंभ विस्तृत स्वरूप में किया जाए, सीमित स्वरूप में किया जाए या फिर इसे प्रतीकात्मक आयोजन तक ही सीमित रखा जाए।

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