Haridwar Kumbh 2021: कुंभ में भव्य होगी देव डोली यात्रा और स्नान, कोरोना वायरस से बचाव को सामग्री भी होगी शामिल
Haridwar Kumbh 2021 उत्तराखंड लोक संस्कृति विरासतीय शोभा यात्रा समिति की बैठक श्री भरत मंदिर सभागार में आयोजित की गई। इस दौरान समिति के अध्यक्ष पूर्व काबीना मंत्री मोहन सिंह रावत गावंवासी ने कहा कि कुंभ मेंदेव-डोलियों के सामूहिक स्नान का कार्यक्रम वर्ष 2010 में शुरू हुआ था।
जागरण संवाददाता, ऋषिकेश। Haridwar Kumbh 2021 उत्तराखंड लोक संस्कृति विरासतीय शोभा यात्रा समिति की बैठक श्री भरत मंदिर सभागार में आयोजित की गई। बैठक में कहा गया कि इस वर्ष का आयोजन पिछले वर्षों की तुलना में और अधिक भव्य होना चाहिए, यह सब का प्रयास होगा।
बैठक को संबोधित करते हुए समिति के अध्यक्ष पूर्व काबीना मंत्री मोहन सिंह रावत गावंवासी ने कहा कि कुंभ में उत्तराखंड की देव-डोलियों के सामूहिक स्नान का कार्यक्रम वर्ष 2010 में शुरू हुआ था। उत्तराखंड की देव संस्कृति को जन जन तक पहुंचाने के लिए यह कार्यक्रम दिव्यता और भव्यता प्राप्त कर रहा है। अपनी लोक संस्कृति विरासत का संरक्षण और संवर्धन प्रत्येक नागरिक की जिम्मेदारी है। यह कार्यक्रम कोई प्रदर्शन नहीं है बल्कि यह संस्कृति के प्रचार-प्रसार और संरक्षण का ही एक माध्यम है।
पूर्व दायित्व धारी ऊषा रावत ने सुझाव दिया कि विभिन्न जनपदों से आने वाली देव-डोलियों के साथ हमारे पारंपरिक आभूषण के साथ मातृशक्ति की भी झांकी इसमें शामिल होने चाहिए। पुष्पा ध्यानी ने सुझाव दिया कि देव डोली यात्रा और स्नान के कार्यक्रम में जो भी प्रचार-प्रसार सामग्री तैयार की जाए, उसमें लोक भाषा का भी समावेश हो। समिति के प्रमुख सदस्य संजय शास्त्री ने कहा कि और उत्तराखंड से जितनी भी देव-डोलियां यहां आएंगी, उन सबकी परंपरागत फोटो बैनर में होनी आवश्यक है।
संचालन कर रहे समिति के प्रवक्ता धीरेंद्र रांगड़ ने कहा कि देव-डोलियों की यात्रा के साथ कोरोना वायरस संक्रमण से बचाओ और जन जागरण संबंधी सामग्री भी शामिल की जाएगी। 24 अप्रैल को सभी देव-डोलियां ऋषिकेश में एकत्र होंगी। नगर भ्रमण और रात्रि प्रवास के बाद 25 अप्रैल को देव डोलिया हरिद्वार जाएंगी। बैठक में श्री भरत मंदिर के महंत वत्सल शर्मा, बंशीधर पोखरियाल, हर्षवर्धन शर्मा, दीप शर्मा, आशाराम ब्यास, पुष्पा ध्यानी, विनय उनियाल, डॉ. सुनील थपलियाल, आचार्य रामकृष्ण पोखरियाल, मुकुल शर्मा आदि मौजूद रहे।
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