Haridwar Kumbh 2021: कुंभ को लेकर केंद्र सरकार ने जारी की गाइडलाइन, श्रद्धालुओं को रखना होगा इस बात का ध्यान

Haridwar Kumbh 2021 हरिद्वार में 27 फरवरी से शुरू हो रहे कुंभ में आने वाले श्रद्धालुओं को कोरोना जांच के लिए किए जाने वाले आरटीपीसीआर टेस्ट की निगेटिव रिपोर्ट लाना जरूरी होगा। यह रिपोर्ट आने से पहले के 72 घंटे की अवधि के बीच की होनी चाहिए।

By Raksha PanthriEdited By: Publish:Sun, 24 Jan 2021 03:49 PM (IST) Updated:Sun, 24 Jan 2021 10:33 PM (IST)
Haridwar Kumbh 2021: कुंभ को लेकर केंद्र सरकार ने जारी की गाइडलाइन, श्रद्धालुओं को रखना होगा इस बात का ध्यान
कुंभ को लेकर केंद्र सरकार ने जारी की गाइडलाइन।

राज्य ब्यूरो, देहरादून। Haridwar Kumbh 2021 हरिद्वार में 27 फरवरी से शुरू हो रहे कुंभ में आने वाले श्रद्धालुओं को कोरोना जांच के लिए किए जाने वाले आरटीपीसीआर टेस्ट की निगेटिव रिपोर्ट लाना जरूरी होगा। यह रिपोर्ट आने से पहले के 72 घंटे की अवधि के बीच की होनी चाहिए। रिपोर्ट न लाने वाले श्रद्धालुओं को कुंभ क्षेत्र में प्रवेश नहीं करने दिया जाएगा।

साथ ही श्रद्धालुओं का रजिस्ट्रेशन भी अनिवार्य होगा। केंद्र सरकार ने कुंभ के लिए गाइडलाइन जारी कर दी है। इसमें केंद्र ने उत्तराखंड सरकार को कुंभ के आयोजन के संबंध में सभी प्रदेशों में व्यापक प्रचार-प्रचार करने के निर्देश दिए हैं। इसके साथ ही कुंभ की अवधि कम करने पर भी विचार करने को कहा है। हरिद्वार में 27 फरवरी से शुरू होकर कुंभ 30 अप्रैल तक चलेगा। इस दौरान छह स्नान पर्व होंगे। कुंभ के दौरान सामान्य दिनों में प्रतिदिन 10 लाख और स्नान पर्व के दिनों में 50 लाख लोगों के आने का अनुमान है। इतनी बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं के आने से कोरोना संक्रमण का खतरा भी हो सकता है। इसे देखते हुए केंद्र सरकार ने कोरोना से बचाव को कुंभ के लिए विस्तृत गाईडलाइन तैयार की है। इसमें यह स्पष्ट किया गया है कि कुंभ मेले में तैनात होने वाले स्वास्थ्य कर्मियों और अग्रिम पंक्ति के कार्मिकों को प्राथमिकता के तौर पर कोरोना से बचाव का टीका लगाया जाए। केवल टीका लगवाने वाले कार्मिकों को ही कुंभ मेले में तैनाती दी जाए। कुंभ मेले में आने वाले सभी श्रद्धालुओं का रजिस्ट्रेशन और स्वास्थ्य प्रमाण पत्र लाना अनिवार्य किया जाए। मेले में 65 वर्ष से अधिक आयु के व्यक्तियों, गर्भवती महिलाओं, 10 साल से कम उम्र के बच्चों और गंभीर बीमारी से पीडि़त व्यक्तियों को आने से हतोत्साहित किया जाए। गाईडलाइन में यह भी कहा गया है कि सरकारी बुजुर्ग कार्मिक, गर्भवती कार्मिक और बीमार कार्मिकों को अग्रिम पंक्ति के कार्यों में शामिल नहीं किया जाए।

ये भी दिए दिशा-निर्देश

मेले व स्नान के दौरान श्रद्धालुओं के बीच शारीरिक दूरी के मानकों का हो अनुपालन। मास्क पहनना किया जाए अनिवार्य, एंट्री प्वांइट और पार्किंग में सरकारी कीमत पर मास्क बेचने की हो व्यवस्था। गरीबों को मुफ्त मास्क वितरित करने की दिशा में उठाए जाएं कदम। मास्क न पहनने वालों के खिलाफ हो कठोर कार्रवाई, लिया जाएगा जुर्माना। थूकना पूरी तरह प्रतिबंधित किया जाए। मेला क्षेत्र में हाथ धोने के लिए जगह-जगह की जाए व्यवस्था, साबुन भी कराया जाए उपलब्ध। कोविड-19 नोडल अधिकारियों की तैनाती की जाए। कोरोना नियंत्रण को टास्क फोर्स का किया जाए गठन। मेले में जगह-जगह आने और जाने के लिए बनाए जाएं द्वार।  स्थानों पर थर्मल स्क्रीनिंग की हो व्यवस्था। कोरोना के लक्षण वाले व्यक्ति को न करने दिया जाए प्रवेश। प्रदर्शनी, मेले व प्रार्थना सभाओं में श्रद्धालुओं की संख्या की जाए नियंत्रित। समूह में भजन व कीर्तन पर लगे रोक, लाउडस्पीकर में बजवाए जाएं भजन। कोरोना जांच को टेस्टिंग सेंटर की संख्या में किया जाए इजाफा। एम्स ऋषिकेश, दून अस्पताल देहरादून और हिमालयन अस्पताल में कोरोना टेस्ट की व्यवस्था की जाए मजबूत। मेला क्षेत्र में आरटीपीसीआर टेस्ट को चलाई जाएं मोबाइल लैब। मेला क्षेत्र, शौचालयों व स्नान घरों की नियमित की जाए साफ-सफाई।

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