Haj Yatra 2021: हज यात्रा पर कोरोना का असर, उत्तराखंड से अबतक सिर्फ इतने फीसद लोगों ने किया आवेदन

Haj Yatra 2021 कोरोनाकाल के चलते बीते वर्ष के मुकाबले इस बार अब तक तकरीबन 14 फीसद व्यक्तियों ने उत्तराखंड से हज यात्रा के लिए आवेदन किया है। बीते वर्ष 3020 ने आवेदन किया था जिसमें से 1265 चयनित हुए थे।

By Raksha PanthariEdited By: Publish:Sat, 05 Dec 2020 10:38 AM (IST) Updated:Sat, 05 Dec 2020 10:38 AM (IST)
Haj Yatra 2021: हज यात्रा पर कोरोना का असर, उत्तराखंड से अबतक सिर्फ इतने फीसद लोगों ने किया आवेदन
हज यात्रा पर कोरोना का असर, उत्तराखंड से अबतक सिर्फ इतने फीसद लोगों ने किया आवेदन। फाइल फोटो

जागरण संवाददाता, देहरादून। Haj Yatra 2021 कोरोनाकाल के चलते बीते वर्ष के मुकाबले इस बार अब तक तकरीबन 14 फीसद व्यक्तियों ने उत्तराखंड से हज यात्रा के लिए आवेदन किया है। बीते वर्ष 3020 ने आवेदन किया था, जिसमें से 1265 चयनित हुए थे। इस वर्ष सात नवंबर से शुरू हुए हज यात्रा के लिए बीते गुरुवार तक 405 ने आवेदन किए है, जबकि अंतिम तिथि 10 दिसंबर है। आवेदकों को एक और मौका देने के लिए उत्तराखंड राज्य हज समिति ने ऑल इंडिया हज कमेटी को तिथि बढ़ाने को पत्र भेजा है।

कोरोना के चलते इस बार कई धार्मिक यात्राओं पर रोक लग गई थी, जिसमें से हज यात्रा भी शामिल थी। हालांकि, अगले साल 2021 के लिए हज यात्रा की उम्मीद की जा रही है, जिसके लिए यात्रा के मानकों में कई बदलाव के चलते उत्तराखंड राज्य हज समिति ने अपनी ओर से तैयारी शुरू कर दी है। समिति के चेयरमैन शमीम आलम ने बताया कि हज यात्रा 2021 में एक कवर पर पांच की जगह अब तीन आवेदक आवेदन कर सकेंगे। इस बार अनुमानित खर्चा 3,70000 से 5,25000 तक आ सकता है। पहले एक हज यात्री के लिए 2,50000 से 3,50000 खर्च करने पड़ते थे।

प्रथम किस्त पहले 81000 की थी जो अब 1,50000 रुपये निर्धारित की गई है। 30 से 35 दिन की यात्र के लिए हज कमेटी ऑफ इंडिया मुंबई की ओर से 20 से 25 किलोग्राम के दो बैग और चार किलोग्राम का एक हैंड बैग दिया जाएगा। यात्रा शुरू करने से 72 घंटे पहले कोरोना टेस्ट अनिवार्य होगा। उन्होंने बताया कि यदि तब तक कोरोना की वैक्सीन तैयार हो जाती है तो हज यात्रा पर जाने वालों को वैक्सीन निश्शुल्क लगाने के लिए केंद्र सरकार को पत्र लिखा गया है।

सभी को दिया जाएगा आपातकार्ड

सभी हज यात्रियों को आपातकार्ड दिया जाएगा। इसमें यात्री का नाम, पता, रिश्तेदार की पूरी जानकारी और स्थानीय कार्यालय का फोन नंबर होगा। इसे यात्री गले में ही रखेंगे। सउदी में कोई खो न जाए इसके लिए उत्तराखंड राज्य हज समिति ने यात्रियों को विकल्प के तौर पर यह व्यवस्था दी है। यात्र शुरू होने से 10 दिन पहले देहरादून, रुड़की, हल्द्वानी स्थित कार्यालय में आपातकाल के लिए टीम तैयार रहेगी।

पिछली बार का पैसा वापस

उत्तराखंड राज्य हज समिति के चेयरमैन शमीम आलम ने बताया कि बीते वर्ष उत्तराखंड से यात्र के लिए 1265 का चयन हुआ था। तकरीबन 17 करोड़ रुपये ऑल इंडिया हज कमेटी में जमा था, लेकिन कोरोना के चलते यात्रा न होने से सभी के जमा पैसे उन्हें वापस लौटा दिए हैं। इसके अलावा उनके पासपोर्ट भी कार्यालय और डाक के माध्यम से भेज दिए हैं।

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