खदरी-खड़कमाफ में गुलदार हुआ पिजरे में कैद

पिछले लंबे समय से खदरी-खड़कमाफ में सक्रिय गुलदार आखिर पिजरे में कैद हो गया। वन विभाग ने पकड़े गए गुलदार को रेस्क्यू सेंटर भेज दिया है।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 17 Sep 2021 09:55 PM (IST) Updated:Fri, 17 Sep 2021 09:55 PM (IST)
खदरी-खड़कमाफ में  गुलदार हुआ पिजरे में कैद
खदरी-खड़कमाफ में गुलदार हुआ पिजरे में कैद

जागरण संवाददाता, ऋषिकेश : पिछले लंबे समय से खदरी-खड़कमाफ में सक्रिय गुलदार आखिर पिजरे में कैद हो गया। वन विभाग ने पकड़े गए गुलदार को रेस्क्यू सेंटर भेज दिया है।

खदरी-खड़कमाफ में पिछले कई महीनों से गुलदार सक्रिय था। मार्च में यह गुलदार तीन शावकों के साथ यहां नजर आया था। लगातार आबादी क्षेत्र में गुलदार की आमद बनी हुई थी, जिससे स्थानीय नागरिक खौफ में थे। पिछले फरवरी से वन विभाग इस गुलदार को पकड़ने के लिए कई बार अलग अलग जगहों पर पिजरे लगा चुका था। मगर, गुलदार वन विभाग के काबू नहीं आया। जिसके बाद वन विभाग ने व‌र्ल्ड वाइड फंड फार नेचर (डब्ल्यूडब्ल्यूएफ) की मदद ली थी। बीते गुरुवार को डब्ल्यूडब्ल्यूएफ टीम के विशेषज्ञों ने क्षेत्र का दौरा कर गुलदार के संभावित ठिकानों का पता लगाया था। डब्ल्यूडब्ल्यूएफ टीम की सलाह पर वन विभाग ने निर्धारित स्थानों पर पिजरे लगाए थे। जिसका परिणाम शुक्रवार सायं को सामने आ भी गया। सायं करीब सात बजे खदरी-खड़कमाफ के गुलजार फार्म में गन्ने के खेत में लगाए गए पिजरे में गुलदार कैद हो गया। सूचना पाकर मौके पर पहुंचे वन क्षेत्राधिकारी एमएस रावत ने पिजरे में कैद हुए गुलदार की जांच की। उन्होंने बताया कि पकड़ा गया गुलदार करीब चार वर्षीय मादा है। उन्होंने बताया कि मार्च में तीन शावकों के साथ यही गुलदार सीसीटीवी कैमरों में कैद हुई थी। स्थानीय निवासी विनोद जुगलान ने बताया कि मार्च में जब तीन शवकों के साथ गुलदार नजर आया था, तब तीनों शावक करीब एक माह के थे। उन्होंने बताया कि गुलदार के पकड़े जाने के बाद स्थानीय नागरिकों ने राहत की सांस ली है। वन विभाग ने पकड़े गए गुलदार को रेस्क्यू सेंटर भेज दिया है। इस दौरान वन दरोगा स्वयंबर कंडवाल, राजेश बहुगुणा आदि मौजूद थे।

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