भारत कंस्ट्रक्शन कंपनी पर जीएसटी इंटेलीजेंस का छापा, प्रारंभिक जांच में करीब 10 करोड़ रुपये की पकड़ी हेराफेरी

फर्जी बिलों के माध्यम से सरकार को करोड़ों रुपये की चपत लगाने के मामले में डायरेक्टरेट जनरल आफ जीएसटी इंटेलीजेंस (डीजीजीआइ) की टीम ने भारत कंस्ट्रक्शन कंपनी के विभिन्न ठिकानों पर छापेमारी की। सूत्रों की मानें तो प्रारंभिक जांच में ही करीब 10 करोड़ रुपये की हेराफेरी पकड़ी गई है।

By Sumit KumarEdited By: Publish:Wed, 28 Jul 2021 07:05 AM (IST) Updated:Wed, 28 Jul 2021 07:05 AM (IST)
भारत कंस्ट्रक्शन कंपनी पर जीएसटी इंटेलीजेंस का छापा, प्रारंभिक जांच में करीब 10 करोड़ रुपये की पकड़ी हेराफेरी
विभागीय सूत्रों की मानें तो प्रारंभिक जांच में ही करीब 10 करोड़ रुपये की हेराफेरी पकड़ी गई है।

जागरण संवाददाता, देहरादून: फर्जी बिलों के माध्यम से सरकार को करोड़ों रुपये की चपत लगाने के मामले में डायरेक्टरेट जनरल आफ जीएसटी इंटेलीजेंस (डीजीजीआइ) की टीम ने भारत कंस्ट्रक्शन कंपनी के विभिन्न ठिकानों पर छापेमारी की। विभागीय सूत्रों की मानें तो प्रारंभिक जांच में ही करीब 10 करोड़ रुपये की हेराफेरी पकड़ी गई है। छापेमारी करने वाली टीम के हाथ अहम दस्तावेज लग जाने के बाद कंस्ट्रक्शन कंपनी के अधिकारियों ने चार करोड़ रुपये मौके पर जमा भी करा दिए हैं।

भारत कंस्ट्रक्शन पर छापे की कार्रवाई डीजीजीआइ की गाजियाबाद की टीम ने की। इसमें देहरादून यूनिट के अधिकारियों ने भी सहयोग किया। छापे में भारत कंस्ट्रक्शन के हरिद्वार बाईपास रोड स्थित कार्यालय, जीएमएस रोड स्थित घर को खंगाला गया। इसके अलावा कंपनी के वेंडर के ऋषिकेश, देहरादून व विकासनगर स्थित विभिन्न ठिकानों की भी जांच की गई। इस दौरान टीम ने बड़े पैमाने पर आय-व्यय के दस्तावेज कब्जे में लिए और कुछ कंप्यूटर हार्ड डिस्क भी जब्त कीं। कंपनी के दो अधिकारियों को पूछताछ के लिए डीजीजीआइ के स्थानीय कार्यालय भी लाया गया।

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प्रारंभिक जांच में अधिकारियों को पता चला कि कंपनी ने विभिन्न कार्यों के एवज में जो बिल दाखिल किए, उनमें से अधिकांश में वास्तविक खरीद नहीं की गई। बड़े स्तर पर फर्जी बिलों के माध्यम से आइटीसी (इनपुट टैक्स क्रेडिट) का लाभ लिया गया। डीजीजीआइ की जांच अभी जारी है। बताया जा रहा है कि फर्जी बिलों के जरिये सरकार को चपत लगाने का आंकड़ा 20 से 25 करोड़ रुपये भी पहुंच सकता है। हालांकि, वास्तविक स्थिति जांच पूरी होने के बाद ही स्पष्ट हो पाएगी।

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